भारतीय विदेश मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश की एक महिला को चीन के एयरपोर्ट पर रोके जाने की घटना पर फिर से प्रतिक्रिया दी है. मंत्रालय ने चीन से आश्वासन की उम्मीद जताई है कि वह किसी भी भारतीय नागरिक को एयरपोर्ट्स पर निशाना नहीं बनाएगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोमवार, 8 दिसंबर को MEA की साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान यह बयान दिया.
“मनमानी नहीं चलेगी”, चीन को भारत की खरी खरी, एयरपोर्ट पर महिला को रोकने वाला मामला गरमाया
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने नागरिकों को चीन की यात्रा करते समय या वहां से ट्रांजिट के समय उचित सावधानी बरतने की भी सलाह दी है. साथ ही भारतीय महिला को एयरपोर्ट पर रोके जाने की घटना पर चीन को स्पष्ट संदेश दिया है.


ब्रीफिंग में रणधीर जायसवाल से शंघाई एयरपोर्ट पर एक भारतीय नागरिक को रोके जाने से जुड़ा सवाल पूछा गया कि क्या वह चीन से गुजरने वाले भारतीयों को कोई गाइडेंस या सुझाव देना चाहेंगे. इस पर उन्होंने कहा,
हमें उम्मीद है कि चीनी अधिकारी यह आश्वासन देंगे कि चीनी एयरपोर्ट से गुजरने वाले भारतीय नागरिकों को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया जाएगा. उन्हें मनमाने ढंग से हिरासत में नहीं लिया जाएगा या परेशान नहीं किया जाएगा और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के नियमों का चीन सम्मान करेगा.
रणधीर जायसवाल ने आगे कहा कि विदेश मंत्रालय भारतीय नागरिकों को चीन की यात्रा करते समय या वहां से ट्रांजिट करते समय उचित सावधानी बरतने की सलाह देगा. द हिंदू ने मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत अरुणाचल प्रदेश पर चीन के बार-बार के दावों से खुश नहीं है. सूत्रों के मुताबिक सोमवार को दिए गए बयान का मकसद चीन को अरुणाचल प्रदेश पर भारत की "मजबूत" स्थिति की याद दिलाना था.
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क्या है पूरा मामला?इससे पहले 26 नवंबर को भी इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने चीन की कार्रवाई को मनमानी बताया था. विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया था कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है. और यह एक ऐसा सच है, जो अपने आप में स्पष्ट है. चीन इससे कितना भी इनकार कर ले, यह निर्विवाद सच्चाई नहीं बदलेगी. मालूम हो कि पूरा मामला 21 नवंबर को हुई एक घटना से जुड़ा है. अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली पेमा थोंगडोक ने 23 नवंबर को सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर बताया था कि उन्हें शंघाई एयरपोर्ट पर 18 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखा गया था. उन्होंने बताया कि चीन ने उनके पासपोर्ट को वैध मानने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उनका जन्मस्थान अरुणाचल प्रदेश है, और इस पर चीन अपना दावा करता है.
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