तमिलनाडु के करूर में अभिनेता से नेता बने विजय थलपति की रैली में मची भगदड़ से अब तक 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें कई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं. घटनास्थल पर बिखरी पड़ी चप्पलें, टूटी हुई ग्रिल और फटे हुए पार्टी स्कार्फ हादसे की वीभत्सता बयां कर रहे हैं. जो लोग आए थे, उनमें सब राजनीतिक कार्यकर्ता नहीं थे, कुछ लोग ऐसे भी थे, जो अपने सुपरस्टार की एक झलक पाना चाहते थे. ये भीड़ जितनी राजनीतिक थी, उतनी ही ‘सिनेमाई’ भी. हजारों लोग विजय की एक झलक पाने, सेल्फी लेने और उन तक पहुंचने की कोशिश में बेकरार थे. लेकिन तभी भगदड़ मची और रैली एक तबाही में तब्दील हो गई.
'पानी की एक घूंट के लिए तड़प रहे थे लोग...' करूर भगदड़ की आंखों देखी सुन कांप जाएंगे!
Vijay Karur Rally Stampede: यह भीड़ जितनी राजनीतिक थी, उतनी ही ‘सिनेमाई’ भी. हजारों लोग विजय की एक झलक पाने, सेल्फी लेने और उन तक पहुंचने की कोशिश में बेकरार थे. लेकिन तभी भगदड़ मची और रैली एक तबाही में तब्दील हो गई.


‘एंबुलेंस फंसी रही, भाषण चलता रहा…’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 27 सितंबर के कार्यक्रम के दौरान विजय की प्रचार गाड़ी के पीछे खड़े एक बस-बॉडी वर्कर सुभाष ने बताया कि एक्टर के आने से कई घंटे पहले ही बहुत भीड़ बढ़ गई थी और लोग थक गए थे. विजय की गाड़ी के पहुंचने के बाद, दबाव दोगुना हो गया. उन्होंने बताया कि भीड़ बढ़ती जा रही थी. जब उनकी गाड़ी अंदर आई, तो पहले से ही भीड़ भरी सड़क पर उनके लिए जगह बनाना और भी मुश्किल हो गया. इस समय तक, हालात लोगों की सेहत पर असर डालने लगे थे. सुभाष ने बताया,
तभी एक बच्चे को दौरा पड़ा और एक महिला बेहोश हो गई. एम्बुलेंस बुलाई गईं, लेकिन वह मौके पर नहीं पहुंच पाईं, इसलिए जो लोग बेहोश हो गए थे, उन्हें पास की गलियों में ले जाया गया. आखिरकार, जब पहली एम्बुलेंस आई, तो और भी कई मरीजों का इलाज करना था.
आगे उन्होंने बताया कि इसके बाद एम्बुलेंस ही भीड़भाड़ की वजह बन गई, क्योंकि विजय का भाषण जारी रहने की वजह से उसे हिलने-डुलने की जगह नहीं थी.
‘एक घूंट के लिए दौड़ रहे थे लोग’
स्थानीय दर्जी साउंडर के लिए यह हादसा बेहद निजी थी. उनके बड़े भाई भी बेहोश होने वालों में शामिल थे. उन्होंने बताया,
उन्हें पास की एक गली में ले जाया गया जहां महिलाएं पानी ला रही थीं. उस भीषण गर्मी और भागदौड़ में और भी कई लोग पानी की एक घूंट लेने के लिए दौड़ रहे थे.
घटनास्थल के पास रहने वाली अनुपमा ने बताया कि लोग उनके घर के ग्रिल वाले दरवाजे तोड़कर अंदर घुस आए. लोगों ने घर की छतों और यहां तक कि सनशेड पर भी कब्जा कर लिया, जिसका एक हिस्सा टूट गया. अनुपमा ने बताया,
हमने उन्हें पानी दिया, कुछ बेहोश महिलाओं को अंदर लाया गया और उन्हें होश में लाने के लिए चीनी और पानी दिया. कुछ की हालत बहुत खराब थी.
उनके मुताबिक, विजय के पहुंचने से पहले ही समस्याएं शुरू हो गई थीं. उनकी गाड़ी इस जगह पर पहुंचने से पहले ही बिजली चली गई थी. जब बाद में एम्बुलेंस पहुंची तो और भी मुसीबतें पैदा हो गईं. लगभग 15 लोग अनुपमा के घर के बाहर एक पेड़ की टहनी पर बैठे थे. बाद में टहनी गिर गई, जिससे कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और दहशत और बढ़ गई.
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गोकुलश्री और आकाश जैसे कुछ और युवा फैन्स, जिनकी अगले महीने शादी होने वाली थी, वो भी रैली में गए और फिर कभी वापस नहीं लौटे. गोकुलश्री की मां ने कहा कि उन्होंने उसे जाने से मना किया था, लेकिन उसने उनकी बात नहीं मानी.
पुलिस ने विजय की पार्टी तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) के जिला सचिव, पार्टी महासचिव और संयुक्त महासचिव के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. वहीं, विजय ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और पीड़ितों के लिए मुआवजे का एलान किया.
वीडियो: एक्टर विजय की रैली में मची भगदड़ से 39 लोगों की मौत, अबतक क्या-क्या हुआ?