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पुणे के जमीन घोटाले की जांच रिपोर्ट में अजित पवार के बेटे का नाम नहीं, ये तीन लोग जिम्मेदार

Pune Land Deal Case: जॉइंट इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन (IGR) राजेंद्र मुथे तीन सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता कर रहे थे. उन्होंने अपनी रिपोर्ट दे दी है. इस मामले में अब तक दो FIR दर्ज की जा चुकी हैं. लेकिन दोनों ही FIR में पार्थ पवार का नाम नहीं है.

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अजित पवार और उनके बेटे पार्थ पवार. (फाइल फोटो)

पुणे लैंड डील केस में तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट सामने आई है. इसमें जमीनी सौदे में गड़बड़ी के लिए तीन लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया है. लेकिन इसमें अजित पवार के बेटे पार्थ पवार का नाम नहीं है. कमेटी का तर्क है कि पार्थ का नाम लेनदेन के किसी भी दस्तावेज में नहीं है, इसलिए उनके नाम को इसमें शामिल नहीं किया गया है.

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जॉइंट इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन (IGR) राजेंद्र मुथे तीन सदस्यीय कमेटी की अध्यक्षता कर रहे थे. जांच रिपोर्ट में शीतल तेजवानी, पार्थ के चचेरे भाई दिग्विजय पाटिल और निलंबित सब-रजिस्ट्रार रवींद्र तारू को गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार बताया गया है. वहीं, पार्थ पवार को लेकर अधिकारियों का कहना है कि पार्थ साइनिंग अथॉरिटी नहीं थे और उन्होंने लेनेदेन के किसी भी डॉक्यूमेंट पर साइन नहीं किए हैं. 

दो और रिपोर्ट आनी हैं

मंगलवार, 18 नवंबर को राजेंद्र मुथे ने पैनल की रिपोर्ट IGR रविंद्र बिनवाडे को सौंप दी. फिर उन्होंने इसे डिविजनल कमिश्नर चंद्रकांत पुलकुंडवार को भेजा. इसके अलावा दो और रिपोर्टें आने वाली हैं, एक राजस्व विभाग और दूसरी सेटलमेंट कमिश्नर की. इन तीनों रिपोर्टों की समीक्षा अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खरगे करेंगे. खरगे मुख्यमंत्री की ओर से बनाई गई छह-सदस्यीय कमेटी के प्रमुख हैं.

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दोनों FIR में पार्थ का नाम नहीं

इस मामले में अब तक दो FIR दर्ज की जा चुकी हैं, पहली FIR बावधान पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई. इसमें अमाडेया एंटरप्राइजेज LLP के एक पार्टनर, डील में जुड़े इंटरमीडिएरी और निलंबित सब-रजिस्ट्रार तारू के नाम शामिल हैं. आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को गुमराह किया और सरकारी जमीन की फर्जी सेल डीड बनाई.

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वहीं, दूसरी FIR खरग पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई है. इसमें राजस्व विभाग ने रिकॉर्ड में गड़बड़ी और सरकारी जमीन के मालिकाना हक को छुपाने की बात पाई. लेकिन दोनों ही FIR में पार्थ पवार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई, क्योंकि कमेटी ने भी देखा कि उनका नाम रजिस्टर्ड दस्तावेजों में नहीं है.

क्या हैं आरोप?

‘Amedia Holdings LLP’ अजित पवार के बेटे पार्थ पवार की कंपनी है. इस कंपनी ने पुणे के शहर के बीचो-बीच 300 करोड़ रुपये की 42 एकड़ जमीन खरीदी है. दावा है कि इसकी असल कीमत कथित तौर पर ₹1,800 करोड़ रुपये थी. इस सौदे को पूरा करने के लिए पूरी स्टैंप ड्यूटी नहीं चुकाने का आरोप है. मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच के आदेश दिए थे.

वीडियो: क्या कहानी है उस पुणे लैंड डील की, जिसके तार अजित पवार और उनके बेटे पार्थ से जुड़े

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