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जैश सरगना मसूद अजहर का ठिकाना उड़ाने वाली हैमर मिसाइल, अब भारत में ही बनेगी

Jaish E Mohammad सरगना Masood Azhar के ठिकाने को नेस्तनाबूद करने वाली हैमर मिसाइल अब भारत में ही बनेगी. HAMMER एक कॉम्बैट-प्रूवन, प्रिसिजन-गाइडेड वेपन सिस्टम है जो अपनी हाई एक्यूरेसी और मॉड्यूलर डिजाइन के लिए जाना जाता है. यह Rafale और LCA Tejas तेजस सहित कई फाइटरजेट्स में इस्तेमाल किए जा सकते हैं.

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रफाल में लगने वाली हैमर मिसाइल (PHOTO-Safran)
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मंजीत नेगी

ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान आतंकी कैंपों का सफाया करने वाली 'हैमर' मिसाइल (Hammer Missile) अब भारत में ही बनाई जाएगी. इसे बनाने के लिए स्वदेशी कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और साफरान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस (Safran) ने करार किया है. दोनों कंपनियां मिलकर Hammer Smart Bomb को भारत में ही बनाएंगी. BEL की ओर से CMD मनोज जैन और साफरान की ओर से एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट अलेक्ज़ांद्र जिग्लर ने समझौते पर साइन किया है. इस जॉइंट वेंचर में दोनों कंपनियों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. प्रोजेक्ट का लक्ष्य हैमर का 60 प्रतिशत तक स्वदेशीकरण करना है.

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Hammer Weapon Safran BEL
हैमर मिसाइल (PHOTO-AajTak)
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुआ था इस्तेमाल

6 और 7 मई की दरम्यानी रात पाक-अधिकृत जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान स्थित आतंकी कैंपों पर भारत ने हमला किया. ये हमले इतने कैलकुलेटेड और सटीक थे कि आतंकी कैंपों के अलावा और किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ. कहा गया कि भारत ने इस हमले में रफाल फाइटर जेट्स का इस्तेमाल किया था. रफाल की चर्चा आई तो उसके हथियार हैमर का ज़िक्र भी हुआ. भारत ने यह साफ किया कि भारतीय वायुसेना के किसी भी जेट ने हमला करने के लिए सीमा (इंटरनेशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल) पार नहीं की. यानी वायुसेना ने ऐसा हथियार चुना जो BVR यानी बियॉन्ड विज़ुअल रेंज क्षमता से लैस था.

हैमर मिसाइल पहले कैंपों की बिल्डिंग तोड़ते हुए अंदर घुसी और फिर विस्फोट हुआ. सटीक हमले के लिए इसमें रॉकेट बूस्टर लगे हैं, जो इसे टारगेट से एक इंच भी भटकने नहीं देते. साथ ही इसमें लेज़र गाइडेंस और इन्फ्रारेड तकनीक भी लगी है.

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hammer in rafale
रफाल में लगी हैमर मिसाइल (PHOTO-X)
क्या है हैमर मिसाइल?

हैमर हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है. साल 2007 में पेरिस एयर शो में पहली बार यह मिसाइल दुनिया के सामने आई थी. तब इसका नाम आर्मेमेंट एयर सोल मोड्यूलर (AASM) था. यह फ्रेंच भाषा का नाम है. इसका हिंदी में मतलब होता है- हवा से जमीन पर निशाना साधने वाले हथियार. साल 2011 में इसका नाम बदलकर हैमर (HAMMER) कर दिया गया. हैमर का पूरा नाम है- हाइली(H) अजाइल(A) मॉड्यूलर(M) म्यूनिशन(M) एक्सटेंडेड(E) रेंज(R). हैमर मिसाइल मीडियम रेंज की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल है.

इसे फ्रांस की कंपनी साफरान ग्रुप बनाती है. रफाल विमान का इंजन भी इसी कंपनी ने तैयार किया है. साफरान ग्रुप ये मिसाइल फ्रांस की वायुसेना और नौसेना के लिए बनाता रहा है. फ्रांस की सेना इस मिसाइल को रफाल और मिराज 2000 नाम के लड़ाकू विमानों में इस्तेमाल करती है. रफाल और मिराज 2000, दोनों एक ही कंपनी बनाती है, दसॉ एविएशन.

Hammer Weapon Safran BEL
Safran और BEL के बीच साइन हुई डील (PHOTO-AajTak)
क्या-क्या खूबियां हैं हैमर मिसाइल में?
  • हैमर मिसाइल की लंबाई तीन मीटर है. 
  • इसका वजन 330 किलो के आसपास होता है. 
  • ऊंचे इलाकों में इस मिसाइल से 60 किलोमीटर दूर तक निशाना साधा जा सकता है. 
  • निचले इलाकों में 15 किलोमीटर तक यह मिसाइल दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकती है. 
  • 'फायर एंड फॉरगेट': ये इस मिसाइल की बड़ी खासियत है. यानी एक बार निशाना तय करने और मिसाइल दागने के बाद हमले की सटीकता की चिंता की जरूरत नहीं होती. 
  • यह स्थिर और अस्थिर यानी हिलने-डुलने वाले दोनों तरह के लक्ष्य साध सकती है. मिसाइल में आधुनिक नेविगेशन सिस्टम लगा हुआ है, जो निशाना चूकने की संभावना को खत्म कर देता है. 
  • हैमर के जरिए 125 किलो से लेकर 1000 किलोग्राम तक के बम गिराए जा सकते हैं. 
  • हैमर मिसाइल के जरिए किसी भी मौसम में और दिन या रात, कभी भी निशाना हमला किया जा सकता है. 
  • एक रफाल विमान में एक बार में 250 किलो वजनी बम की छह हैमर मिसाइलें लगाई जा सकती हैं. ये सभी एक साथ छह ठिकानों को ध्वस्त कर सकती हैं.
भारत में बनने से क्या फायदा?

Safran और BEL के बीच यह एग्रीमेंट 11 फरवरी, 2025 को एयरो इंडिया के दौरान साइन किए गए MoU में बताए गए इरादे को फॉर्मल रूप देता है. यह इंडियन एयरफोर्स और इंडियन नेवी की ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करने के लिए HAMMER की मैन्युफैक्चरिंग, सप्लाई और मेंटेनेंस को लोकलाइज करेगा. इंडिया टुडे से जुड़े पत्रकार मंजीत नेगी की रिपोर्ट के मुताबिक इंडिजिनाइजेशन (स्वदेशीकरण) लेवल धीरे-धीरे बढ़कर 60 परसेंट तक हो जाएगा, जिसमें मुख्य सब-असेंबली, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल पार्ट्स लोकल लेवल पर बनाए जाएंगे. प्रोडक्शन का ट्रांसफर धीरे-धीरे होगा, जिसमें BEL फाइनल असेंबली, टेस्टिंग और क्वालिटी एश्योरेंस को लीड करेगा.

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HAMMER एक कॉम्बैट-प्रूवन, प्रिसिजन-गाइडेड वेपन सिस्टम है जो अपनी हाई एक्यूरेसी और मॉड्यूलर डिजाइन के लिए जाना जाता है. इससे यह रफाल और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस सहित कई प्लेटफॉर्म के लिए अडैप्टेबल है. यह जॉइंट वेंचर भारत के डिफेंस इंडस्ट्रियल बेस को मजबूत करने के लिए BEL के कमिटमेंट को दिखाता है और इसका मकसद स्मार्ट प्रिसिजन गाइडेड एयर-टू-ग्राउंड वेपन बनाने में SED के बड़े अनुभव का फायदा उठाना है.

वीडियो: रखवाले: ऑपरेशन सिंदूर में ड्रोन का इस्तेमाल कैसे हुआ, एयरफोर्स ऑफिसर ने सब बता दिया

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