पटना की वीरचंद पटेल पथ. राज्य की राजनीतिक गतिविधियों का गढ़. यहां लगे पोस्टर अक्सर लोगों का ध्यान खींचते हैं. और उनके सियासी संदेश भी खास होते हैं. इन पोस्टर्स से राज्य की राजनीति का मिजाज और हो रहे बदलावों का संकेत मिल जाता है. होली के अगले दिन ऐसा ही एक पोस्टर जदयू कार्यालय के बाहर लगाया गया. पोस्टर पर लिखा है, बिहार की मांग सुन लिए निशांत बहुत बहुत धन्यवाद. इन पोस्टर्स की टाइमिंग भी बेहद खास है.
CM नीतीश के होली मिलन समारोह में छाए रहे बेटे निशांत, JDU में एंट्री लगभग तय, बस...
अप्रैल की 15 तारीख को खरमास समाप्त होने के बाद किसी भी दिन Nishant Kumar आधिकारिक तौर पर JDU की सदस्यता ले सकते हैं. जदयू कार्यालय के बाहर पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत वाले पोस्टर भी लगाए हैं. वहीं निशांत CM House में आयोजित होली मिलन समारोह में जेडीयू के नेताओं के साथ मेल मिलाप करते दिखे.

इससे एक दिन पहले यानी 15 फरवरी को सीएम हाउस में होली मिलन समारोह का आयोजन था. आयोजन नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का था. लेकिन इसके केंद्र में उनके पुत्र निशांत कुमार (Nishant Kumar) थे. जदयू में शामिल होने की खबरों के बीच निशांत जदयू के सीनियर नेताओं के साथ गलबहियां करते दिखें. ये जदयू के किसी सामाजिक कार्यक्रम में उनकी पहली सार्वजिनक उपस्थिति थी. निशांत विजय कुमार चौधरी और संजय झा के साथ फ्रेम में दिखे. पार्टी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि निशांत की एंट्री लगभग तय है. अब बस औपचारिक एलान होना बाकी है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल की 15 तारीख को खरमास समाप्त होने के बाद किसी भी दिन निशांत आधिकारिक तौर पर जदयू की सदस्यता ले सकते हैं. पार्टी में शामिल होने को लेकर जारी सस्पेंस के बीच निशांत इस साल की शुरुआत से तीन बार मीडिया से मुखातिब हो चुके हैं.
इस दौरान उनका बयान काफी नपा तुला रहा है. तीनों ही मौकों पर उन्होंने बिहार के वोटर्स से अपने पिता नीतीश कुमार को एक और कार्यकाल देने की अपील की. साथ ही उन्होंने एनडीए गठबंधन से सार्वजनिक तौर पर नीतीश कुमार को सीएम उम्मीदवार घोषित करने की मांग की. राजनीति जॉइन करने के सवाल पर निशांत सीधे तौर पर कुछ भी कहने से बचते रहे हैं. लेकिन उन्होंने इससे इनकार भी नहीं किया है.
जदयू के एक नेता के मुताबिक, होली मिलन समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने वाले हर नेता ने निशांत से भी मुलाकात की. वहीं एक और नेता ने बताया कि पार्टी की ओर से भी यह सुनिश्चित किया गया कि पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं की निशांत से मुलाकात हो. उन्होंने आगे बताया,
यह राजनीतिक चर्चा का दिन नहीं था. लेकिन पार्टी के सीनियर लीडर्स और कार्यकर्ताओं के लिए संदेश स्पष्ट था. निशांत कुमार जल्द ही नीतीश कुमार के राजनीतिक उत्तराधिकारी बनने जा रहे हैं.
जदयू के सीनियर नेता और मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,
नीतीश कुमार ने ही जदयू को खड़ा किया है. इसलिए अंतिम फैसला भी उन्हीं का होगा. निशांत राजनीति में आएंगे या नहीं इसका निर्णय केवल नीतीश कुमार ही करेंगे. पार्टी नेतृत्व और भविष्य को लेकर फैसला लेने का अधिकार उन्हीं के पास है.
सत्ता में पावर सेंटर का बहुत महत्व होता है. एक से ज्यादा पावर सेंटर होने पर पार्टी में खटपट की संभावना बनी रहती है. होली मिलन समारोह में निशांत की सार्वजनिक उपस्थिति के जरिए नीतीश कुमार ने उन सवालों के भी जवाब दे दिए हैं, जिनमें पार्टी में कई पावर सेंटर होने की बात कही जा रही थी. दरअसल जदयू में नीतीश कुमार ने कभी भी दूसरा पावर सेंटर नहीं बनने दिया. जॉर्ज फर्नांडिस, उपेंद्र कुशवाहा, ललन सिंह, आरसीपी सिंह, जीतन राम मांझी और प्रशांत किशोर जैसे नेताओं की लंबी लिस्ट है. ये सब पार्टी में पैरलल पावर सेंटर बनाना चाहते थे. लेकिन ठिकाने लगा दिए गए. सीनियर पत्रकार मनोज मुकुल बताते हैं,
विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया रहीनेता कभी नहीं चाहता कि उसके अलावा कहीं और पावर सेंटर बने. नीतीश कुमार इसके प्रत्यक्ष गवाह हैं. बाकी पार्टियां, जो परिवारवादी हैं वहां दूसरा पावर सेंटर नहीं होता. नीतीश कुमार ने पहली बार होली मिलन समारोह का ऐसा आयोजन किया. प्रदेश भर से जेडीयू के जो गणमान्य लोग थे उनको बुलाया गया था. मकसद साफ था. मकसद ये बताना था कि जेडीयू में पावर सेंटर नहीं बदलेगा. पार्टी की गद्दी पर उनका बेटा ही बैठेगा. संजय झा और विजय चौधरी ने सार्वजनिक तस्वीर के जरिए पक्ष, विपक्ष, कैडर को संदेश दे दिया है. निशांत से जिस तरह जेडीयू नेता मिले वो सब कुछ खुद ब खुद बयां कर रहा है. लिखित या मौखिक में बताया नहीं गया. लेकिन जो जताया गया वो स्पष्ट है.निशांत ही जेडीयू का भविष्य है.
निशांत कुमार के राजनीति में शामिल होने की खबरों के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा,
हम निशांत का राजनीति में स्वागत करेंगे. उन्हें अब समय बर्बाद नहीं करते हुए राजनीति में शामिल हो जाना चाहिए, नहीं तो बीजेपी जेडीयू को निगल जाएगी.
वहीं जदयू कार्यकर्ताओं द्वारा निशांत के स्वागत में लगाए गए पोस्टर्स पर कांग्रेस नेता और सांसद तारिक अनवर ने भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि ये तो होना ही था. नीतीश कुमार हमेशा से चाहते थे कि निशांत राजनीति में आए, लेकिन वो खुद ही इसके लिए तैयार नहीं थे. तारिक अनवर ने आगे बताया कि अब शायद निशांत ने राजनीति में आने का मन बना लिया है इसलिए ये सब हो रहा है.
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