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कर्नल सोफिया पर विजय शाह का बयान: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर SIT बनी, ये अफसर करेंगे जांच

Vijay Shah SIT: सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि SIT के तीनों IPS एमपी कैडर से बाहर के होने चाहिए. लेकिन ये तीनों IPS मध्य प्रदेश कैडर के ही हैं. सुप्रीम कोर्ट के कहे अनुसार एक महिला अफसर को भी शामिल किया गया है. SIT उस बयान की जांच करेगा जो Vijay Shah ने Col Sofiya Qureshi पर दिया था.

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सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को SIT बनाने को कह था. (फाइल फोटो)

मध्य प्रदेश के मंत्री और बीजेपी नेता विजय शाह की कर्नल सोफिया कुरैशी (Vijay Shah on Sofiya Qureshi) पर की गई विवादित टिप्पणी की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (Vijay Shah SIT) का गठन कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 19 मई को इसे लेकर आदेश पारित किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, SIT में तीन वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के कहे अनुसार एक महिला अफसर को भी शामिल किया गया है.

इंडिया टुडे के इनपुट के मुताबिक, SIT में शामिल किए गए पहले अफसर का नाम प्रमोद वर्मा है. वह एमपी कैडर से आते हैं और 2001 बैच के IPS हैं. वर्मा फिलहाल मध्य प्रदेश के सागर ज़ोन के IG का काम देख रहे हैं.

 

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MP के DGP ने बनाई तीन अधिकारियों की SIT. (फोटो- इंडिया टुडे)

दूसरा नाम कल्याण चक्रवर्ती का है. वह भी एमपी कैडर से ही आते हैं और 2010 बैच के IPS हैं. चक्रवर्ती भोपाल में पुलिस मुख्यालय में स्पेशल आर्म्ड फोर्स के DIG हैं. तीसरा और आखिरी नाम 2014 बैच की IPS वाहिनी सिंह का है. वह मूलतः पंजाब कैडर की हैं लेकिन MP कैडर के IPS नागेंद्र सिंह से शादी होने के बाद उनका ट्रांसफर मध्य प्रदेश कैडर में हो गया. फिलहाल वह डिण्डोरी की SP हैं. 

मध्य प्रदेश के मंत्री शाह ने राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तारी से राहत दी. लेकिन उनके बयानों की जांच के लिए SIT बनाने का आदेश दिया. कोर्ट ने इसमें में तीन IPS अधिकारियों को शामिल करने का निर्देश दिया था. एक महिला अधिकारी को भी अनिवार्य तौर पर शामिल करने को कहा था. मामले में SIT अपनी पहली रिपोर्ट 28 मई को कोर्ट के सामने पेश करेगी. 

कोर्ट ने विजय शाह पर कई सख़्त टिप्पणियां कीं. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की बेंच ने उनसे पूछा,

क्या आपने माफी मांगी? उसका वीडियो दिखाइए. हम जानना चाहते हैं कि आपने कैसे माफी मांगी है. कुछ लोग तो इशारों से माफी मांगते हैं. कुछ घड़ियाली आंसू बहाते हैं. हमें आपकी ऐसी माफी नहीं चाहिए. आप पहले गलती करते हैं फिर कोर्ट चले आते हैं. आप जिम्मेदार नेता हैं. आपको सोच समझकर बोलना चाहिए. लेकिन आपने बहुत घटिया भाषा अपनाई है.

इस पर शाह के वकील ने कहा कि वह माफी मांग चुके हैं. इसका वीडियो भी जारी कर चुके हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि इनकी भाषा और अंदाज़ से नहीं लग रहा कि वह शर्मिंदा हैं. उन्होंने सिर्फ इसलिए माफी मांगी क्योंकि कोर्ट ने कहा है. यह अवमानना का केस नहीं है कि आप माफी मांग कर बच जाओगे. 

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