प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में वंदे मातरम पर बहस के दौरान एक बार फिर जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधा तो प्रियंका गांधी ने उन्हें एक ‘सलाह’ दे डाली. उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष अब एक समय निर्धारित कर दें. 10 घंटा, 20 घंटा या 40 घंटा. फिर प्रधानमंत्री मोदी के पास जवाहर लाल नेहरू को लेकर जितनी शिकायतें या गालियां हैं, वो सब सुना दें. देश उसे सुन लेगा, लेकिन फिर इसके बाद महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर बात हो जाए.
'संसद में नेहरू की सब गलतियों पर बात हो, फिर...', प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी से ये क्या कहा?
प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह दी है कि उनके पास जवाहर लाल नेहरू को लेकर जितनी शिकायतें हैं, उसकी भी एक लिस्ट बना लें. एक समय तय करके सदन में उस पर भी बहस कर ली जाएगी.
.webp?width=360)

प्रियंका गांधी ने ये भी कहा कि जितने समय से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, उतना समय नेहरू ने देश की आजादी के लिए जेल में बिताया है. ऐसे में वंदे मातरम के विभाजन का आरोप लगाना संविधान बनाने वालों का अपमान है.
प्रियंका ने ये बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के जवाब में कहीं, जिसमें आरोप लगाया गया था कि जवाहर लाल नेहरू ने मुस्लिम लीग की इस मांग पर सहमति जताई थी कि ‘आनंद मठ’ में 'वंदे मातरम' की पृष्ठभूमि मुसलमानों को परेशान कर सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम लीग की मांग के आगे झुक गई और ‘वंदे मातरम पर समझौता' कर लिया.
प्रियंका गांधी ने कहा कि आज हम अपने राष्ट्रगीत पर बहस कर रहे हैं, लेकिन हमारा राष्ट्रगान भी कविता का एक अंश ही है और इन दोनों राष्ट्रगीत और राष्ट्रगान के अंश को चुनने में सबसे बड़ी भूमिका गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की थी. कांग्रेस सांसद ने कहा कि वंदे मातरम के स्वरूप पर सवाल उठाना, जिसे संविधान सभा ने स्वीकार किया था, न सिर्फ उन महापुरुषों का अपमान करना है, जिन्होंने अपने महान विवेक से यह निर्णय लिया बल्कि एक ‘संविधान विरोधी मंशा’ को भी उजागर करता है.
प्रियंका ने सवाल किया,
क्या सत्ता पक्ष के हमारे साथी इतने अहंकारी हो गए हैं कि अपने आपको महात्मा गांधी जी से, रवींद्रनाथ टैगोर जी से, राजेंद्र प्रसाद जी से, बाबा साहब आंबेडकर जी से, मौलाना आजाद जी से, सरदार पटेल जी से, सुभाष चंद्र बोस जी से बड़ा समझने लग गए हैं. मोदीजी का अपने भाषण में यह कहना कि राष्ट्रगीत को एक विभाजनकारी सोच द्वारा काटा गया, उन सब महापुरुषों का अपमान है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन इस देश की आजादी की लड़ाई में झोंक दिया. वंदे मातरम को विभाजित करने का आरोप लगाकर आप पूरी संविधान सभा पर आरोप लगा रहे हैं. उसके हर एक नेता को दोषी ठहरा रहे हैं.
प्रियंका ने कहा कि यह हमारी संविधान सभा और हमारे संविधान का पर ‘खुला वार’ है. उन्होंने आगे कहा,
“और जहां तक जवाहरलाल नेहरू जी की बात है, जितनी देर हमारे प्रधानमंत्री देश के प्रधानमंत्री रहे हैं, 12 साल हो गए हैं, लगभग उतने ही सालों के लिए जवाहरलाल नेहरू जी जेल में रहे होंगे. किसलिए? इस देश की आजादी के लिए. उसके बाद 17 साल के लिए प्रधानमंत्री रहे. आप बड़ी आलोचना करते हैं इनकी, लेकिन अगर इन्होंने इसरो नहीं बनाया होता तो आज आपका मंगलयान नहीं होता. अगर डीआरडीओ नहीं बनाया होता तो तेजस नहीं बनता. अगर आईआईटी और आईआईएम नहीं बनाए गए होते तो हम आज आईटी में आगे नहीं होते. अगर AIIMS नहीं बनाया होता तो हम कोरोना की इतनी बड़ी चुनौती का सामना कैसे करते?”
इसके बाद बारी आई 'सलाह' की. प्रियंका ने कहा,
हमारे प्रधानमंत्री महोदय 12 सालों से इस सदन में हैं. मैं मात्र 12 महीनों से हूं. फिर भी छोटी-सी सलाह है. हाल ही में एक चुनाव (बिहार चुनाव) में उन्होंने एक सूची निकाली थी कि विपक्षी दलों ने और विपक्ष के नेताओं ने उनके कितने अपमान किए हैं. उसमें शायद 90 या 99 ऐसे अपमानों की सूची बनाई थी. मैं एक छोटी सलाह देना चाहती हूं कि नेहरू जी से जितनी भी शिकायतें हैं, आपके जेहन के हिसाब से उन्होंने जितनी भी गलतियां की हैं, उन्हें जितनी भी गालियां देनी हैं, जितना भी अपमान करना है, उसकी भी एक सूची बना दीजिए.
उन्होंने कहा कि नेहरू के 999 या 9999 जितने भी अपमान आपने किए हैं, उसकी एक सूची बना दीजिए और फिर एक समय तय करेंगे. जैसे हमने 10 घंटे वंदे मातरम पर बहस किया है. उसी तरह 10 घंटे, 20 घंटे या 40 घंटे जितने घंटों में आपकी यह शिकायत पूरी हो जाए, हम बहस कर लेंगे. लेकिन फिलहाल इस सदन का कीमती समय, जिसके लिए हमें यहां जनता ने भेजा है, उसका इस्तेमाल उसी के लिए किया जाए.
प्रियंका ने कहा,
जैसे अंग्रेजी में कहते हैं, वंस एंड फॉर ऑल लेट्स क्लोज द चैप्टर. क्लोज कर लीजिए. देश सुन लेगा. क्या-क्या शिकायतें हैं? किसने क्या किया? इंदिरा जी ने क्या किया? राजीव जी ने क्या किया? परिवारवाद क्या होता है? नेहरू जी ने कौन सी गलतियां कीं? सुना लीजिए. फिर खत्म. उसके बाद बेरोजगारी, महंगाई पर चर्चा करें. पीएमओ में (क्या) हो रहा है, उसकी बातें. उसकी चर्चा. जो बैटिंग ऐप के बारे में हो रहा है पीएमओ के अंदर उस पर चर्चा करें.
अपने भाषण में प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी की स्पीच की तारीफ की. लेकिन इसके साथ ही ताना भी मार दिया कि वो थोड़ा लंबा भाषण देते हैं. उन्होंने आगे कहा कि पीएम मोदी के भाषण की एक कमजोरी भी है कि वो भाषण बहुत अच्छा देते हैं लेकिन ‘तथ्यों के मामले में कमजोर’ पड़ जाते हैं. इसमें भी एक कला होती है कि तथ्यों को कैसे जनता के सामने रखा जाए.
प्रियंका गांधी ने इसका उदाहरण देते हुए कहा, कि वंदे मातरम की सालगिरह पर प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण दिया. उसमें उन्होंने कहा कि 1896 में पहली बार गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने यह गीत एक अधिवेशन में गाया. पीएम ने ये नहीं बताया कि ये कौन सा अधिवेशन था. हिंदू महासभा का था या आरएसएस का. वो किस बात से कतरा रहे थे कि ये कांग्रेस का अधिवेशन था?
वीडियो: 3 दिन में 100 करोड़ पार! ‘धुरंधर’ ने सुपरस्टार्स की फिल्मों को पछाड़ा













.webp)

.webp)

.webp)
.webp)



