हाल ही में अमेरिका से डिपोर्ट की गईं 71 साल हरजीत कौर ने अपने संघर्ष पर बात की है. उन्होंने बताया कि हिरासत के दौरान उन्हें हथकड़ियां लगाई गईं, पैर बांधे गए और ऐसा खाना परोसा गया, जो वो शाकाहारी होने के चलते नहीं खा सकती थीं. उन्होंने कहा कि ये अनुभव बहुत कष्टदायक था. उन्होंने अमेरिका में अपने परिवार से फिर से मिलने की इच्छा भी जताई है.
'हथकड़ियां लगाई गईं और मेरे पैर बांध दिए गए...', US से डिपोर्ट की गईं बुजर्ग महिला ने सुनाई आपबीती
हरजीत कौर ने बताया, 'गिरफ्तारी वाली रात मुझे एक ठंडे कमरे में बंद कर दिया गया और ठीक से कंबल भी नहीं दिया गया. अगली सुबह मुझे दूसरी जगह ले जाया गया, हथकड़ियां लगाई गईं और मेरे पैर बांध दिए गए...'


मूल रूप से पंजाब की रहने वालीं हरजीत कौर ने कहा कि बिना कारण बताए ही उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया. वो 1991 से यानी 30 साल से ज्यादा समय तक अमेरिका में रही हैं. लेकिन पासपोर्ट न होने के कारण 2012 में शुरू हुई उनकी डिपोर्टेशन की कार्यवाही हाल ही में तेज हो गई. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा,
मैं हर छह महीने में अपनी हाजिरी देने जाती थी. मुझे 8 सितंबर को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया, जब मैं सिग्नेचर करने गई थी... मेरे पास वर्क परमिट था. मैंने बहुत सारा टैक्स चुकाया था, फिर भी मेरे साथ ऐसा किया गया. मुझे कोई वजह नहीं बताई गई और मुझे मेरे परिवार से मिलने नहीं दिया गया. जबकि उनके पास मुझसे मिलने के लिए टिकट थे.
23 सितंबर को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचीं हरजीत कौर ने बताया,
जब मुझे गिरफ्तार किया गया, तो तीन लोग मेरे आस-पास थे और उन्होंने मुझे एक ठंडे कमरे में बंद कर दिया. मुझे ठीक से कंबल भी नहीं दिया गया. सुबह मुझे दूसरी जगह ले जाया गया, हथकड़ियां लगाई गईं और मेरे पैर बांध दिए गए...
उन्होंने आगे कहा कि शाकाहारी होने के चलते उन्हें जो खाना दिया गया, वो उनके लिए उपयुक्त नहीं था. हालांकि, भारत वापसी की उड़ान के दौरान उन्हें हथकड़ी नहीं लगाई गई थी. हरजीत कौर आगे बोलीं,
मेरे बच्चे और नाती-पोते सभी अमेरिका में हैं. मैं वापस जाना चाहती हूं. पिछला साल बहुत मुश्किल भरा रहा है...
उन्होंने ट्रक ड्राइवरों समेत डिपोर्ट किए गए लोगों के साथ सख्त व्यवहार के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली हालिया अमेरिकी नीतियों को ज़िम्मेदार ठहराया. हरजीत कौर ने कहा, ‘ये सब ट्रंप के सत्ता में आने के बाद हो रहा है.’
हरजीत कौर के मुताबिक, उन्हें बेकर्सफील्ड में 8-10 दिन तक हिरासत में रखा गया. फिर एरिजोना ले जाया गया और फिर दिल्ली भेज दिया गया. उन्होंने आगे कहा, ‘उनका व्यवहार बहुत बुरा था... वहां मेरे बच्चे कुछ न कुछ कर ही देंगे. मैं कुछ नहीं कर सकती.’
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, हरजीत कौर लगभग 33 साल पहले अपने पति की मौत के बाद अपने दो बेटों के साथ अमेरिका गई थीं. वो दो दशकों से भी ज्यादा समय तक सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में रहीं और बर्कले में एक साड़ी की दुकान पर काम करती रहीं, जब तक कि इस साल की शुरुआत में स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें नौकरी नहीं छोड़नी पड़ी.
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