बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhansabha Election) से पहले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने आयोग, बोर्ड और निगमों का पुनर्गठन किया है. इसमें सत्ताधारी NDA गठबंधन से जुड़े नेताओं और उनके रिश्तेदारों को एडजस्ट करने की कोशिश की गई है. बोर्ड और आयोग में जिन चेहरों को जगह मिली है उस पर सियासत गरमा गई है. नेता विपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने इन नियुक्तियों पर निशाना साधते हुए नीतीश कुमार को 'जमाई आयोग' बनाने की सलाह दी है.
तेजस्वी की सलाह, 'जमाई आयोग' बनाएं नीतीश कुमार, 'डीके बॉस' को बताया सुपर सीएम
Bihar Vidhansabha Election से पहले Nitish Kumar ने कई आयोग, बोर्ड और निगमों का पुनर्गठन किया है. इसमें NDA से जुड़े नेताओं और उनके रिश्तेदारों का खास ख्याल रखा गया है. नेता प्रतिपक्ष ने इसको लेकर नीतीश कुमार पर करारा तंज किया है.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने आयोग के पुनर्गठन में नेताओं के परिवार वालों को जगह दिए जाने को लेकर नीतीश सरकार की घेराबंदी की है. उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने सत्ताधारी नेताओं के परिवार वालों को एडजस्ट किया है. साथ ही तेजस्वी ने ये सलाह भी दी कि इतनी ज्यादा मेहनत करने से अच्छा था कि नीतीश कुमार अलग से जमाई आयोग बनाकर सभी दामादों को उसमे एडजस्ट कर लेते.
तेजस्वी ने क्यों की जमाई आयोग की बाततेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को जमाई आयोग बनाने की सलाह दी है क्योंकि बिहार सरकार की तरफ से अलग-अलग आयोगों में सत्ताधारी नेताओं के कई जमाई एडजस्ट हुए हैं. केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी को अनुसूचित जाति आयोग में उपाध्यक्ष बनाया गया है.
वहीं स्वर्गीय रामविलास पासवान के दामाद और चिराग पासवान के जीजा मृणाल पासवान को अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष पद से नवाजा गया है. वहीं नीतीश कुमार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी के दामाद सायन कुणाल को बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद का सदस्य बनाया गया है.
तेजस्वी ने 'डीके बॉस' को भी निशाने पर लियातेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के प्रधान सचिव और रिटायर्ड IAS अधिकारी दीपक कुमार को भी निशाने पर लिया है. हालांकि नेता प्रतिपक्ष ने सीधे उनका नाम नहीं लिया है. उन्होंने कहा,
अब नीतीश कुमार सरकार नहीं चला रहे हैं, वो 'अचेत अवस्था में हैं. बिहार में लॉ एंड ऑर्डर का क्रिमिनल डिसऑर्डर हो चुका है. हर जगह भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार देखने को मिल रहा है. ब्लॉक से लेकर मुख्यमंत्री आवास तक नाक के नीचे क्या हो रहा है मुख्यमंत्री को नहीं पता. बिहार सरकार में असली सुपर सीएम 'डीके बॉस' ही है.
दीपक कुमार की पत्नी को राज्य महिला आयोग का सदस्य बनाया गया है. इसको लेकर भी तेजस्वी यादव ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा,
महिला आयोग की सदस्य बनाने के लिए नोटिफिकेशन में खेलमुख्यमंत्री के सचिव के पास आखिर ऐसी कौन सी काबिलियत है? उनकी पत्नी कितनी बड़ी शिक्षाविद है, जो उन्हें महिला आयोग का सदस्य बना दिया गया. क्या जदयू और बीजेपी में इस पद के योग्य कोई महिला नेता और कार्यकर्ता नहीं हैं?
दीपक कुमार की पत्नी रश्मि रेखा सिन्हा को महिला आयोग की सदस्य बनाने को लेकर नोटिफिकेशन में एक खेल हुआ है. बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग ने 7 जून को राज्य महिला आयोग के गठन की नोटिफिकेशन जारी की थी.
एक हफ्ते पहले निकले इस नोटिफिकेशन में 7 सदस्य हैं. इनमें 6 महिलाओं के पति के नाम के साथ उनका पूरा पता दिया गया है. लेकिन लिस्ट में सातवें नंबर की सदस्य रश्मि रेखा सिन्हा के पति के नाम के बजाय उनके पिता सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा का नाम लिखा गया है.
यही नहीं सरकारी अधिसूचना में शामिल 7 में से 6 सदस्यों का पूरा पता दिया गया है. लेकिन रश्मि रेखा सिन्हा के साथ उनका पूरा पता देने के बजाय पत्राचार के पते का जिक्र किया गया है. सरकारी नोटिफिकेशन में लिखा गया है- रश्मि रेखा सिन्हा, पिता-सुरेंद्र प्रसाद सिन्हा, पत्राचार का पता-C/O- देवेंद्र प्रसाद वर्मा, आवास संख्या-12बी., फेज-1, आशियाना नगर, पटना-800025.

दीपक कुमार 1984 बैच के IAS अधिकारी है. उन्होंने करीब एक दर्जन जिलों में डीएम के तौर पर काम किया है. 1 जून 2018 को उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मुख्य सचिव बनाया गया था. रिटायर होने के बाद साल 2021 में उन्हें नीतीश कुमार का प्रधान सचिव बनाया गया था.
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