RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने 18 नवंबर को अपनी बहन रोहिणी आचार्य का खुलकर समर्थन किया. रोहिणी ने हाल ही में छोटे भाई तेजस्वी यादव और उनके करीबी सहयोगी संजय यादव पर अपमान और गाली-गलौज का गंभीर आरोप लगाया था. रोहिणी का एक ट्वीट भी सामने आया, जिसमें उन्होंने किडनी दान करने की आलोचना करने वालों को भी घेरा.
लालू परिवार के संकट में नया मोड़, तेज प्रताप ने पिता के लिए पीएम मोदी से मांगी मदद
तेज प्रताप यादव ने चेतावनी दी कि बहन का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जयचंदों को अपने किए की कीमत चुकानी पड़ेगी. बिहार की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी.


इस पूरे विवाद के बीच तेज प्रताप यादव ने केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बिहार सरकार से एक अपील की है. उन्होंने कहा कि अगर उनके माता-पिता (लालू प्रसाद और राबड़ी देवी) पर कोई मानसिक या शारीरिक दबाव डाला जा रहा है तो इसकी निष्पक्ष और सख्त जांच कराई जाए.
तेज प्रताप ने अपने X हैंडल और जनशक्ति जनता दल के अकाउंट से पोस्ट कर लिखा,
“कहा जा रहा है कि कुछ जयचंद हमारे माता-पिता लालू प्रसाद जी और मां को मानसिक-शारीरिक दबाव में रखने की कोशिश कर रहे हैं. अगर इसमें जरा भी सच्चाई है तो ये सिर्फ परिवार पर हमला नहीं, बल्कि आरजेडी की आत्मा पर सीधा प्रहार है. मैं प्रधानमंत्री जी, अमित शाह जी और बिहार सरकार से अनुरोध करता हूं कि इस मामले में तत्काल, निष्पक्ष और सख्त जांच कराई जाए.”
उन्होंने आगे लिखा कि टिकट बंटवारे में अनियमितता, पैसे लेकर टिकट बेचना और ‘चमचों की मिलीभगत’ वाली राजनीति ने उन कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर दिया, जिन्होंने दिन-रात मेहनत करके आरजेडी को खड़ा किया. तेज प्रताप ने कहा कि आज ‘लालच और चमचागिरी में डूबे यही जयचंद’ परिवार और पार्टी दोनों को बर्बाद कर रहे हैं.
लालू के बड़े बेटे ने सीधे नाम लेकर संजय यादव, रमीज नेमत खान और प्रीतम यादव पर आरोप लगाया. कहा,
“अगर मेरी बहन, मां या पिता के साथ किसी ने बदतमीजी की, धक्का दिया, गंदी गालियां दीं या मानसिक-शारीरिक प्रताड़ना दी है तो इनके खिलाफ तुरंत एफआईआर दर्ज होनी चाहिए.”
उन्होंने चेतावनी दी कि बहन का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और ‘जयचंदों’ को अपने किए की कीमत चुकानी पड़ेगी. बिहार की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी.
इससे पहले रोहिणी आचार्य ने एक्स पर पोस्ट कर उन लोगों पर निशाना साधा जिन्होंने किडनी दान करने को लेकर उन पर सवाल खड़े किए थे. रोहिणी ने लिखा,
“जो लोग लालू जी के नाम पर कुछ करना चाहते हैं, वो झूठी हमदर्दी दिखाना बंद करें और आगे आकर उन करोड़ों गरीबों को अपनी किडनी डोनेट करें जो अस्पतालों में आखिरी सांसें गिन रहे हैं. वो लालू जी के नाम पर उन्हें अपनी किडनी डोनेट करें, जिन्हें किडनी की जरूरत है.”
रोहिणी ने आगे लिखा,
तेजस्वी पर निशाना“जिन्हें शादीशुदा बेटी का अपने पिता को किडनी देना गलत लगता है, वो हिम्मत है तो उस बेटी से खुली बहस करें ओपन प्लेटफॉर्म पर. जरूरतमंदों को किडनी देने के महादान की शुरुआत पहले वो करें जो बेटी की किडनी को गंदा बताते हैं , फिर हरियाणवी महापुरुष करे , चाटुकार पत्रकार करें और हरियाणवी के भक्त ट्रोलर्स करें जो मुझे गाली देते नहीं थकते .. एक बोतल खून देने के नाम पर जिनका खून सूख जाता है , वो किडनी देने पर उपदेश देते हैं?”
रोहिणी ने एक वीडियो भी पोस्ट किया, जिसमें वो पत्रकार कन्हैया भेलारी से बात कर रही हैं. वो उनसे ये सवाल पूछ रही हैं कि बेटियों को कितने दिन मायके में रुकना चाहिए? रोहिणी कहती हैं,
“हम कितनी बार मायके में जाकर बैठते हैं, आप जाकर हिसाब-किताब कर लीजिएगा, आपकी तरह घटिया आदमी नहीं है. हम अपने पति के घर में रहते हैं, इस बार भी आपका बॉस तेजस्वी यादव ही बुलाया था, तब हम गए थे. आप ये नहीं पूछे कि शादीशुदा औरत को अपने पिता को किडनी देने की हिम्मत कैसे हुई? बेटा क्यों नहीं दिया, ये बताइए..? जब देने की बात आई, तो बेटा भाग गया… अब आप किडनी देने आए हैं…”

इस पूरे विवाद की शुरुआत रविवार, 16 नवंबर को हुई जब रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट लिखकर सनसनी फैला दी. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें उनके माता-पिता के घर से ‘भगाया गया’ है. रोहिणी ने दावा किया कि तेजस्वी यादव के सहयोगियों ने उन्हें घर में ‘गंदी-गंदी गालियां’ दीं और कहा गया कि उन्होंने गंदी किडनी देकर पिता को बचाया, बदले में करोड़ों रुपये और पार्टी टिकट लिया.
वीडियो: 'इन जयचंदों को जमीन में गाड़...', तेजप्रताप ने रोहिणी आचार्य के समर्थन में क्या-क्या कह दिया?
















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