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पंजाब के 3 लोगों को ऑस्ट्रेलिया जाना था, पहुंच गए ईरान, वहां हुए किडनैप, 1 महीने बाद हुए रेस्क्यू

Indian Kidnapped In Iran Rescued: किडनैपर्स ने लापता लोगों की तस्वीरें और वीडियो उनके परिवारवालों के साथ साझा किए थे. वीडियो में उनके हाथ रस्सी से बंधे हुए थे. उनके शरीर पर कट और चोट के निशान थे. क्या हुआ था इनके साथ?

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1 मई को हुआ था अपहरण. (फोटो- इंडिया टुडे)

ईरान में मई महीने में किडनैप हुए तीन भारतीयों को पुलिस ने बचा लिया है (Three Indian Kidnapped In Iran). वे भारतीय मिशन के संपर्क में हैं. तीनों जल्द भारत लौट सकते हैं. सभी पंजाब के रहने वाले हैं. परिवारवालों का आरोप था कि उनका अपहरण कर लिया गया था. छोड़ने के एवज में उनसे फिरौती भी मांगी गई थी. मामले में पाकिस्तानी कनेक्शन भी सामने आया है.

तीनों की पहचान होशियारपुर के भागोवाल लूडा के अमृतपाल सिंह (23), नवांशहर के लंगरोया के जसपाल सिंह और संगरूर के सनागतपुरा के हुसनप्रीत सिंह (27) के तौर पर हुई है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, इनके परिवारों ने इसे लेकर आवाज़ उठाई थी. इसके बाद भारतीय दूतावास ने ईरानी अधिकारियों के सामने मामले को उठाया. दूतावास ने अधिकारियों से मामले पर तुरंत एक्शन लेने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की गुज़ारिश की थी. 

इनमें से एक शख़्स की मां ने आरोप लगाया था कि किडनैपर्स ने लापता लोगों की तस्वीरें और वीडियो उनके साथ साझा किए थे. वीडियो में उनके हाथ रस्सी से बंधे हुए थे. उनके शरीर पर कट और चोट के निशान थे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जसपाल के भाई अशोक कुमार ने बताया कि उन्होंने एजेंटों को 19 लाख रुपये दिए थे. जसपाल को 1 अप्रैल को दुबई ले जाया गया था. एक महीने तक वहीं रखा गया. जब अमृतपाल और हुसनप्रीत 25 अप्रैल को दुबई पहुंचे तो तीनों को 1 मई को तेहरान ले जाया गया.

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आरोप है कि एक अवैध ट्रैवल एजेंट ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के लिए वर्क परमिट दिलाने का झांसा दिया था. इसके बाद इन्हें डंकी रूट से ईरान भेज दिया. युवकों को विदेश भेजने वाला होशियारपुर का एजेंट भी फरार है. पुलिस में उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है. लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है.

पाकिस्तान कनेक्शन

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनके परिवारों ने होशियारपुर के मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन में केस दर्ज कराया था. परिवारवालों का आरोप था कि ट्रैवल एजेंटों ने तीनों से 18 लाख रुपये की मांग की थी. वे उनकी रिहाई के लिए पैसे पाकिस्तान के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करना चाहते थे. 

अमृतपाल के चचेरे भाई युद्धवीर सिंह ने बताया कि उन्होंने हमें बताया कि एजेंट पाकिस्तानी है. वह चाहता है कि हम पैसे पाकिस्तानी बैंक में भेज दें, नहीं तो वे उन्हें कभी नहीं जाने देंगे. तीनों 17 मई तक वीडियो कॉल पर अपने परिवारों के संपर्क में थे.

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