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SI भर्ती की परीक्षा का क्वेश्चन पेपर लेने जा रहे थे 114 अभ्यर्थी, पुलिस ने धर लिया

Odisha SI Exam 114 Candidates Arrested: पुलिस ओडिशा-आंध्र प्रदेश सीमा के पास तीन बसों को रोका. जांच में पता चला कि तीनों बसों में 117 यात्री सवार थे. इनमें से आठ महिला कैंडिडेट्स समेत 114 लोगों ने आगामी सब-इंस्पेक्टर परीक्षा के लिए आवेदन किया था.

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ओडिशा पुलिस ने 114 अभ्यर्थियों और 3 बिचौलियों को गिरफ्तार किया है. (फोटो- आजतक)

ओडिशा में पुलिस सब-इंस्पेक्टर (SI) पद के 114 अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया है. आरोप है कि ये सभी 3 बिचौलियों के साथ बगल के राज्य आंध्रप्रदेश जा रहे थे. उनका मकसद कथित तौर पर संयुक्त पुलिस सेवा परीक्षा (CPSE), 2024 में 'लीक हुए क्वेश्चन पेपर' हासिल करना था. ओडिशा के बाहर से आई एक गुमनाम कॉल, आंध्र प्रदेश की सीमा पर रोकी गई तीन बसें और इन लोगों से की गई पूछताछ. इन तीनों कड़ियों से पुलिस को इस कथित लीक को रोकने में मदद मिली है.

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अनियमितताओं के आरोपों के बाद, इस परीक्षा को 'प्रशासनिक वजहों' का हवाला देते हुए पहले ही स्थगित किया जा चुका है. अलग-अलग कैटिगरी के 933 पुलिस SI पदों के लिए 1.53 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने इसके लिए आवेदन किया है. ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड (OPRB) द्वारा आयोजित ये परीक्षा 5 और 6 अक्टूबर को निर्धारित थी.

कैसे खुला मामला?

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि बरहामपुर के SP सरवण विवेक एम को राज्य के बाहर से एक गुमनाम कॉल आया. इसमें आगामी परीक्षा के आसपास ‘संदिग्ध गतिविधियों’ के बारे में जानकारी दी गई. पुलिस को बताया गया कि 117 लोग भुवनेश्वर से तीन स्पेशल AC स्लीपर बसों में सवार होकर आंध्र प्रदेश के विजयनगरम में एक अज्ञात जगह पर जाने के लिए निकले हैं.

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इसके बाद, बरहामपुर SP ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ मंगलवार, 30 सितंबर की सुबह ओडिशा-आंध्र प्रदेश सीमा के पास तीन बसों को रोका. जांच में पता चला कि तीनों बसों में 117 यात्री सवार थे. इनमें से आठ महिला कैंडिडेट्स समेत 114 लोगों ने आगामी सब-इंस्पेक्टर परीक्षा के लिए आवेदन किया था.

पुलिस उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने के बजाय पूछताछ के लिए सभी को बरहामपुर ले गई, जहां क्राइम ब्रांच के अधिकारी भी शामिल हुए. द हिंदू की खबर के मुताबिक, SP ने आगे बताया कि सभी अभ्यर्थी तीन अन्य एजेंट्स के साथ विजयनगरम में एक अज्ञात जगह पर जा रहे थे. पुलिस ने बताया कि ये तीनों एजेंट अन्य बिचौलियों की ओर से काम कर रहे थे. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया,

पूछताछ के दौरान पता चला कि ये सभी आगामी पुलिस SI परीक्षा में बाधा डालने के एक संगठित अपराध में शामिल हैं. उनकी प्लानिंग विजयनगरम में गोपनीय प्रश्नपत्र हासिल करने, फिर भुवनेश्वर वापस आकर अपने-अपने सेंटर्स में परीक्षा देने की थी.

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पुलिस के मुताबिक, हर अभ्यर्थी 25 लाख रुपये देने पर सहमत हुआ था. इसमें 10 लाख पहले और बाकी 15 लाख नौकरी मिलने के बाद देने थे. इस संबंध में गंजम जिले के गोलंथरा पुलिस स्टेशन में एक FIR दर्ज की गई है. गिरफ्तार लोगों पर भारतीय न्याय संहित (BNS) की धारा 319(2), 318(4) और 338/336(3) के तहत मामला दर्ज किया गया है. आसान भाषा में कहें, तो उन पर धोखाधड़ी, जालसाजी, संगठित अपराध और आपराधिक षडयंत्र के आरोप लगाए गए हैं.

ओडिशा लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 की धारा 11(1) और 12(1) के तहत भी आरोप दर्ज हैं. जिसके तहत पांच साल तक की कैद और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, चूंकि ये पाया गया कि इस रैकेट में और भी एजेंट शामिल हैं, इसलिए आगे की जांच की जा रही है. जांच इसकी भी हो रही है कि कैंडिडेट्स को विजयनगरम क्यों ले जाया जा रहा था.

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