The Lallantop

नितिन गडकरी प्रदूषण पर बोले, 'दिल्ली में मुझे एलर्जी होती है', फिर इथेनॉल कार के फायदे बताए

वरिष्ठ बीजेपी नेता और केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री Nitin Gadkari ने दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर की किताब का विमोचन किया. इस दौरान उन्होंने दिल्ली में बढ़ रहे Pollution पर चिंता जाहिर की है.

Advertisement
post-main-image
नितिन गडकरी एक किताब के विमोचन समारोह में बोल रहे थे. (वीडियोग्रैब)

केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में दो दिन रहने पर उन्हें गले में इंफेक्शन या एलर्जी हो जाती है. साथ ही उन्होंने ये भी स्वीकार किया कि प्रदूषण (Pollution) का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा परिवहन क्षेत्र से आता है और ये मंत्रालय उनके जिम्मे ही है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

नितिन गडकरी दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त उदय माहुरकर की किताब के विमोचन समारोह में बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा, 

दिल्ली आज प्रदूषण से त्रस्त है. मैं खुद जब दिल्ली में दो दिन रुकता हूं तो मुझे गले में इंफेक्शन हो जाता है. इस प्रदूषण में करीब 40 फीसदी हिस्सा परिवहन क्षेत्र का है. और ये मंत्रालय मेरे जिम्मे है, इसलिए इस जिम्मेदारी को मैं अच्छे से समझता हूं. प्रदूषण कम करने के लिए देश को जीवाश्म ईंधन (डीजल, पेट्रोल) पर से निर्भरता जल्द से जल्द घटानी होगी और साफ विकल्प अपनाने होंगे.

Advertisement

परिवहन मंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब जीवाश्म ईंधन सीमित हैं और उनसे प्रदूषण बढ़ रहा है तो क्या उनका इस्तेमाल कम नहीं किया जाना चाहिए? साथ ही उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इलेक्ट्रिक और हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देना जरूरी है, क्योंकि इनसे प्रदूषण लगभग शून्य होता है. 

गडकरी ने बताया कि भारत हर साल जीवाश्म ईंधन के आयात पर करीब 22 लाख करोड़ खर्च करता है. उन्होंने इस दौरान अपनी फ्लेक्स-फ्यूल कार का भी जिक्र किया, जो पूरी तरह से इथेनॉल से चलती है. गडकरी ने कहा कि ऐसी गाड़ियां प्रदूषण कम करने के साथ-साथ विदेश से मंगाए जाने वाले ईंधन पर देश की निर्भरता भी घटा सकती है.

Advertisement
दिल्ली में प्रदूषण लेवल ‘गंभीर’

नितिन गडकरी की ये टिप्पणी ऐसे समय आई, जब 23 दिसंबर को दिल्ली के हवा की सेहत फिर से बहुत बिगड़ गई और 'एयर क्वालिटी' गंभीर श्रेणी में पहुंच गई. राजधानी का 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 412 दर्ज किया गया. वहीं नोएडा का औसत AQI 426 अंक दर्ज हुआ. 23 दिसंबर को नोएडा देश का सबसे प्रदूषित और दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा. 24 दिसंबर की सुबह AQI में थोड़ा सुधार हुआ और यह गंभीर श्रेणी से बहुत खराब श्रेणी में आ गया. इस बीच मौसम विभाग ने कहा है कि अगले छह दिन हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' बनी रह सकती है.

पहले भी सवाल उठा चुके हैं गडकरी

यह पहला मौका नहीं है जब नितिन गडकरी ने दिल्ली में प्रदूषण का मुद्दा उठाया हो. पिछले साल दिसंबर में भी एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली आने से कतराते हैं. गडकरी ने कहा था कि हर बार दिल्ली आने से पहले वो सोचते हैं कि यहां आना चाहिए या नहीं, क्योंकि प्रदूषण की हालत बेहद खराब होती है.

वीडियो: दिल्ली वायु प्रदूषण पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा,"मुझे भी गले में संक्रमण हो जाता है"

Advertisement