भारतीय जनता पार्टी (BJP) के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं और छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज का मामला अभी शांत नहीं हुआ है. इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (SP) का छात्र संगठन समाजवादी पार्टी छात्र सभा, ABVP के समर्थन में आ गया है. राजनीति का ये बेहद खास नजारा बुधवार, 3 सितंबर को लखनऊ में देखने को मिला. ABVP और छात्रों का साथ देने के लिए SP छात्र सभा ने राजभवन के सामने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया.
ABVP की सपोर्ट करने आए थे सपाई, पुलिस गोद में उठाकर ले गई
Lucknow में ABVP और छात्रों के समर्थन में सपा कार्यकर्ताओं ने बड़ा प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि सरकार भले ABVP के साथ खड़ी ना नजर आ रही हो, लेकिन समाजवादी पार्टी उनके साथ लगातार इस संघर्ष में साथ है.


बाराबंकी मामले में पुलिस लाठी चार्ज के खिलाफ सपा कार्यकर्ता उतरे और छात्रों के हक में आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि सरकार भले ABVP के साथ खड़ी ना नजर आ रही हो, लेकिन समाजवादी पार्टी इस संघर्ष में लगातार उनके साथ है. इस बीच प्रदर्शन का एक ऐसा वीडियो सामने आया, जिसने कई लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा.
तो मामला ये है कि राजभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस हटा रही थी, उन्हें घसीटकर ले जा रही थी. इस बीच एक पुलिसवाला एक सपा कार्यकर्ता को गोद में ही उठा लेता है. इसका वीडियो सोशल वीडिया पर वायरल है.
सपा कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहते हैं और पुलिसवाला दोनों हाथों से प्रदर्शनकारी को उठाकर ले जाता है. इंडिया टुडे से जुडे़ समर्थ श्रीवास्तव की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ प्रदर्शनकारी विधानसभा के गेट तक पहुंच गए. सपा नेताओं ने कहा कि विचारधारा और राजनीति अलग हो सकती है, लेकिन जो भी छात्र संघर्ष करेंगे सपा उनके साथ है.
पुलिस ने सपा कार्यकर्ताओं को खदेड़ा तो कार्यकर्ता राजभवन के सामने सड़कों पर लेट गए. इसके बाद पुलिस ने उन्हें उठा-उठाकर बस में भरना शुरू किया. बस में भरने के बाद सपा कार्यकर्ता बस के ऊपर चढ़ गए. इसके बाद पुलिस ने बस के ऊपर चढ़कर उन्हें वहां से उतारा. राजनीतिक इतिहास में शायद यह पहला मामला है जब सपा खुद BJP के एक विंग का सपोर्ट कर रही है.
आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, बाराबंकी में छात्रों और ABVP कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने 1 सितंबर को लाठीचार्ज किया था. ये सभी रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में LLB कोर्स की मान्यता रद्द होने के बाद भी एडमिशन लेने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे. इसमें 25 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले का संज्ञान लिया है और पुलिसिया कार्रवाई पर नाराजगी जताई है. उन्होंने आरोपी पुलिसकर्मियों पर एक्शन लेने का आदेश दिया, जिसके बाद स्थानीय सीओ को सस्पेंड कर दिया गया. साथ ही इंस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज लाइन हाजिर किया गया है. वहीं, IG रेंज अयोध्या को इस पूरे मामले की जांच सौंपी गई है.
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