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भारत ने रूस से की बड़ी डील, बोइंग-एयरबस नहीं, ये कंपनी भारत में बनाएगी SJ-100 यात्री विमान

Passenger Aircraft का मार्केट देखें तो अभी तक यूरोप की Airbus और अमेरिका की Boeing इस मार्केट में एकतरफा राज कर रही हैं. इस डील को इस तरह भी देखा जा रहा है कि ये इन दोनों कंपनियों के Aircraft Market में दबदबे को कम करेगी. साथ ही ऐसा पहली बार होगा जब एक यात्री विमान पूरी तरह से भारत में ही बनाया जाएगा.

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SJ100 को UAC और HAL मिलकर भारत में बनाएंगी (PHOTO-UAC)

भारत और रूस के बीच एक बड़ी डील पर मुहर लग चुकी है. भारत की हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और रूस की यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (UAC) ने SJ-100 जेट एयरक्राफ्ट के प्रोडक्शन की डील साइन की है. UAC वही कंपनी है जिसने इंडियन एयरफोर्स की रीढ़ माने जाने वाले सुखोई फाइटर जेट (Sukhoi) को बनाया था. ऐसा पहली बार होगा जब एक यात्री विमान पूरी तरह से भारत में ही बनाया जाएगा. ये डील ऐसे समय में हुई है जब अमेरिका-भारत के बीच टैरिफ की वजह से रिश्ते कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं. अमेरिका लगातार कोशिश कर रहा है कि भारत को रूस से दूर किया जाए.

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HAL द्वारा इस मामले पर जानकारी देते हुए कहा गया कि ये डील भारत के छोटे शहरों के बीच कनेक्टिविटी के लिहाज से बहुत अहम होगी. क्योंकि पीएम मोदी द्वारा 2016 में शुरू की गई UDAN (उड़ान) स्कीम का यही उद्देश्य है. इस डील के बाद HAL को भारत में SJ-100 बनाने का लाइसेंस मिल जाएगा. बनने के बाद HAL इन विमानों को घरेलू कस्टमर्स को बेच सकेगी.

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HAL और UAC डील पर HAL द्वारा जारी प्रेस रिलीज (PHOTO-HAL)
अगले 10 साल में चाहिए 200 जेट्स 

HAL ने बताया है कि अगले 10 सालों में UDAN जैसी स्कीम और रीजनल कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए भारत को SJ-100 जैसे लगभग 200 जेट्स की जरूरत पड़ेगी. इसके अलावा हिंद महासागर में मौजूद आसपास के देशों में टूरिज्म और ट्रांसपोर्ट के लिए भी लगभग 350, SJ-100 जैसे विमानों की जरूरत होगी. लेकिन भारत ने इस जेट की डील क्यों की है? और क्या खास है इस जेट में, ये भी समझ लेते हैं. प्रेस रिलीज में बताया गया कि यह पहली बार है जब भारत में एक पूरा पैसेंजर एयरक्राफ्ट बनाया जाएगा. कंपनी का पिछला ऐसा प्रोजेक्ट AVRO HS-748 का प्रोडक्शन था, जो 1961 में शुरू हुआ था और 1988 में खत्म हुआ था. 

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इंडियन एयरफोर्स का AVRO HS-748 एयरक्राफ्ट (PHOTO-Aatish Pillai)
SJ-100, कड़कड़ाती ठंड से चिलचिलाती गर्मी तक मेें कारगर

SJ-100 का पूरा नाम सुपरजेट-100 है. UAC इस विमान को बनाती है. इस विमान को इसकी अधिक रेंज, बैठने की क्षमता और आराम के लिए जाना जाता है. फिलहाल इस विमान को रूस की 9 एयरलाइंस इस्तेमाल कर रही हैं. इस विमान में एक वीडियोगेम वाले जॉयस्टिक की तरह एक स्टिक होती है जिसे 'कंट्रोल साइड स्टिक' कहते हैं. इससे पायलट सीट के बगल में एक हाथ पर सारे कंट्रोल रहते हैं. इसके अलावा इस विमान में मौसम के लिए रडार, टर्बुलेंस डिटेक्टर और जरूरत पड़ने पर ऑटो लैंडिंग का सिस्टम है. यही फीचर्स इस विमान को पैसेंजर एयरक्राफ्ट की श्रेणी में खास बनाते हैं. इसके कुछ फीचर्स को देखें तो

  • लंबाई: 29.94 मीटर
  • बैठने की क्षमता: 103 यात्री 
  • ऊंचाई: 10.28 मीटर 
  • विंगस्पैन: 29.7 मीटर 
  • अधिकतम टेक-ऑफ वजन: 49,450 किलोग्राम 
  • इंजन: PD-8 टर्बोफैन (2 इंजन) 
  • अधिकतम स्पीड: लगभग 1,000 किलोमीटर प्रति घंटा 
  • फ्लाइट रेंज: 3,530 किलोमीटर 
  • टेक-ऑफ के लिए: 1900 मीटर रनवे की जरूरत
  • तापमान: -55 डिग्री सेल्सियस से 45 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में ऑपरेट कर सकता है.
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टेक-ऑफ के दौरान रूस की एक निजी एयरलाइन का SJ-100 विमान (PHOTO-UAC)

यह एयरक्राफ्ट रूसी शहरों के बीच सीधे ट्रांसपोर्टेशन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य भी यही था. भारत का उद्देश्य भी इस विमान का इस्तेमाल करके छोटे शहरों और हिंद महासागर में बसे देशों तक छोटे विमानों के जरिए कनेक्टिविटी बढ़ाना है.

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