उत्तराखंड के चमोली जिले में एक सुरंग के अंदर एक लोको ट्रेन मालगाड़ी से टकरा गई. हादसे में 60 लोग घायल हो गए. घटना के समय ट्रेन में 109 यात्री सवार थे. जानकारी के मुताबिक चमोली में विष्णुगाड-पीपलकोटी हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट की पीपलकोटी सुरंग के अंदर एक ट्रेन मजदूरों और अधिकारियों को लेकर जा रही थी. तभी ट्रेन की टक्कर एक मालगाड़ी से हो गई.
चमोली में सुरंग के भीतर टकराईं दो ट्रेनें, 60 मजदूर घायल, बचाव अभियान तेज
Chamoli Train Accident: सुरंग के अंदर एक ट्रेन लोगों को ले जा रही थी और दूसरी ट्रेन सामान ले जा रही थी, तभी दोनों में टक्कर हो गई. बताया जा रहा है कि एक ट्रेन में अचानक तकनीकी खराबी आ गई थी. इस वजह से ट्रेन पीछे से दूसरी ट्रेन से टकरा गई. हादसा सुरंग के संकरे और अंधेरे हिस्से में हुआ.
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चमोली के डीएम गौरव कुमार ने एक न्यूज एजेंसी को बताया कि हादसा मंगलवार, 30 दिसंबर को देर शाम हुआ. गनीमत रही कि सभी यात्रियों को बचा लिया गया है. हालांकि हादसे में 60 लोग चोटिल हुए हैं. लेकिन घायल अभी खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं.
सुरंग के अंदर मची अफरा-तफरीडीएम के मुताबिक सुरंग के अंदर एक ट्रेन लोगों को ले जा रही थी और दूसरी ट्रेन सामान ले जा रही थी, तभी दोनों में टक्कर हो गई. अधिकारियों ने बताया कि सुरंग के अंदर मजदूरों या अधिकारियों को ले जाने के लिए या फिर सामान वगैरह की ढुलाई के लिए लोको ट्रेनों का इस्तेमाल किया जाता है. चमोली के एसडीएम ने बताया कि 10 घायलों को इलाज के लिए गोपेश्वर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं चमोली के एसपी सुरजीत सिंह ने एएनआई को बताया,
42 लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से 4-5 लोगों को फ्रैक्चर हुआ है. 17 लोगों को पीपलकोटी के विवेकानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्रोजेक्ट एरिया में दो ट्रेनों की टक्कर हुई. हमारी फोर्स और प्रशासनिक अधिकारी दोनों अस्पतालों में मौजूद हैं.

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सुरंग के अंदर एक ट्रेन में अचानक तकनीकी खराबी आ गई थी. इस वजह से ट्रेन पीछे से दूसरी ट्रेन से टकरा गई. हादसा सुरंग के संकरे और अंधेरे हिस्से में हुआ. टक्कर के कारण मजदूरों का बैलेंस बिगड़ गया और कई लोग ट्रेन के डिब्बों के अंदर गिर गए. अचानक हुए हादसे के बाद टनल के अंदर चीख-पुकार और अफरा-तफरी मच गई. मजदूर बाहर निकलने का रास्ता ढूंढने लगे. हादसे की जानकारी मिलते ही प्रोजेक्ट मैनेजमेंट और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत और बचाव अभियान शुरू किया.
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बताया गया है कि चमोली का यह 444-मेगावाट का हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट हेलंग और पीपलकोटी के बीच अलकनंदा नदी पर बनाया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट से चार टर्बाइन के ज़रिए 111 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी. इसका निर्माण कार्य अगले साल तक पूरा करने का लक्ष्य है. बहरहाल इस तरह की घटना से प्रोजेक्ट साइट पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
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