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असम, मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल में बाढ़ से 30 लोगों की मौत, लोगों ने तैयारियों पर खड़े किए सवाल

Northeast India floods and landslides: गुवाहाटी के बोंडा इलाक़े में हुए भूस्खलन में तीन बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई. इनमें से तीन की मौत तब हुई, जब उनका घर मिट्टी में दब गया. लोगों ने क्या बताया?

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पूर्वोत्तर राज्यों में अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. (फ़ोटो- PTI)

भारत के पांच पूर्वोत्तर राज्यों में बीते 24 घंटों में कम से कम 32 लोगों की मौत हो गई है. इन राज्यों में भारी बारिश के चलते कई इलाकों में बाढ़ आ गई है और भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं. कुछ मौतें बिजली गिरने से भी हुई हैं. उत्तरी बांग्लादेश और उससे सटे मेघालय में मौसमी दबाव के चलते पूर्वोत्तर में भारी बारिश हो रही है.

असम, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश वो राज्य हैं, जिन्हें शुरुआती मानसून की सबसे ज़्यादा मार झेलनी पड़ रही है. इससे व्यापक तबाही और जान-माल के नुकसान की ख़बरें आई हैं. इन सभी राज्यों में अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. वहीं, सिक्किम के मंगन में भी भारी बारिश के बाद तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ गया है.

असम

इस दौरान असम में नौ लोगों की मौत की ख़बर है. अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास रंगनदी बांध से पानी छोड़ा गया, जिसके बहाव के चलते असम के लखीमपुर ज़िले में दो लोगों की मौत हो गई. वहीं, गुवाहाटी के बोंडा इलाक़े में हुए भूस्खलन में तीन बच्चों समेत पांच लोगों की मौत हो गई. इनमें से तीन की मौत तब हुई, जब उनका घर मिट्टी में दब गया.

बोंडा इलाक़े के रहने वाले हेमंत कलिता ने बाढ़ की भयावहता का ज़िक्र किया है. उन्होंने इकॉनोमिक टाइम्स को बताया,

पानी का स्तर इतना बढ़ा कि हमारे कमरों में घुस गया. हमने सामान पैक करके अलमारी के ऊपर रखा है. खाना पकाने की भी कोई व्यवस्था नहीं है, क्योंकि रसोई में भी पानी भरा हुआ है.

वहीं, रुक्मिणी गांव की रहने वाली बसंती राय ने स्थानीय लेवल की तैयारियों की आलोचना की है. उन्होंने कहा,

न तो बाढ़ के पानी को बाहर निकालने की कोशिश की गई. न ही आसपास के इलाक़ों में जल निकासी को बेहतर बनाने के लिए कोई तैयारी. बीते कुछ समय से रुक्मिणी गांव में स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.

गुवाहाटी में बाढ़ के चलते सरकारी स्कूलों और ऑफ़िसों को बंद कर दिया गया है.

अरुणाचल प्रदेश भूस्खलन

अरुणाचल प्रदेश में भी भारी नुक़सान की ख़बरें हैं. यहां शुक्रवार, नेशनल हाईवे 13 पर भूस्खलन के कारण एक कार बह गई और खाई में जा गिरी. जिससे दो परिवारों के सात लोगों की मौत हो गई. भूस्खलन से जुड़ी एक अन्य घटना में लोअर सुबनसिरी ज़िले में दो मजदूरों की मौत हो गई है.

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने हर प्रभावित परिवार को चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है.

मेघालय और नागालैंड

मेघालय में बीते 24 घंटों में भूस्खलन, डूबने और बिजली गिरने से सात मौतें दर्ज की गई हैं. वहीं, नागालैंड के चुमौकेदिमा ज़िले में नेशनल हाईवे-29 पर एक डंपर पर चट्टान गिर गई. इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई है.

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इम्फाल में बाढ़ प्रभावित लोग. (फ़ोटो- PTI)
मिजोरम और मणिपुर

मिजोरम में भी छह लोगों की मौत गई है. इनमें से तीन नागरिक म्यांमार के नागरिक हैं. भूस्खलन के बाद एक होटल के ढह जाने से इन तीनों की मौत हो गई. मिजोरम की राजधानी आइजोल के पास सैरांग जैसे निचले इलाक़ों के गांवों में बाढ़ की ख़बर है. त्लावंग नदी के उफनने के कारण ये बाढ़ आई, जिससे बचने के लिए लोग ऊंचे इलाक़ों की तरफ़ रुख कर रहे हैं.

वहीं, मणिपुर के इरिल और नम्बुल नदियों में पानी ख़तरे के स्तर से ऊपर उठ गया है. इंफाल नदी भी अपने स्तर से काफ़ी ऊपर बह रही है.

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