'प्रेमानंद बालक के समान हैं.' ये कथन है चित्रकूट स्थित 'तुलसी पीठ' के पीठाधीश्वर और जगद्गुरु के नाम से चर्चित रामभद्राचार्य का. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि आजकल मूर्ख लोग धर्म का ज्ञान दे रहे हैं. पहले सिर्फ विद्वान लोग ही कथावाचन किया करते थे. क्या है पूरा मामला, विस्तार से समझते हैं.
'आजकल मूर्ख भी कथावाचन कर रहे', प्रेमानंद महाराज पर क्या बोल गए स्वामी रामभद्राचार्य
एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में Rambhadracharya ने Premanand Maharaj की लोकप्रियता को 'क्षणभंगुर' बता दिया. उन्होंने कहा कि उनकी लोकप्रियता बहुत कम समय के लिए है.


सोशल मीडिया पर प्रेमानंद महाराज के वीडियो काफी वायरल होते रहते हैं. वो अक्सर अपनी सादगी भरी बातों को लेकर चर्चा में रहते हैं. बीते 19 सालों ने उनकी दोनों किडनियां खराब हैं. नियमित रूप से उनका डायलिसिस होता है. फिर भी वो हर दिन वृंदावन की परिक्रमा करते हैं. विराट कोहली जैसे बड़े नाम भी प्रेमानंद महाराज के भक्त हैं. इस बीच जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एनडीटीवी को दिए गए एक इंटरव्यू में कथावाचन को लेकर उन पर निशाना साधा है. इंटरव्यू के दौरान जब पत्रकार ने पूछा कि प्रेमानंद महाराज 19 सालों से खराब किडनी पर जीवित हैं. उनके भक्त कहते हैं कि यह चमत्कार है. इसके जवाब में रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज के लिए कहा कि यह कोई चमत्कार नहीं है. उन्होंने कहा कि प्रेमानंद जी उनके लिए एक बालक के समान हैं. रामभद्राचार्य ने प्रेमानंद महाराज को चुनौती देते हुए कहा,
चमत्कार अगर है, तो मैं चैलेंज करता हूं प्रेमानंद जी एक अक्षर मेरे सामने संस्कृत बोलकर दिखा दें, या मेरे कहे हुए संस्कृत श्लोकों का अर्थ समझा दें.
इंटरव्यू के दौरान रामभद्राचार्य ने कहा कि उनका प्रेमानंद महाराज से कोई द्वेष या बैर नहीं है. लेकिन वो न उन्हें विद्वान मानते हैं, न कोई चमत्कारी पुरुष. रामभद्राचार्य ने कहा कि चमत्कार उसको कहते हैं जो शास्त्रीय चर्चा पर सहज हो और श्लोकों का अर्थ ठीक से बता पाए. बोलते-बोलते वो ये बोल गए कि प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता 'क्षणभंगुर' है. ये बहुत कम समय के लिए है.
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देश के दो संतों के बीच इस तरह की तकरार को लेकर संत समाज और लोगों की ओर से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. सोशल मीडिया पर दोनों के समर्थक एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. वहीं इस मामले पर संतों ने भी अपनी राय रखी है. स्वामी चिदंबरानंद सरस्वती, आचार्य मधूसूदन महाराज, अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव महंत केशव स्वरुप ब्रह्मचारी ने एक स्वर में रामभद्राचार्य के कथन को गलत बताया है. महंत केशव स्वरुप ब्रह्मचारी ने कहा कि ये जरूरी नहीं कि जिसे संस्कृत का ज्ञान हो, वो चमत्कारी हो जाएगा. वहीं अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने कहा कि दोनों महान संत हैं. उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.
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