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पाकिस्तान की अंधाधुंध गोलाबारी में जुड़वां बच्चों की दर्दनाक मौत, स्कूल जाने वाले थे

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की गोलाबारी में एक परिवार के जुड़वा बच्चों की मौत हो गई. दोनों 12 साल के थे और हमले के वक्त स्कूल जा रहे थे. उनके पिता आईसीयू में भर्ती हैं. उन्हें ये नहीं बताया गया है कि उनके बच्चे इस दुनिया में नहीं हैं.

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पुंछ में पाकिस्तानी गोलों ने जुड़वा बच्चों की जान ले ली (India Today)

भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के सीमाई इलाकों में अंधाधुंध गोलाबारी की थी. इसमें कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में पुंछ के रहने वाले एक परिवार जुड़वा भाई-बहन जोया और अयान भी शामिल हैं. जब उनके घर पर पाकिस्तानी सेना गोला गिरा, उस समय वे दोनों स्कूल जाने की तैयारी कर रहे थे. 

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आजतक की कमलजीत संधू ने जोया और अयान के परिवार के लोगों से बात की. उन्होंने बताया कि गोला गिरने के बाद जोया की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अयान को अस्पताल ले जाने की कोशिश की गई. लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया. दोनों के पिता भी गंभीर रूप से घायल हो गए. वो अभी भी ICU में भर्ती हैं. उन्हें अब तक बच्चों की मौत के बारे में नहीं बताया गया है. परिवार को डर है कि ये सुनकर उनकी हालत और बिगड़ सकती है.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद 7 मई को पाकिस्तान की सेना ने जम्मू के कई इलाकों में बम बरसाए थे. पुंछ में रहने वाले 48 साल के रमीज खान का परिवार भी इस हमले की चपेट में आ गया. रमीज बच्चों की बेहतर पढ़ाई के लिए 2 महीने पहले ही परिवार के साथ पुंछ में शिफ्ट हुए थे. 

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कमलजीत संधू से बातचीत में रमीज खान के रिश्तेदार मारिया और सोहेल खान ने बताया कि 7 मई को हुए हमले में सबसे पहले रमीज की बेटी जोया गंभीर रूप से घायल हुई.  उनके बेटे अयान को एक रिश्तेदार ने उठाया और उसे होश में लाने की कोशिश की. मारिया और सोहेल ने कहा, “उसकी आंतें बाहर निकल आई थीं. फिर भी उम्मीद थी कि वह फिर से होश में आ सकता है. लेकिन दुर्भाग्य से दोनों बच्चों की कुछ ही मिनटों में मौत हो गई. दोनों 5 मिनट के अंतर पर पैदा हुए थे. इसी अप्रैल में वो 12 साल के हुए थे.”

पिता को बच्चों के मौत की जानकारी नहीं

मारिया ने बच्चों के बारे में बताते हुए कहा, “वो बहुत प्यारे और अपनी उम्र के हिसाब से काफी मैच्योर थे. उनके पिता ने कभी उनको डांटा भी नहीं था. अगर उन्हें पता चलेगा कि उनके बच्चों की हमले में मौत हो गई तो शायद इस दुख से वह मर जाएं. इसलिए हमने उन्हें बताया है कि बच्चे ठीक हैं.”

परिवारवालों ने बताया कि हमले में रमीज के लिवर में गहरी चोट लगी है. राजौरी के अस्पताल से उन्हें जम्मू के अस्पताल में रेफर किया गया है. वहां उन्हें आईसीयू में रखकर इलाज किया जा रहा है. बच्चों की मां उर्षा खान इस हादसे के बाद मानसिक रूप से टूट चुकी हैं. एक तरफ बच्चों को खोने का दुख है. दूसरी तरफ पति अस्पताल में मौत से जूझ रहे हैं.

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मारिया और सोहेल ने बताया कि पाकिस्तान की गोलाबारी जारी रहने से वे लोग बुरी तरह डर गए थे. उन्हें अस्पताल पहुंचने में कई घंटे लग गए. उन्होंने मांग की, 

हम सरकार से अपील करते हैं कि दिल्ली में अच्छे डॉक्टरों की टीम से रमीज खान का इलाज कराया जाए. 

दोनों देशों के बीच सीजफायर पर उन्होंने कहा कि इससे मदद तो मिल सकती है, लेकिन पाकिस्तान की सीमा पर रहने वाली आबादी के लिए कुछ किया जाना चाहिए.

वीडियो: इन 33 पन्नों ने पाकिस्तान का कच्चा चिट्ठा खोल दिया

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