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ऑपरेशन सिंदूर के बाद लगी थी इन एक्स अकाउंट्स पर रोक, अब फिर से हुए री-स्टोर

Operation Sindoor के बाद बैन किए गए 8,000 अकाउंट्स में से ज्यादातर Pakistan के थे. बंद किए गए अकाउंट्स में न सिर्फ X बल्कि Instagram अकाउंट्स भी शामिल थे.

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ऑपरेशन सिंदूर के बाद 8 हजार अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया था (PHOTO-India Today)

7 मई यानी ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद से बैन हुए कई एक्स और इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर लगी रोक हटा दी गई है. इन अकाउंट्स के होल्डर्स माने इन्हें चलाने वाले सरकार के इस फैसले को चुनौती देने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन केंद्र सरकार ने मामला अदालत में जाने से पहले ही कई अकाउंट्स को अनब्लॉक कर दिया है. नई दिल्ली स्थित इन्हीं में शामिल एक ऑनलाइन आउटलेट को भारत में 10 दिनों तक ‘रोक’ दिए जाने के बाद बहाल कर दिया गया है.

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द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑपरेशन सिंदूर के बाद बैन किए गए 8,000 अकाउंट्स में से ज्यादातर पाकिस्तानी थे. ऑपरेशन लॉन्च होने के बाद सरकार द्वारा एक्स को प्राप्त हुए ब्लॉकिंग ऑर्डर के तहत पाकिस्तानियों के अलावा कई भारतीय और गैर-पाकिस्तानी हैंडल्स को भी देश में प्रतिबंधित कर दिया गया था. सरकार ने ये आदेश सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत जारी किया था.

बंद किए गए अकाउंट्स में न सिर्फ एक्स बल्कि इंस्टाग्राम अकाउंट्स भी शामिल थे. इंस्टा पर 3.4 लाख फॉलोअर्स वाले कंटेंट क्रिएटर अर्पित शर्मा का एक्स अकाउंट 8 मई को बंद कर दिया गया था. फिर अर्पित ने इसके लिए एक वकील से संपर्क किया. ये वकील पहले से अनंतनाग, कश्मीर स्थित एक समाचार आउटलेट मकतूब और द कश्मीरियत को ब्लॉक करने वाले आदेश को चुनौती देने की तैयारी कर रहे थे. अर्पित शर्मा ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 

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हमारे मामले को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए लिस्ट किए जाने से ठीक पहले, मेरा अकाउंट बहाल कर दिया गया.

द हिंदू ने लिखा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अकाउंट ब्लॉक करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया. मंत्रालय ने यह भी कहा कि अर्पित शर्मा की ओर से उन्हें अकाउंट को बंद करने के बारे में कोई शिकायत या आपत्ति जैसा कुछ प्राप्त नहीं हुआ है. इसके अलावा कश्मीर की एक वरिष्ठ पत्रकार अनुराधा भसीन का अकाउंट भी बहाल कर दिया गया है. साथ ही मीडिया आउटलेट फ्री प्रेस कश्मीर के अकाउंट को भी बहाल कर दिया गया है.

मामले पर जानकारी देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता और कांग्रेस से राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने 13 मई को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बैन हुए अकाउंट्स और चैनल्स में शामिल यूट्यूब आउटलेट 4पीएम न्यूज को भी बहाल कर दिया गया है. सिब्बल ने कोर्ट से अनुरोध किया कि 2009 के ब्लॉकिंग नियमों को असंवैधानिक ठहराने वाली याचिका विचार किया जाए. 

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कुछ ऐसे आउटलेट भी थे जिन पर लगी रोक बहुत कम समय में ही बहाल हो गई. जैसे बीबीसी उर्दू को 9 मई को ब्लॉक कर दिया गया था, लेकिन तीन दिनों के भीतर फिर से अनब्लॉक कर दिया गया. चीन के सरकारी समाचार आउटलेट ग्लोबल टाइम्स और तुर्किए के टीआरटी वर्ल्ड को रोक लगने के एक दिन के अंदर ही फिर बहाल कर दिया गया.

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मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए नई दिल्ली स्थित सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर, इंडिया (SFLC) ने कहा कि गलत सूचना फैलना चिंताजनक है, लेकिन बिना किसी एडवांस नोटिस या टेकडाउन (अकाउंट ब्लॉक या सस्पेंड) के विरोध का मौका दिए बिना सोशल मीडिया अकाउंट्स को बड़े पैमाने पर ब्लॉक करना न तो न्यायसंगत है और न ही प्रभावी है. एक एनजीओ ने भी इस मामले में इस्तेमाल हुए नियम 16 ​​की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है.

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