The Lallantop

भगत सिंह बनाने के चक्कर में बच्चों को 'फांसी' दी, वायरल वीडियो पर आयोजक का जवाब लाजवाब कर देगा!

वीडियो इसी साल 26 जनवरी का है. जगह थी उत्तर प्रदेश का पीलीभीत. जिले की पूरनपुर तहसील में नगर पालिका की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर ये नाटक कराया गया था जिस पर बवाल मचा हुआ है.

Advertisement
post-main-image
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत का है मामला.

सोशल मीडिया पर कुछ दिनों से तीन बच्चों की 'फांसी' का वीडियो बवाल मचाया हुआ है. मामला एक स्टेज परफॉर्मेंस से जुड़ा है. तीनों नाबालिग लड़के गणतंत्र दिवस के मौके पर महान क्रांतिकारी भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के किरदार निभा रहे थे. देश को आजाद कराने का जज्बा लिए इन क्रांतिकारियों को अंग्रेजी हुकूमत ने फांसी की सजा दी थी. ये तीनों बच्चे इसी को स्टेज पर प्ले कर रहे थे. लेकिन इस पर तब विवाद हो गया जब बच्चों को खुले स्टेज पर सबके सामने ‘फांसी’ लगाई गई. बच्चों को एक बल्ली के जरिये लटकाया गया. ये सब भले नाटक था, लेकिन कई लोगों को दहला गया. फांसी का नाटक करते हुए बच्चों की असहजता उनके चेहरे पर कपड़ा लगा होने के बाद भी दिख रही थी.

Advertisement

और ना सिर्फ बच्चे, बल्कि स्टेज पर मौजूद अन्य लोग भी सहज नहीं दिख रहे थे. वीडियो में परफॉर्मेंस देते हुए बच्चे अचानक ‘फांसी’ पर झूलते दिख रहे हैं. तभी उनमें से एक में कुछ हरकत होती है और सभी के गले के पास लगा हुक खोलकर उन्हें फंदे से मुक्त कर दिया जाता है. हैरानी की बात ये कि इस घटनाक्रम के दौरान स्थानीय विधायक बाबूराम पासवान, नगर पालिका अध्यक्ष शैलेन्द्र गुप्ता, ADM अजीत सिंह के साथ कई अन्य नेता और प्रशासनिक अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद थे.

वीडियो के जरिये जब से ये दृश्य लोगों के सामने आया है, बवाल छिड़ा हुआ है. कार्यक्रम कराने वालों की जमकर आलोचना हो रही है. बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं. कई लोगों का कहना है कि प्रोग्राम के लिए बच्चों की ज़िंदगी का रिस्क लेना ग़लत है. कुछ लोगों ने प्रशासन से इस पर एक्शन लेने की मांग की है.

Advertisement

एक यूज़र ने X पर लिखा,

रस्सी कहीं से भी बंधी हो ये गलत है, इन टीचर की नौकरी जानी चाहिए.

The Lallantop: Image Not Available
सोशल मीडिया पर लोगों के कॉमेंट्स.

वरुण मिश्रा नाम के यूज़र ने लिखा, 

Advertisement

सरकार और पुलिस को स्कूल और प्रोग्राम के आयोजकों के खिलाफ सख्त एक्शन लेना चाहिए.

kdaksda
सोशल मीडिया पर लोगों के कॉमेंट्स.

समुंदर सिंह ने लिखा,

अच्छा होता कि ये लोग खुद पर ऐसा करके दिखाते. इनको सज़ा मिलनी चाहिए. लेकिन अंधविश्वासी और अंधभक्तों के देश में ऐसा करने की हिम्मत करेगा कोई?

kasdkfas
सोशल मीडिया पर लोगों के कॉमेंट्स.

खोजबीन करने पर पता चला कि वीडियो इसी साल 26 जनवरी का है. जगह थी उत्तर प्रदेश का पीलीभीत. इंडिया टुडे से जुड़े सौरभ पाण्डेय ने बताया कि यह कार्यक्रम पूरनपुर तहसील में नगर पालिका की ओर से गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित किया गया था. इसमें स्कूल और कई अन्य क्लबों के बच्चे परफॉर्म कर रहे थे. प्रोग्राम अंग्रेज़ों द्वारा शहीद भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को दी गई फांसी की थीम पर बेस्ड था.

वीडियो को लेकर बवाल मचा तो नगर पालिका के अध्यक्ष शैलेन्द्र गुप्ता ने कहा,

गणतंत्र दिवस पर यह प्रोग्राम किया गया था. देशभक्ती का प्रोग्राम था. एक दिन पहले इसकी प्रैक्टिस भी कराई गई थी. कोई अनहोनी न हो इसके लिए सेफ्टी बेल्ट का इंतज़ाम किया गया था. जो देशभक्त नहीं हैं वो इस पर सवाल उठा रहे हैं. इस तरह के कार्यक्रम आगे भी आयोजित होते रहेंगे.

बच्चों और डायमंड क्लब की टीम ने इंडिया टुडे को बताया कि सीन को रियल बनाने के लिए उन्होंने ऐसा किया. बच्चों के साथ कोई अनहोनी न हो इसके लिए सेफ्टी बेल्ट लगाई गई थी. तीनों बच्चे पूरी तरह से सुरक्षित हैं. परफॉर्म करने वाले बच्चों को नगर पालिका ने फर्स्ट प्राइज़ दिया है. 

वीडियो: Olympic Semifinals में क्यों हारा था भारत Hockey Captain Harmanpreet Singh ने खोला राज़

Advertisement