अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की नई इमिग्रेशन नीतियों के बाद से H-1B वीजा प्रक्रिया में काफी उलझनें पैदा हो गई हैं. 15 दिसंबर 2025 के बाद से अमेरिकी दूतावासों में वीजा स्टैम्पिंग अपॉइंटमेंट्स में 12 महीने तक की वेटिंग है. इसका असर सिलिकॉन वैली की दिग्गज टेक कंपनियों पर भी पड़ा है. इन कंपनियों ने अपने विदेशी कर्मचारियों (ज्यादातर भारतीय) को सख्त सलाह दी है कि वो किसी भी हाल में अमेरिका से बाहर न जाएं.
अमेरिका से बाहर मत जाओ! गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न ने कर्मचारियों को दी सख्त चेतावनी
अमेरिकी दूतावास अधिकारी अब हर एप्लीकेंट के ऑनलाइन अकाउंट्स चेक कर रहे हैं. अगर इसमें कुछ भी आपत्तिजनक पाया जाता है, तो वीजा एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाती है.
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इस समस्या की जड़ ट्रंप सरकार का नया नियम है, जिसमें H-1B, H-4 और कुछ अन्य वीजा एप्लीकेंट्स के सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच अनिवार्य कर दी गई है. दूतावास अधिकारी अब हर एप्लीकेंट के ऑनलाइन अकाउंट्स चेक कर रहे हैं. अगर इसमें कुछ भी आपत्तिजनक पाया जाता है, तो वीजा एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाती है. इस जांच प्रक्रिया में समय लगने के कारण हजारों अपॉइंटमेंट्स रद्द हो चुके हैं. भारत में दिसंबर-जनवरी के शेड्यूल इंटरव्यू अब मार्च 2026 से लेकर अक्टूबर 2026 तक टल चुके हैं.
इस संकट से सबसे ज्यादा प्रभावित बड़ी टेक कंपनियों के कर्मचारी हैं, जो छुट्टियों में घर गए थे और अब अमेरिका वापस नहीं लौट पा रहे. कंपनियां ऐसे कर्मचारियों को रिमोट वर्क कराने या अमेरिका में ही रुकने की सलाह दे रही हैं.
माइक्रोसॉफ्ट: कंपनी ने कहा है कि कर्मचारी विदेश यात्रा से पूरी तरह बचें. अपॉइंटमेंट रिशेड्यूल होने पर महीनों तक फंस सकते हैं. ट्रैवल प्लान पर दोबारा विचार करें.
अमेज़न: दिसंबर अंत या जनवरी में अपॉइंटमेंट वाले कर्मचारी अमेरिका में ही रहें. विदेश जाने पर अपॉइंटमेंट कैंसिल हो सकता है, जिससे लंबे समय तक काम प्रभावित होगा.
गूगल: वीजा प्रोसेसिंग में 12 महीने तक की देरी संभव. ज्यादा डिमांड और बढ़ी हुई स्क्रीनिंग के कारण विदेश यात्रा न करें. कोई सवाल हो तो कंपनी से संपर्क करें.
एप्पल: बिना वैलिड H-1B स्टैंप के विदेश यात्रा से बचें. अगर यात्रा टालना मुमकिन नहीं तो तुरंत कंपनी के इमिग्रेशन डिपार्टमेंट से संपर्क करें.
ServiceNow: कंपनी ने अपने कर्मचारियों को सूचित किया है कि भारत जाकर वीजा स्टैम्पिंग करवाने वाले लोग अपॉइंटमेंट मिलने में काफी बड़ी देरी का सामना कर सकते हैं. कंपनी ने ऐसे प्लान को रद्द करने की सलाह दी है. कंपनी ने कहा है कि मेडिकल या फैमिली इमरजेंसी के मामलों में वो अपने 30 दिन के वर्क-फ्रॉम-एनीवेयर नियम में केस-बाय-केस आधार पर छूट पर विचार करेगी.
US एंबेसी इंडिया ने X पर पोस्ट कर H-1B और H-4 वीजा अप्लाई करने वालों को बताया कि 15 दिसंबर से अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ स्टेट ने सभी H-1B और H-4 वीजा एप्लिकेंट्स के लिए ऑनलाइन प्रेजेंस रिव्यू (सोशल मीडिया और ऑनलाइन चेकिंग) को स्टैंडर्ड वीजा स्क्रीनिंग का हिस्सा बना दिया है. ये स्क्रीनिंग पूरी दुनिया में लागू है. हर नेशनलिटी के हर एप्लिकेंट पर, चाहे वो कहीं से भी अप्लाई कर रहे हों. इसका मकसद H-1B प्रोग्राम के दुरुपयोग को रोकना है. साथ ही ये सुनिश्चित करना है कि अमेरिकी कंपनियों में बेस्ट टैलेंट हायर किया जा सके.

हालांकि एंबेसी अभी भी एप्लीकेशन स्वीकार कर रही है और प्रोसेसिंग जारी है. इसके बावजूद एप्लीकेंट्स को सलाह दी जा रही है कि वो जल्दी से जल्दी अप्लाई करें और लंबे प्रोसेसिंग टाइम के लिए तैयार रहें.
वीडियो: H-1B वीसा की फीस 1 लाख डॉलर किसपर लागू होगी, कौन बचा रहेगा, ट्रम्प प्रशासन ने सब बता दिया














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