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"सिर्फ हिंदुओं को गरबा में एंट्री", VHP का एलान, PM मोदी के मंत्री ने सुना डाला

VHP Advisory Garba Controversy: केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने इसे देश की सामाजिक समरसता के लिए एक गंभीर खतरा बताया है. वहीं, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का कहना है कि VHP वाले हिंदुओं के ठेकेदार नहीं हैं, जो दूसरों को आदेश जारी करें.

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विश्व हिंदू परिषद के फरमान पर भारी विवाद. (प्रतीकात्मक फोटो- PTI)

महाराष्ट्र में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के उस ‘फरमान’ पर विवाद खड़ा हो गया है. VHP ने कहा है कि नवरात्रि के दौरान गरबा कार्यक्रमों में सिर्फ हिंदुओं को ही एंट्री दी जानी चाहिए. इस पर केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले भड़क गए. उनका कहना है कि ऐसे निर्देश, कुछ कट्टरपंथी तत्वों को हिंसा भड़काने और जबरदस्ती करने का खुला निमंत्रण है. कई अन्य नेताओ ने भी इस आह्वान की तीखी आलोचना की है.

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इस साल नवरात्रि 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक होगा. इस दौरान डांडिया लेकर गरबा डांस करने की परंपरा रही है. VHP ने गरबा-डांडिया कार्यक्रमों के आयोजकों से कहा है कि वो महाराष्ट्र में इन कार्यक्रमों में गैर-हिंदुओं को एंट्री न दें. शनिवार, 20 सितंबर को कार्यक्रम आयोजकों को सख्त सलाह जारी करते हुए, विश्व हिंदू परिषद ने कहा,

नवरात्रि उत्सव सिर्फ मौज-मस्ती का उत्सव नहीं है. ये एक धार्मिक आयोजन है, जहां भक्त देवी-देवताओं की पूजा करते हैं. इसलिए, गैर-हिंदुओं को गरबा-डांडिया कार्यक्रमों में शामिल नहीं होने दिया जाना चाहिए. हर पार्टिसिपेंट को अपनी हिंदू पहचान सुनिश्चित करने के लिए माथे पर तिलक लगाना चाहिए.

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आगे कहा गया कि सिर्फ हिंदुओं को ही 'गरबा' कार्यक्रमों में प्रवेश दिया जाना चाहिए और पहचान के लिए एंट्री करने वालों के आधार कार्ड की जांच करें. महाराष्ट्र VHP के प्रवक्ता श्रीराज नायर ने इस फरमान को सुसंगत और तार्किक ठहराया. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,

अगर मुसलमान मूर्ति पूजा में विश्वास नहीं रखते, तो उन्हें इसमें भाग क्यों लेना चाहिए? नवरात्रि उत्सव में गरबा-डांडिया देवी पूजा और आरती से शुरू होता है. समापन पूजा के साथ. फिर भी अगर मुसलमान इसमें भाग लेने के लिए इतने उत्सुक हैं, तो उन्हें हिंदू धर्म अपनाना चाहिए और पूरे दिल से हमारे धर्म को स्वीकार करना चाहिए. आखिरकार, उनकी जड़ें उनके हिंदू पूर्वजों में ही हैं. वे देर से धर्मांतरित हुए हैं. अगर मुसलमान हिंदू धर्म अपनाते हैं और इसमें भाग लेते हैं, तो हमें कोई आपत्ति नहीं है.

आठवले ने VHP के आदेश पर आपत्ति जताते हुए एक्स पर कई पोस्ट्स का लंबा थ्रेड लिखा. बोले,

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मैं कड़ी निंदा करता हूं. VHP कौन होता है ये तय करने वाला कि गरबा में कौन जाएगा और कौन नहीं? ये एडवाइजरी देश की सामाजिक समरसता के लिए एक गंभीर खतरा है. ये सिर्फ आयोजकों को निर्देश देने तक सीमित नहीं है. बल्कि कुछ कट्टरपंथी तत्वों को हिंसा भड़काने और जबरदस्ती करने का खुला निमंत्रण है. अगर इस एडवाइजरी के चलते देश में कहीं भी नवरात्रि के दौरान झगड़े, मारपीट या धार्मिक टकराव होते हैं, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी VHP और इससे जुड़े संगठनों की मानी जानी चाहिए.

केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) प्रमुख रामदास आठवले ने आगे लिखा,

कुछ मुट्ठीभर संगठन और उनके नेता आज भारत की एकता, विविधता और धार्मिक सहिष्णुता के खिलाफ काम कर रहे हैं. ये नवरात्रि शक्ति उपासना और आनंद का पर्व है. इसे नफरत और शक का मंच बनाने की कोशिश हो रही है, जो बेहद निंदनीय है. सरकार और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करते हुए ये सुनिश्चित करना चाहिए कि गरबा और डांडिया आयोजकों को पूरी सुरक्षा मिले.

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वहीं, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार का कहना है कि VHP वाले हिंदुओं के ठेकेदार नहीं हैं, जो दूसरों को आदेश जारी करें. नागपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,

‘संविधान सभी को अधिकार देता है... अगर कोई कुछ गलत करता है, तो उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए, इसके लिए कानून और प्रावधान हैं... वो दो धर्मों को भिड़ाने का काम करते हैं. इसलिए, मेरा मानना ​​है कि उनकी नीतियां और नैतिकता उन्हें गलत रास्ते पर ले जा रही हैं.’

इससे पहले, भी हिंदुवादी संगठन इस तरह के फरमान निकालते रहे हैं. जिस पर हर बार भारी विवाद भी हुआ है.

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