राजस्थान के झालावाड़ जिले में स्कूल की छत गिरने के तीन दिन बाद अब जैसलमेर में एक सरकारी स्कूल के गेट का पिलर गिर गया. इस घटना में पहली क्लास में पढ़ने वाले एक बच्चे की मौत हो गई है. हादसे में एक टीचर भी घायल हुआ है. बताया जा रहा है कि उसके सिर और पैर में गंभीर चोटें आई हैं. टीचर को जवाहिर हॉस्पिटल रेफर किया गया है.
अब जैसलमेर में स्कूल गेट का पिलर गिरने से छात्र की मौत, टीचर के दोनों पैर टूटे
28 जुलाई को जैसलमेर के पूनमनगर गांव में बने सरकारी स्कूल का गेट गिर गया. बताया जा रहा है कि स्कूल में छुट्टी होने के बाद बच्चे स्कूल से बाहर निकल रहे थे. तेज हवाओं के चलते स्कूल गेट का पिलर अचानक गिर गया.

घटना जैसलमेर जिले के पूनमनगर गांव में हुई. इंडिया टुडे से जुड़े शरत की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार, 28 जुलाई को यहां बने सरकारी स्कूल का गेट गिर गया. बताया जा रहा है कि स्कूल में छुट्टी होने के बाद बच्चे स्कूल से बाहर निकल रहे थे. तेज हवाओं के चलते स्कूल गेट का पिलर अचानक गिर गया. पिलर की चपेट में आने से दोने खान नाम के एक छात्र की मौके पर ही मौत हो गई. उसकी उम्र सात साल बताई जा रही है. इस घटना की चपेट में स्कूल में पढ़ाने वाले एक टीचर भी आ गए. बताया जा रहा है कि उनके दोनों पैर टूट गए.
इस घटना के बाद उन्हें इलाज के लिए राजकीय जवाहिर अस्पताल रेफर किया गया.
उधर ग्रामीणों ने स्कूल प्रशासन और शिक्षा विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि स्कूल का गेट तीन साल पहले एक वाहन की टक्कर से क्षतिग्रस्त हो गया था. शिकायत के बावजूद उसकी मरम्मत नहीं कराई गई.
इस घटना के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत का बयान आया. उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए लिखा,
"जैसलमेर में स्कूल का गेट गिरने से एक मासूम छात्र की मृत्यु बेहद दुखद है. झालावाड़ दुखांतिका के बाद इस प्रकार से एक बार फिर एक छात्र की मृत्यु होना प्रदेश सरकार के लिए चिंता का विषय होना चाहिए. अभी बारिश का मौसम चल रहा है. मुख्यमंत्री भजनलाल जी से मेरा आग्रह है कि शीघ्रता से कदम उठाएं ताकि किसी और मासूम की जान न जाए. शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं."
तीन दिन पहले भी हुआ हादसा
इससे पहले बीती 25 जुलाई को राजस्थान के झालावाड़ में एक सरकारी स्कूल की छत गिर गई थी. हादसे के समय 35 से 40 छात्र स्कूल में मौजूद थे. इनमें से 7 बच्चों की मौत हो गई. इसके अलावा अन्य छात्र घायल हुए थे, जिनका इलाज चल रहा है. इस घटना के बाद शिक्षा मंत्रालय की ओर से X पर पोस्ट किया गया था. इसमें छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए देश के सभी स्कूलों को कुछ सुझाव दिए गए थे.
इसमें कहा गया था कि सभी स्कूलों की मेंटेनेंस, आग से बचाव, इमरजेंसी गेट और बिजली वायरिंग की जांच की जाए. छात्रों और शिक्षकों को इमरजेंसी से निपटने की ट्रेनिंग दी जाए. उन्हें इवैक्यूएशन ड्रिल, फर्स्ट एड और सुरक्षा नियमों की जानकारी हो. NDMA, फायर ब्रिगेड, पुलिस और स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ मॉक ड्रिल कराई जाए. छात्रों की समय-समय पर काउंसलिंग की जाए.
शिक्षा मंत्रालय की ओर से आगे कहा गया कि स्कूलों में घटित किसी भी घटना की जानकारी 24 घंटे के अंदर संबंधित अधिकारियों को देना जरूरी होगा.
वीडियो: झालावाड़ स्कूल हादसा: जिस पिता ने दो बच्चे खो दिए, उसने सुनाई हादसे से पहले की कहानी