कोलकाता में भगवान जगन्नाथ के रथ के पहियों को 48 साल बाद नए टायर्स मिलने जा रहे हैं. इस बार भगवान जगन्नाथ का रथ सुखोई फाइटर जेट के टायरों पर सवार होकर निकलेगा (Sukhoi Tyres in Jagannath Rath). पिछले कई सालों से इस रथ में बोइंग प्लेन के टायरों का इस्तेमाल हो रहा था, जो काफी पुराने हो चुके थे. इसलिए कोलकाता इस्कॉन के आयोजकों को नए टायर्स लगाने की जरूरत महसूस हुई.
सुखोई फाइटर जेट के टायरों पर दौड़ेगा भगवान जगन्नाथ का रथ, 48 साल चले पहले वाले प्लेन के टायर
Jagannath Rath Yatra 2025: इस बार भगवान जगन्नाथ का रथ Sukhoi Fighter Jet के टायरों पर सवार होकर निकलेगा. MRF टायर कंपनी फाइटर जेट के टायर लगाने को कैसे तैयार हुई?
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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अब तक रथ में बोइंग प्लेन के टायरों का इस्तेमाल किया जा रहा था. जो काफी पुराने और कमजोर हो चुके थे. इसलिए पिछले 15 सालों से ही बोइंग के टायर का रिप्लेसमेंट ढूंढा जा रहा था. पिछले साल रथ के स्टीयरिंग में कुछ दिक्कत आने के बाद रथ के पुराने टायर्स बदलने की जरूरत महसूस हुई. चूंकि, जिस बोइंग प्लेन के टायरों का इस्तेमाल रथ में किया जाता था, वो मॉडल बनना अब बंद हो गया है. इस वजह से अब उसके टायर्स मिलना बहुत मुश्किल था. इसलिए आयोजकों ने सुखोई फाइटर जेट के टायर्स बनाने वाली कंपनी से संपर्क किया.

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, भगवान जगन्नाथ के रथ में इस्तेमाल किए जा रहे ये पुराने टायर बोइंग B-747 के थे. इसे ‘जंबो-जेट’ के नाम से भी जाना जाता है. सुखोई के 4-फीट व्यास वाले टायर, बोइंग टायरों से मिलते-जुलते पाए गए. जिनका व्यास भी 4-फीट था और प्रत्येक का वजन 110 किलोग्राम था. सुखोई के लिए टायरों का निर्माण MRF कंपनी करती है. जो भारत में सुखोई ‘SU-30 MIK’ जेट के लिए भी टायर्स बनाती है. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा,
जब मैंने रथ के लिए सुखोई टायर की मांग करते हुए कंपनी से संपर्क किया तो पहले तो उन्होंने हमारी बात पर विश्वास नहीं किया.
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कंपनी को आश्चर्य हुआ कि कोई सुखोई के टायर क्यों और किस लिए मांगेगा? आगे राधारमण दास ने बताया,
उन्होंने रथों का निरीक्षण करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को कोलकाता भेजा. जब उन्होंने देखा कि पिछले 48 सालों से रथ बोइंग-747 जंबो जेट टायरों पर चल रहे हैं और हमने उन्हें बताया कि साइज के मामले में सुखोई टायर सबसे बेहतर हैं, तो वे हमें रथ के लिए टायर्स बेचने के लिए राजी हो गए.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, रथों का निरीक्षण करने के बाद कंपनी ने इस्कॉन को सुखोई के चार टायर उपलब्ध कराए. राधारमण दास ने बताया कि टायर बदलने का काम अभी चल रहा है और उम्मीद है कि जून के दूसरे हफ्ते तक यह काम पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि जिस रथ पर भगवान बलराम सवार होते हैं, उसमें पहले से ही नये लोहे के पहिये लगे होते हैं.
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