The Lallantop

'हमारे पास जादू की छड़ी नहीं है...', दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण पर ऐसा क्यों बोले चीफ जस्टिस?

CJI on Delhi Air Pollution: CJI सूर्यकांत ने कहा कि हमें पता है कि दिल्ली-एनसीआर के लिए खतरनाक समय है. इस मामले का तुरंत हल निकालने की कोशिश की जानी चाहिए.

Advertisement
post-main-image
CJI ने कहा कि इस समस्या का हल एक्सपर्ट्स और साइंटिस्ट्स के ही पास है. (Photo: ITG)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि उसके पास कोई जादू की छड़ी नहीं है, जिससे वह दिल्ली NCR की वायु प्रदूषण की समस्या ठीक कर दे. कोर्ट ने कहा कि न्यायिक संस्थाओं (कोर्ट) की अपनी क्षमताएं होती हैं. गुरुवार, 27 नवंबर को मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने कहा कि सिर्फ इन मामलों के विशेषज्ञ और साइंटिस्ट ही समस्या का हल निकाल सकते हैं.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार CJI ने यह भी कहा कि कोर्ट के सामने केस हर साल दिवाली के मौसम में काफी औपचारिक तरीके से लिस्ट होता है. उन्होंने इस मामले की रेगुलर मॉनिटरिंग की जरूरत बताई. CJI ने कहा,

एक कोर्ट कौन सी जादू की छड़ी चला सकता है? मुझे पता है कि यह दिल्ली NCR के लिए खतरनाक है. मुझे बताएं कि हम क्या निर्देश दे सकते हैं, जिससे तुरंत साफ हवा मिल सके. हम सब जानते हैं कि समस्या क्या है. हमें सभी कारणों का पता लगाने की जरूरत है. इसका कोई एक कारण नहीं है… सिर्फ इस विषय के एक्सपर्ट्स और साइंटिस्ट्स ही इसका समाधान निकाल सकते हैं. हमें सभी कारणों की पहचान करनी होगी. फिर हमें देखना होगा कि हर क्षेत्र में क्या सॉल्यूशन हो सकता है. देखते हैं कि सरकार ने कमेटी के तौर पर क्या बनाया है.

Advertisement
1 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

इसके बाद जस्टिस जे बागची की बेंच ने केस को सोमवार, 1 दिसंबर को सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया. बेंच ने कहा कि देखते हैं कि हम क्या कर सकते हैं.

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में, कोर्ट ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से प्रदूषण पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी. कोर्ट को बताया गया था कि दिल्ली में दिवाली के दौरान ज़्यादातर एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन बंद थे. वहीं कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा के किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों पर भी रिपोर्ट मांगी थी.

यह भी पढ़ें- नए लेबर कानून के सरकार ने 'फायदे' तो खूब गिनाए, अब मजदूर संगठनों से इसके 'नुकसान' भी जान लीजिए

Advertisement

मालूम हो कि राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में हवा की क्वालिटी लगातार जहरीली बनी हुई है. प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है. कई लोगों को आंख, नाक और गले में जलन की शिकायतें आ रही हैं. हालात को देखते हुए राजधानी में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान, GRAP का स्टेज 2 लागू किया है, जिसके तहत प्रदूषण रोकने के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए जाते हैं. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक 27 नवंबर को दिल्ली का औसत AQI 349 पहुंच गया है. जो कि बहुत खराब स्तर का वायू प्रदूषण माना जाता है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, कई मॉनिटरिंग स्टेशनों पर AQI गंभीर स्तर पर पहुंच गया है. ठंडी हवाओं के कारण प्रदूषण के कण हवा में फंस गए हैं, जिससे स्थिति और खराब हो रही है.

वीडियो: इथियोपिया में ज्वालामुखी फटा, राख का बादल दिल्ली तक पहुंचा, AQI 400 के पार

Advertisement