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पहलगाम हमले पर महिला लेक्चरर ने किया था वीडियो पोस्ट, अब मिली हाई कोर्ट से जमानत

MP High Court on Dr Nasheem Bano: डॉ. नशीम बानो पर वीडियो शेयर कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था. उन्हें अरेस्ट भी किया गया था. अब हाई कोर्ट ने जमानत दी है.

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डॉ नशीम बानो पर वॉट्सऐप ग्रुप पर वीडियो शेयर कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप है. (फ़ोटो- इंडिया टुडे)

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High Court) ने कॉलेज लेक्चरर डॉ. नशीम बानो (Dr Nasheem Bano) को ज़मानत दे दी है. उन्हें पहलगाम आतंकवादी हमले (Pahalgam Terror Attack) से जुड़ा एक वॉट्सऐप वीडियो शेयर करने पर 28 अप्रैल को गिरफ़्तार किया गया था.

डॉ. नशीम बानो पर वीडियो शेयर कर हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया था. सुनवाई के दौरान जस्टिस अवनींद्र कुमार सिंह ने कहा कि वॉट्सऐप पर फॉरवर्ड की गई पोस्ट के लिए उन्हें अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रखा जा सकता.

डॉ नशीम बानो डिंडोरी के सरकारी मॉडल कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के रूप में कार्यरत हैं. उन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की दो धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. धारा 196 ( धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर ग्रुप्स के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण काम, जिसका मकसद किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना हो).

रिपोर्ट्स के मुताबिक़, पहलगाम हमले के कुछ दिनों बाद, नशीम बानो ने एक वॉट्सऐप स्टेटस पोस्ट किया था. जिसमें हिंदुओं के नाम पूछने के बाद उनकी हत्या और मुसलमानों को 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए मजबूर करना, दोनों आतंकवादी कार्रवाई बताया गया था. उन्होंने एक कॉलेज के वॉट्सऐप ग्रुप पर 'नया रावण' टाइटल के साथ एक वीडियो भी फॉरवर्ड किया था.

30 अप्रैल को निचली अदालत ने उन्हें ज़मानत देने से इनकार कर दिया था. ज़मानत देने से इनकार करने को चुनौती देते हुए, उनके वकील ने हाई कोर्ट में अपनी दलील दी. बताया कि वो एक शिक्षित महिला हैं और उनका किसी भी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था.

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राज्य ने उनकी जमानत याचिका का विरोध किया. कहा कि उन्होंने समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर वॉट्सऐप मैसेज और वीडियो भेजे थे. हालांकि, बाद में हाई कोर्ट ने उन्हें ज़मानत देने का फ़ैसला किया. हाई कोर्ट ने आगे कहा ऐसे लोग जो कॉलेज में गेस्ट फैकल्टी के पद पर बैठे हैं, उन्हें वॉट्सऐप मैसेज फॉरवर्ड करने की ज़िम्मेदारी को ज्यादा गंभीरता से लेना चाहिए. कोर्ट ने आगे कहा, ‘लेकिन सिर्फ़ ये मैसेज, वीडियो भेजने के आधार पर, किसी को अनिश्चित काल तक जेल में नहीं रखा जा सकता.’ इसके बाद कोर्ट ने डॉ नशीम बानो को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया.

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