नागपुर हिंसा को लेकर शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला है. 18 मार्च को उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर BJP को हरे रंग से इतनी ‘एलर्जी’ है, तो सबसे पहले अपनी पार्टी के झंडे से हरा रंग हटा ले, फिर ‘हमारे भगवे को कलंक लगाने की हिम्मत करे’. वहीं नागपुर में हुई हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि वे न तो मुख्यमंत्री हैं, और न ही गृहमंत्री, इसलिए हिंसा के पीछे किसका हाथ है यह कहना उनके लिए संभव नहीं है.
उद्धव ठाकरे ने BJP से औरंगजेब की कब्र हटाते वक्त NDA के किन दो नेताओं को बुलाने को कहा?
Nagpur Violence: शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने ये भी कहा कि अगर BJP को हरे रंग से इतनी ‘एलर्जी’ है, तो सबसे पहले अपनी पार्टी के झंडे से हरा रंग हटा ले, फिर ‘हमारे भगवे को कलंक लगाने की हिम्मत करे’.
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ANI के मुताबिक एक प्रेस वार्ता के दौरान नागपुर हिंसा को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, "मैं मुख्यमंत्री नहीं हूं. न ही मैं गृहमंत्री हूं. मुख्यमंत्री से पूछिए कि इसके (हिंसा के) पीछे कौन है. क्योंकि वहां RSS का मुख्यालय है. यहां डबल इंजन की सरकार है. अगर डबल इंजन की सरकार विफल हो गई है, तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.”
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, “औरंगज़ेब का जन्म गुजरात में हुआ था. उन्होंने शिवाजी महाराज के समय महाराष्ट्र में आक्रमण किया और महाराष्ट्र में उनकी कब्र बनी हुई है. आप 400 साल पुरानी बात निकाल रहे हैं, तो निकालो, और उनकी जो कब्र है, उसको उखाड़ो. इस दौरान चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार जी को जरूर बुलाइए.”
उद्धव ठाकरे ने यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा, “महाराष्ट्र में उनकी (BJP) की सरकार है. चिल्लाचिल्ली और ढोंग क्यों कर रहे हैं? जाओ मोदी जी के पास. जैसा बुलडोज़र यूपी में चला रहे थे. वैसा बुलडोज़र चलाओ ना. किसने रोका है?”
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मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर महाराष्ट्र की सियासत हर दिन के साथ और गरमाती जा रही है. सोमवार को ये विवाद हिंसा में तब्दील हो गया. बजरंगदल और विश्व हिंदू परिषद ने संभाजी नगर में बनी औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया था. इस दौरान कथित तौर पर औरंगजेब का पुतला जलाया गया. लेकिन बाद में अफवाह फैली की मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ को जलाया गया. पुलिस सोर्स के हवाले से कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि इस अफवाह के बाद नागपुर के हंसपुरी और चिटनिस में हिंसा फैल गई. इस दौरान गाड़ियों को आग लगा दी गई, घरों को निशाना बनाया गया. पुलिस पर भी हमला हुआ. रिपोर्ट्स के मुताबिक हिंसा में 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए.
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