इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने श्रावस्ती जिले के मदरसों को बड़ी राहत दी है. पीठ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के अधिकारी जिले के मदरसों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेेंगे. कोर्ट ने ये आदेश मदरसों की तरफ से दाखिल की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया.
यूपी: 27 मदरसों को ढहाने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, कहा-बिना सोचे जारी कर दिया नोटिस
Uttar Pradesh: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा कि राज्य सरकार, कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले किसी भी मदरसे को ध्वस्त नहीं करेगी. दरअसल, 1 मई को राज्य सरकार ने नोटिस जारी कर मदरसों में धार्मिक शिक्षा देने पर रोक लगा दी थी. पूरा मामला क्या है?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस जसप्रीत सिंह की पीठ ने 5 जून को मदरसा मोइनुल इस्लाम कासमिया समिति और श्रावस्ती के 26 मदरसों की तरफ से दायर याचिकाओं पर सुनवाई की. दरअसल, 1 मई को राज्य सरकार ने नोटिस जारी कर मदरसों में धार्मिक शिक्षा देने पर रोक लगा दी थी. जिसे चुनौती देते हुए याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने मदरसों को भेजे गए नोटिस पर संज्ञान लेते हुए कहा,
सभी नोटिस जो मदरसों को भेजे गए, एक ही नंबर के हैं और पहली बार देखने पर ऐसा मालूम होता है कि इन्हें बिना सोचे-समझे जारी किया गया है.
कोर्ट ने आगाह किया कि राज्य, कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले किसी भी मदरसे को ध्वस्त नहीं करेगा. साथ ही राज्य सरकार से 3 जुलाई तक रिट याचिकाओं के खिलाफ अपना जवाब दाखिल करने के लिए भी कहा गया है. TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, अपने आदेश में जस्टिस जसप्रीत सिंह ने कहा,
जहां भी कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है, उसे स्पष्ट रूप से जारी किया जाना चाहिए. जिससे नोटिस प्राप्त करने वाला भी विशेष रूप से जवाब दे सके और जान सके कि किस आरोप का जवाब दिया जाना है.
ये भी पढ़ें: यूपी सरकार मदरसा कानून में डिग्री वाला बड़ा बदलाव करने वाली है?
इससे पहले 14 मई को श्रावस्ती के एक अन्य मदरसे की तरफ से दायर याचिका पर भी कोर्ट ने इसी तरह का आदेश पारित किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल में, यूपी सरकार ने भारत-नेपाल सीमा के पास के जिलों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया था. जिसमें गैर-मान्यता प्राप्त धार्मिक संस्थानों समेत सैकड़ों अवैध इमारतों को ध्वस्त कर दिया गया था. यूपी सरकार के आदेश में कहा गया है कि ये कार्रवाई लंबे समय से अवैध कब्जों को हटाने के लिए की गई है.
वीडियो: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने UP के मदरसा एजुकेशन एक्ट को असंवैधानिक क्यों ठहराया?