The Lallantop

कागज पर बसा दिया गांव, विकास के नाम पर 45 लाख का ग्रांट भी हड़प गए सरकारी बाबू

Punjab के Ferozpur जिले में सरकारी बाबूओं ने कागज पर एक फर्जी गांव बना दिया. और फिर उसके नाम पर सरकारी पैसों का घपला भी कर गए. एक RTI से इस घोटाले का खुलासा हुआ है.

Advertisement
post-main-image
पंजाब में सरकारी अधिकारियों ने एक फर्जी गांव बसा दिया. (AI Image)

अदम गोंडवी का एक शेर है “तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है. मगर ये आंकड़ें झूठे हैं ये दावे किताबी हैं.” इस शेर में गांव के विकास के दावों पर सवाल उठाए गए थे. लेकिन वक्त अब कहीं आगे निकल गया है. सरकारी बाबुओं ने कवि की कल्पना को भी मात दे दी है. उन्होंने फाइलों में नया गाव ही बसा दिया. और उसके विकास के नाम पर सरकारी ग्रांट भी निकलवा लिया.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

यह मामला पंजाब के फिरोजपुर जिले का है. करीब सात साल पहले की. तब पंजाब में कांग्रेस की सरकार थी. साल 2019 में एक व्यक्ति को इस घोटाले की भनक लगी. और उसने RTI डालकर संबंधित विभाग से जानकारी मांगी. लेकिन जानकारी देने के बजाय उसे धमकियां दी जाने लगी. फिर भी उसने हार नहीं मानी.  

RTI दाखिल करने के लगभग पांच साल बाद अब जाकर उसको जवाब मिला है. जवाब से पता चला कि तत्कालीन अधिकारियों और कर्मचारियों ने कागजों में एक गांव बसा दिया. और उसका नाम दिया ‘न्यू गट्टी राजो के’. इतना ही नहीं उस कागजी गांव में विकास के घोड़े भी दौड़ रहे थे. गांव के विकास के इस दौरान 45 लाख का ग्रांट मिला. जिसे ये अधिकारी गबन कर गए.

Advertisement

इस घोटाले की जानकारी देते हुए ब्लॉक समिति सदस्य गुरदेव सिंह ने बताया, 

 अधिकारियों ने पैसे का गबन करने के लिए एक फर्जी गांव बना दिया. और उसके विकास के नाम पर लाखों की ग्रांट खाकर कागजों को दफ्तर की फाइलों में दबा दिया. लेकिन सालों बाद उन्होंने अधिकारियों का पीछा नहीं छोड़ा. और सच्चाई सबके सामने ला दी.

मामला सामने आने के बाद ADC फिरोजपुर लखविंदर सिंह रंधावा ने बताया, 

Advertisement

इस मामले को लेकर जांच की जा रही है. और जो भी अधिकारी या कर्मचारी इस गबन में शामिल होंगे. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

वहीं इस घटना पर स्थानीय लोगों ने बताया कि फिरोजपुर में ‘नई गट्टी राजो के’ नाम का एक गांव है. लेकिन ‘न्यू गट्टी राजो के’ नाम का कोई गांव नहीं है. और ना ही उस गांव में विकास का कोई काम हुआ है.

वीडियो: पंजाब में फिल्म 'इमरजेंसी' पर बैन की मांग, इस कमिटी के प्रेसिडेंट ने CM को लिखी चिट्ठी

Advertisement