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एक हफ्ते में तीसरे BLO ने की आत्महत्या, परिवार ने SIR के वर्कलोड को बताया वजह

Jalpaiguri BLO Dies By Suicide: Mamata Banerjee ने हाल में हुई इन मौतों के लिए SIR को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, 'SIR शुरू होने के बाद से अब तक 28 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कुछ डर और अनिश्चितता के कारण, तो कुछ तनाव और काम के बोझ के कारण.'

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शांतिमणि एक्का (48) नाम की मृतक महिला पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी की रहने वाली थी. (फोटो- इंडिया टुडे)

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में एक बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) की 'आत्महत्या' के बाद विवाद खड़ा हो गया है. परिवार का आरोप है कि वोटर लिस्ट को लेकर चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के दौरान महिला BLO पर काम का काफी ज्यादा दबाव था. घटना के बाद, राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने SIR प्रक्रिया को लेकर फिर चिंता जताई है. उन्होंने SIR पर रोक लगाने की अपील तक कर दी.

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जबकि राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इसे बूथ जिला अधिकारी (BDO) की गलती बताया है. बीते एक हफ्ते में किसी BLO के आत्महत्या करने का ये तीसरा मामला है. इससे पहले राजस्थान और केरल में ऐसे दो केस सामने आ चुके हैं.

SIR से तंग आकर BLO ने की आत्महत्या?

मृतक शांतिमणि एक्का (48) मालबाजार इलाके की रहने वाली थीं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, हाल ही में उन्हें BLO के रूप में SIR ड्यूटी सौंपी गई थी. वो घर-घर जाकर फॉर्म बांटतीं और इकट्ठा करती थीं. उनके परिवार का आरोप है कि वो काफी दबाव में थीं और मानसिक रूप से परेशान थीं.

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परिवार का कहना है कि शांतिमणि अपने बूथ की एकमात्र BLO थीं. बुधवार, 19 नवंबर की सुबह जब वो घर में नहीं मिलीं, तो परिवार ने तलाश शुरू की. कुछ ही देर बाद आंगन में उनका शव मिला. स्थानीय पुलिस ने शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है. 

इंडिया टुडे से जुड़े अनुपम मिश्रा की खबर के मुताबिक, शांतिमणि की तैनाती एक चाय बागान बहुल इलाके में थी, जहां ज्यादातर लोग हिंदी भाषी हैं. उनके पति सोको एक्का ने बताया कि उन्हें अक्सर बातचीत करने में दिक्कत होती थी. इसके चलते गलतियां होती थीं और जनता का दबाव भी रहता था. सोको ने बताया कि शांति हर शाम ‘मानसिक रूप से टूटकर’ घर लौटती थीं. 

उन्होंने आगे कहा,

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वो अपना इस्तीफा देने भी गई थी. लेकिन अधिकारी ने कहा कि चूंकि उनका नाम लिस्ट में है, इसलिए इसे रद्द नहीं किया जा सकता.

वहीं, महिला के बेटे बिशु एक्का ने कहा, 

वो मानसिक रूप से बहुत परेशान थीं. उन पर काम का बहुत ज्यादा दबाव था, ICDS (एकीकृत बाल विकास सेवा) का काम और फिर बीएलओ की ड्यूटी. बहुत सारे फॉर्म थे और वे बंगाली में थे. इसलिए कोई भी हमारी मदद नहीं कर पा रहा था. मुझे लगा कि वो खाना बना रही हैं. लेकिन मेरे पिता ने मुझे बताया कि क्या हुआ था.

Mamata Banerjee ने उठाए सवाल

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय चुनाव आयोग (ECI) पर निशाना साधा. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘गहरा सदमा और दुख हुआ. आज फिर, हमने जलपाईगुड़ी के माल में एक बूथ लेवल ऑफिसर, एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को खो दिया. जिसने SIR के काम के असहनीय दबाव में आकर अपनी जान ले ली.’

हाल ही में हुई मौतों के लिए SIR को जिम्मेदार ठहराते हुए सीएम ममता ने कहा, 

‘SIR शुरू होने के बाद से अब तक 28 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. कुछ डर और अनिश्चितता के कारण, तो कुछ तनाव और काम के बोझ के कारण. तथाकथित भारतीय चुनाव आयोग द्वारा थोपे गए अनियोजित और थका देने वाले वर्कलोड के चलते इतनी कीमती जानें जा रही हैं.’

इन मौतों पर चिंता जताते हुए ममता बनर्जी ने भारत के चुनाव आयोग से इस अभियान को रोकने का आग्रह किया. लिखा, ‘एक प्रक्रिया जो पहले तीन साल में पूरी हो जाती थी, अब राजनीतिक आकाओं को खुश करने के लिए चुनाव से ठीक पहले दो महीने में पूरी की जा रही है. इससे BLO पर अमानवीय दबाव पड़ रहा है. मैं चुनाव आयोग से आग्रह करती हूं कि वो विवेक से काम ले और इस अनियोजित अभियान को तुरंत रोके, इससे पहले कि और जानें जाएं.’

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ममता बनर्जी ने उठाए सवाल.

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हालांकि, चुनाव आयोग के ऑफिस की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन ऑफिस के एक सीनियर अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि बूथ जिला अधिकारी (BDO) से एक रिपोर्ट मांगी गई है. इसके बाद ऑफिस आगे के संभावित कदमों पर विचार करेगा. 

इस बीच बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा,

... मुझे पता चला कि इसकी वजह जॉइंट BDO है. चुनाव आयोग की इसमें कोई भूमिका नहीं है. TMC को SIR को खत्म करना था. लेकिन हमें खुशी है कि बंगाल में SIR शुरू हो गया है. बाकी सभी राज्यों में जहां SIR चल रहा है, वहां कुछ नहीं हो रहा है. ये सिर्फ TMC शासित बंगाल में हो रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में केरल और राजस्थान में भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई थीं. आत्महत्या का ये तीसरा मामला है. जयपुर में मुकेश जांगिड़ (45) ने रविवार, 16 नवंबर को आत्महत्या कर ली. केरल के कन्नूर जिले में अनीश जॉर्ज (44) का शव भी मिला था. दोनों मामलों में आरोप लगे कि इन BLO पर काम का दबाव ज्यादा है.

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