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'महाकाल मंदिर जाकर पाप किया...', एक्ट्रेस नुसरत भरूचा पर भड़के बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन रजवी

Maulana Shahabuddin Razvi ने कहा कि Nusrat Bharucha ने मंदिर जाकर बड़ा ‘पाप’ किया है. उन्होंने दावा किया कि यह इस्लाम के खिलाफ है.

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मौलाना रजवी ने कहा कि नुसरत ने मंदिर जाकर बड़ा ‘पाप’ किया है. (फोटो: ANI)

एक्ट्रेस नुसरत भरूचा (Nusrat Bharucha) ने बीते दिन उज्जैन के महाकाल मंदिर में पूजा की. इस पर मौलाना शहाबुद्दीन रजवी (Maulana Shahabuddin Razvi) ने आपत्ति जताई है. मौलाना रजवी ने कहा कि नुसरत ने मंदिर जाकर बड़ा ‘पाप’ किया है. उन्होंने दावा किया कि यह इस्लाम के खिलाफ है और इसके लिए नुसरत को पछतावा करना चाहिए.

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आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, एक्ट्रेस नुसरत भरूचा 30 दिसंबर को उज्जैन के महाकाल मंदिर पहुंची. यहां उन्होंने पूजा-पाठ किया. इस पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने नाराजगी जाहिर की. अगले दिन यानी 31 दिसंबर को उन्होंने कहा,

नुसरत भरूचा उज्जैन के महाकाल मंदिर गईं, वहां प्रार्थना की, जल चढ़ाया और धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन किया. इस्लाम इन सभी कामों की इजाजत नहीं देता. शरिया के मुताबिक, नुसरत भरूचा को इसका पश्चाताप करना चाहिए, इस्तग़फ़ार पढ़ना चाहिए और कलमा पढ़ना चाहिए.

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मौलाना ने दावा किया कि नुसरत ने इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है. आगे कहा,

वे शरिया के दायरे में आती हैं और एक गंभीर पाप की दोषी हैं. उनके लिए पश्चाताप करना जरूरी है.

'नए साल का जश्न नाजायज'

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने मुस्लिम समाज के लोगों से नए साल का जश्न न मनाने की भी अपील की. एक वीडियो जारी कर उन्होंने कहा,

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इस्लामी कैलेंडर का साल मुहर्रम के महीने से शुरू होता है. ऐसे ही हिंदू कैलेंडर का साल चैत्र माह से शुरू होता है. 31 दिसंबर या एक जनवरी को नए साल का जश्न मनाना यूरोपियन कल्चर है. नए साल के जश्न के नाम पर 31 दिसंबर की रात फूहड़बाजी, शोर-शराबा, हंगामा, नाचना-गाना होता है. शरीयत में इन तमाम चीजों की इजाजत नहीं है.

यह पहली बार नहीं है जब मौलाना शहाबुद्दीन रजवी अपने बयानों को लेकर चर्चा में आए हैं. इसी साल, मार्च में उन्होंने चैंपियन ट्रॉफी 2025 के मैच के दौरान रोज़ा नहीं रखने पर भारतीय टीम के फास्ट बॉलर मोहम्मद शमी को भी हिदायत दी थी. 

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उनका कहना था, “शमी ने रमज़ान में रोज़ा नहीं रखा, जो गुनाह है. शरीयत की नज़र में वह मुजरिम हैं. इनको हरगिज ऐसा नहीं करना चाहिए था.” हालांकि, उनके इस बयान के बाद तमाम नेता और धर्म गुरु, मोहम्मद शमी के समर्थन में आ गए थे.

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