रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत के दौरे पर आने वाले हैं. केंद्र सरकार पूरी तैयारी के साथ उनकी मेजबानी के लिए जुटी हुई है. इस बीच भारत में तैनात यूनाइटेड किंगडम (UK), फ्रांस और जर्मनी के राजदूतों ने एक ऐसा काम कर दिया, जिससे भारत सरकार नाराज है. इन तीनों राजदूतों ने एक जॉइंट ओपिनियन पीस (आर्टिकल) लिखकर रूस और पुतिन पर निशाना साधा है.
पुतिन के भारत दौरे से ऐन पहले पश्चिम ने रूस के खिलाफ लिखा साझा लेख, सरकार का जवाब भी आया
UK, France और Germany के राजदूतों ने Ukraine War जारी रखने के लिए रूसी राष्ट्रपति Vladimir Putin की आलोचना की. उन्होंने आरोप लगाया कि रूस शांति कायम करने के लिए सीरियस नहीं है.


पुतिन के भारत दौरे से ऐन पहले उनके विरोध में लिखे गए आर्टिकल पर नई दिल्ली ने नाराजगी जाहिर की. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय विदेश मंत्रालय के टॉप अधिकारियों ने 30 नवंबर को छपे इस आर्टिकल पर गौर किया है. उन्होंने आर्टिकल की टाइमिंग को 'बहुत अजीब' बताया. अधिकारियों ने कहा, "किसी तीसरे देश के साथ भारत के रिश्तों पर खुले तौर पर सलाह देना मानने लायक डिप्लोमैटिक प्रैक्टिस नहीं है."
इस जॉइंट आर्टिकल में फ्रेंच राजदूत थिएरी मथौ, जर्मन हाई कमिश्नर फिलिप एकरमैन और UK हाई कमिश्नर लिंडी कैमरन की बायलाइन है. आर्टिकल की हेडलाइन है- ‘World wants the Ukraine war to end, but Russia doesn’t seem serious about peace'… माने 'दुनिया यूक्रेन युद्ध का अंत चाहती है, लेकिन रूस शांति को लेकर गंभीर नहीं लग रहा'.
इस आर्टिकल में तीनों यूरोपीय देशों के राजदूतों ने यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आलोचना की. उन्होंने कहा कि ड्रोन और मिसाइल अटैक दिखाते हैं कि रूस शांति कायम करने के लिए सीरियस नहीं है.
UK, फ्रांस और जर्मनी तीनों नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (NATO) के सदस्य देश हैं. आर्टिकल में तीनों देशों के राजदूतों ने यूक्रेन और उसके लोगों को सैन्य और गैर-सैन्य मदद देने की बात दोहराई. यह आर्टिकल इन मायनों में अहम है कि पुतिन 4 नवंबर को भारत आ रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुलावे पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन 23वें भारत-रूस सालाना सम्मेलन के लिए 4-5 दिसंबर 2025 तक भारत का राजकीय दौरा करेंगे. पुतिन ने भी रूस और भारत के संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा जताई है.
वीडियो: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे का पूरा प्लान, विमान, टैरिफ और किन मुद्दों पर बात हो सकती है?













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