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ईरान में महिलाओं पर हिजाब थोपने वाले की बेटी की वेडिंग ड्रेस देख लोग भड़क गए

70 वर्षीय अली शमखानी सुप्रीम लीडर खामनेई के लंबे समय से सहयोगी हैं. वो हिजाब और सार्वजनिक नैतिकता के सख्त नियमों को लागू करने के लिए जाने जाते हैं.

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शमखानी, ईरान के अली खामनेई के लंबे समय से सहयोगी रहे हैं. (फोटो- स्क्रीनग्रैब)

ईरान से सामने आए एक वीडियो ने बहस छेड़ दी है. वीडियो ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के सीनियर एडवाइजर की बेटी की शादी का है. इसमें वो गहरे गले वाला स्ट्रैपलेस वेडिंग गाउन पहने नजर आ रही है. वीडियो में ये दिखने पर लोग भड़क गए. उन्होंने 'वेस्टर्न स्टाइल' का आरोप लगाते हुए कहा कि ईरान सरकार हिजाब के नाम पर पाखंड करती है.

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इंडिया टुडे से जुड़े अभिषेक डे की रिपोर्ट के मुताबिक वायरल वीडियो 70 वर्षीय अली शमखानी की बेटी फातिमा की शादी का है. शमखानी ईरान के सुप्रीम लीडर के सीनियर एडवाइजर हैं. तेहरान के लग्जरी एस्पिनास पैलेस होटल में पिछले साल आयोजित हुए इस शादी समारोह में वो अपनी बेटी के साथ जाते हुए दिखाई दे रहे हैं.

विवाद का कारण

वीडियो में दुल्हन स्ट्रैपलेस गहरी नेकलाइन वाली सफेद ड्रेस पहने दिख रही है. वो शादी समारोह के लिए हॉल में प्रवेश करती है, जहां जोरदार तालियों और म्यूजिक के बीच उसका स्वागत किया जा रहा है. इस शादी समारोह में कई महिलाएं बिना हिजाब के नजर आईं. इसके बाद ईरानी एक्टिविस्ट और सोशल मीडिया यूजर्स ने सरकार और अधिकारियों पर दोहरे मापदंड रखने का आरोप लगाया है.

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शमखानी, सुप्रीम लीडर खामनेई के लंबे समय से सहयोगी रहे हैं. वो मिलिट्री कमांडर भी हैं. रिपोर्ट के मुताबिक वो हिजाब और सार्वजनिक नैतिकता के सख्त नियमों को लागू करने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने 2013 से 2023 तक सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (SNSC) के सचिव के रूप में भी काम किया. SNSC देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है. इसी काउंसिल ने साल 2022 में महसा अमिनी की मौत के बाद शुरू हुए हिजाब विरोधी प्रदर्शनों पर कार्रवाई का नेतृत्व किया था.

अमिनी की तेहरान में पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. उन्हें घर के बाहर हिजाब नियमों का कथित उल्लंघन करने के लिए गिरफ्तार किया गया था. अमिनी की मौत के बाद देशभर में महीनों तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. इस दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारी और पुलिस वाले मारे गए. ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, इन प्रदर्शन में 500 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 68 बच्चे शामिल थे.

अली शमखानी की बेटी की शादी के वीडियो की टाइमिंग पर भी काफी बात हो रही है. ये वीडियो उस वक्त सामने आया है जब ईरान सरकार महिलाओं के ड्रेस कोड को लागू करने के लिए 80 हजार मॉरैलिटी पुलिस अफसरों की तैनाती का प्लान कर रही है. यही वजह है कि तेहरान में लोगों का गुस्सा भड़क गया है.

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एक्टिविस्ट ने की आलोचना

ईरान इस वक्त आर्थिक तंगी और कई तरह के प्रतिबंधों से जूझ रहा है. 2022 के आंकड़ों के अनुसार, ईरान की लगभग आधी आबादी गरीबी रेखा से नीचे है. इसकी बेरोजगारी दर 9 प्रतिशत है. कई एक्टिविस्ट ने देश की इस हालत का हवाला देते हुए भी इस भव्य समारोह की आलोचना की. 

वहीं ईरान से निकाली गईं एक्टिविस्ट मसीह अलीनेजाद ने X पर कर लिखा कि ये शादी दिखाती है कि कैसे अमीर लोग सादगी का उपदेश देते हैं, जबकि उनकी अपनी बेटियां डिजाइनर कपड़ों में घूमती हैं. उन्होंने आगे कहा,

"ईरान में महिलाओं को अपने बाल दिखाने के लिए पीटा जाता है, और युवा शादी का खर्च वहन नहीं कर सकते... ये पाखंड नहीं, यही सिस्टम है."

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मसीह अलीनेजाद ने X पर पोस्ट कर की आलोचना.

वायरल वीडियो पर स्वीडिश-ईरानी सांसद अलीरेजा अखोंदी ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इसे पाखंड का प्रदर्शन करार दिया. उन्होंने कहा,

"वो इसलिए आजाद है क्योंकि उसके पिता के पास सत्ता है. ये अब धर्म नहीं रहा.”

अलीरेजा ने आगे कहा कि ये पाखंड, भ्रष्टाचार और डर का प्रदर्शन है. उन महिलाओं का डर जो स्वतंत्र रूप से अपने बारे में सोचती और अपने लिए चुनती हैं.

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