Karnataka High Court ने हाल ही में सबूतों की कमी के चलते एक महिला द्वारा अपने 22 साल के लिव-इन पार्टनर के खिलाफ दायर रेप के मामले को खारिज कर दिया. जून 2023 में दायर इस मामले में IPC की धारा 376, 417 और 420 के तहत पार्टनर पर यौन उत्पीड़न और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था. न्यायमूर्ति एम. नागाप्रसन्ना ने फैसला सुनाया कि दो दशकों से चले आ रहे आपसी सहमति के रिश्ते में खटास आने के बाद बलात्कार के आरोपों को उचित नहीं ठहरा सकते. अधिक जानने के लिए देखें वीडियो.
'22 साल साथ रहे और अब...' कर्नाटक हाई कोर्ट ने केस रद्द करते हुए क्या कहा?
न्यायमूर्ति एम. नागाप्रसन्ना ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आपसी सहमति के रिश्ते में खटास आने के बाद बलात्कार के आरोपों को उचित नहीं ठहरा सकते.
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