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पाकिस्तान की सेना डायपर क्यों बनाती है?

पाकिस्तान आर्मी का डायपर बनाना इसी की मिसाल है कि उसने अपना व्यावसायिक दायरा कितना बढ़ा लिया है.

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पाकिस्तानी सेना भारतीय सेना से कितनी अलग. (तस्वीर : इंडिया टुडे )

स्टीफन फिलिप कोहेन ने अपनी किताब 'दी आइडिया ऑफ़ पाकिस्तान' में सत्य ही लिखा था, “हर देश के पास एक सेना होती है, पाकिस्तानी सेना के पास एक देश है.“ पाकिस्तान आर्मी सिर्फ़ एक सैन्य बल नहीं, बल्कि देश की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री का बड़ा हिस्सा है. सेना कई कंपनियों के ज़रिये डायपर, जूते-चप्पल, स्वेटर, खाद, हथियार यहां तक कि रोजमर्रा की अन्य चीज़ें भी बनाती है.

पाकिस्तान की GDP में सेना का लगभग 3-4% हिस्सा है. वहीं सेना का एक–तिहाई हिस्सा पाकिस्तान की मैन्युफैक्चरिंग में है. पाकिस्तान के 3 बड़े संगठन, फौजी फाउंडेशन, शाहीन फाउंडेशन और बहरिया फाउंडेशन सेना द्वारा चलाए जाते हैं. उसके पास पाकिस्तान ऑर्डनेंस फैक्ट्री (POF), नेशनल रेडियो एंड टेलीकम्युनिकेशन कॉर्पोरेशन (NRTC) और पाकिस्तान एरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स (PAC) जैसी संस्थाएं भी हैं जो हथियार और अन्य सैन्य उपकरण बनाती हैं. ये संस्थाएं अक्सर सरकारी सब्सिडी का बड़ा हिस्सा लेती हैं, लेकिन पारदर्शिता न के बराबर होती है.

गौरतलब है कि सेना की मैन्युफैक्चरिंग में डायपर बनाना भी शामिल है. यह एक तरह से दर्शाता है कि सेना ने अपने व्यापारिक दायरे को कितना बढ़ा लिया है. इसके अलावा, सेना के कई अधिकारी और रिटायर्ड जनरल करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं, जो उनके वेतन से संभव नहीं.

पाकिस्तानी सेना में भ्रष्टाचार की कहानियां आम हैं. कई आला अधिकारी अरबों के घोटालों में लिप्त पाए गए हैं. उदाहरण के लिए, पूर्व सेना प्रमुख अशफ़ाक़ कयानी, लेफ्टिनेंट जनरल आसिम सलीम बाजवा, मेजर जनरल एजाज शाहिद और कई अन्य अधिकारियों के नाम भ्रष्टाचार के मामलों में सामने आए हैं.

पाकिस्तानी सेना विदेश से मिली आर्थिक सहायता को आतंकवाद के पालन-पोषण में इस्तेमाल करती आई है. 2022 में क्रेडिट सुइसे की एक रिपोर्ट लीक हुई. इस रिपोर्ट में पाकिस्तान के पूर्व इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) प्रमुख जनरल अख्तर अब्दुर रहमान ख़ान का नाम सामने आया. जनरल रहमान ने 1980 के दशक में अमेरिका और अन्य देशों से अरबों डॉलर की आर्थिक सहायता अफगान के मुजाहिदीन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उस समय ये आतंकवादी सोवियत संघ के खिलाफ लड़ रहे थे.

पाकिस्तान– भारत: दो अलग दुनिया

पाकिस्तान की सेना और अर्थव्यवस्था काफी कमजोर है. भारत का रक्षा बजट लगभग 79 बिलियन डॉलर (लगभग 6 लाख 74 हजार करोड़ रुपये) है, जबकि पाकिस्तान का लगभग $10 बिलियन (लगभग 85 हजार करोड़ रुपये). भारत की सक्रिय सेना लगभग 14.6 लाख की है, वहीं पाकिस्तान की सिर्फ 6 लाख 54 हजार. वर्तमान में भारत के पास आधुनिक हथियार और तकनीक हैं, जबकि पाकिस्तान काफी हद तक चीन पर निर्भर है. भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. वहीं पाकिस्तान आटा-दाल के लिए भी IMF जैसी संस्थाओं से मिले आर्थिक मदद पर निर्भर करता है.

पाकिस्तान आर्मी का डायपर बनाना इसी की मिसाल है कि उसने अपना व्यावसायिक दायरा कितना बढ़ा लिया है. दूसरी तरफ़ भ्रष्टाचार के कारण देश की आर्थिक स्थिति और सैन्य क्षमता दोनों कमजोर हैं. भारत के मुकाबले पाकिस्तान की सेना आर्थिक और सैन्य दोनों मोर्चों पर भारत से काफी पीछे है.

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