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'राम का नाम बदनाम मत करो,' शशि थरूर संसद में मोदी सरकार पर जमकर बरसे, वजह मनरेगा है

MNREGA vs G RAM G: कांग्रेस सांसद Shashi Tharoor ने लोकसभा में मोदी सरकार की नई ग्रामीण रोजगार स्कीम की जमकर आलोचना की. उन्होंने स्कीम से Mahatma Gandhi का नाम हटाने का भी विरोध किया.

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नरेंद्र मोदी (बाएं) की सरकार की स्कीम का शशि थरूर (दाएं) ने विरोध किया. (PTI/Sansad TV)

"देखो ऐ दीवानो, तुम ये काम ना करो. राम का नाम बदनाम ना करो, बदनाम ना करो." फर्राटेदार इंग्लिश बोलने में माहिर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मोदी सरकार को घेरने के लिए इस हिंदी गाने का इस्तेमाल किया है. केंद्र सरकार मनरेगा की जगह G RAM G स्कीम ला रही है. सरकार ने इसमें से महात्मा गांधी का नाम हटा दिया. सरकार के इस कदम का विरोध करने के लिए ही शशि थरूर ने लोकसभा में इस गाने का सहारा लिया.

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मंगलवार को लोकसभा में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (MNREGA) की जगह लेने जा रहे विकसित भारत-रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल को पेश किया गया. कांग्रेस की तरफ से शशि थरूर सरकार के इस बिल के खिलाफ बोले. उन्होंने मनेरगा का नाम बदलकर लाई जा रही VB-G RAM G में महात्मा गांधी का नाम हटाने को 'अनैतिक' बताया. 

सोमवार, 15 दिसंबर को भी उन्होंने केंद्र सरकार के इस कदम की आलोचना की थी. अब लोकसभा में भी केंद्र की नई योजना को लेकर अपना विरोधी रुख दोहराया. शशि थरूर ने कहा,

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"मैं प्रस्तावित VB–G RAM G बिल को पेश करने का विरोध करना चाहूंगा, जो हमारे देश और हमारे देश के सबसे कमजोर नागरिकों के कल्याण को लेकर हमारी प्रतिबद्धता के लिए एक बहुत ही दुखद और पीछे ले जाने वाला कदम है.

दूसरों की तरह, मेरा पहला विरोध राष्ट्रपिता (महात्मा गांधी) का नाम हटाने के गलत फैसले पर है, जिसके कारण पहले ही बताए जा चुके हैं, जिन्हें मैं दोहराऊंगा नहीं. लेकिन यह सिर्फ एक प्रशासनिक बदलाव नहीं है. यह इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की मूल भावना और दार्शनिक नींव पर हमला है."

थरूर ने आगे कहा,

"महात्मा गांधी का राम राज्य का विजन कभी भी पूरी तरह से राजनीतिक प्रोजेक्ट नहीं था. यह गांवों के सशक्तिकरण पर आधारित एक सामाजिक-आर्थिक खाका था और ग्राम स्वराज में उनका अटूट विश्वास उस विजन का केंद्र था. मूल कानून उनका नाम रखकर, इस गहरे जुड़ाव को स्वीकार करता था- कि सच्ची रोजगार गारंटी और उत्थान जमीनी स्तर से होना चाहिए, जो सबसे आखिरी व्यक्ति को पहले रखने के उनके सिद्धांत को दिखाता है. महात्मा गांधी का नाम हटाना बिल को उसकी नैतिक दिशा और ऐतिहासिक वैधता से वंचित करना है."

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इस बीच पूरी बेतकल्लुफी से इंग्लिश के हैरतअंगेज शब्दों को घिसने का शौक रखने वाले शशि थरूर ने हिंदी गाने का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उन्हें बचपन में सुना एक गीत याद आ रहा है. फिर उन्होंने 'हरे राम हरे कृष्ण' फिल्म का गीत के बोल सुनाए-

"देखो ऐ दीवानो, तुम ये काम ना करो. राम का नाम बदनाम ना करो, बदनाम ना करो."

शशि थरूर ने प्रस्तावित बिल के एक अन्य पहलू पर भी पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों पर सीधे 40 फीसदी वित्तीय बोझ डालना 'गैर-जिम्मेदाराना कदम’ है. उन्होंने जोर दिया कि इससे स्कीम को अमलीजामा पहनाने में दिक्कत होगी. सीनियर कांग्रेस लीडर ने दावा किया कि इससे मजदूरी की अदायगी में देरी होगी, काम के दिनों की संख्या में कमी आएगी और आखिरकार यह योजना ही खत्म हो जाएगी.

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