राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने असम पुलिस के साथ मिलकर '2024 के जिरिबाम मर्डर केस' के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. नवंबर, 2024 में मणिपुर के जिरिबाम में मैतेई परिवार के 6 सदस्यों को किडनैप किया गया था. फिर उनकी हत्या कर दी गई थी. तब इसे लेकर राज्य में भारी विवाद भी हुआ था.
2024 में मैतेई समुदाय के 6 लोगों को किडनैप करके मार दिया गया था, अब NIA ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया
Jiribam Six Family Members Kidnapped and Killed: गिरफ्तार आरोपी की पहचान थंगलीनलाल हमार उर्फ बोया के रूप में हुई है. वो असम के कछार के मोइनथोल गांव का रहने वाला है.

गिरफ्तार आरोपी की पहचान थंगलीनलाल हमार उर्फ बोया के रूप में हुई है. वो असम के कछार के मोइनथोल गांव का रहने वाला है. एनआईए ने उसके पास से एक मोबाइल फोन और एक सिम कार्ड भी बरामद किया है.
इंडिया टुडे नॉर्थईस्ट की खबर के मुताबिक, कछार के SSP नुमाल महत्ता ने बताया कि थंगलीनलाल ने पीड़ितों के किडनैपिंग और हत्या में अहम भूमिका निभाई थी. उसने किडनैप किए गए लोगों को तीन हथियारबंद हमलावरों के साथ अपनी नाव से जकुराधार घाट से कासलपुंजी गांव घाट तक पहुंचाया. बाद में पीड़ितों की हत्या कर दी गई थी.
इससे पहले 29 जुलाई को मणिपुर हाई कोर्ट ने ‘जिरीबाम मर्डर केस’ में चार्जशीट दाखिल करने के लिए NIA को एक महीने का समय दिया था. तब कोर्ट ने NIA को चेतावनी दी थी कि अब और देरी को गंभीरता से लिया जाएगा.
क्या था मामला?मणिपुर पुलिस के मुताबिक, 11 नवंबर, 2024 को जिरीबाम जिले के बोरोबेकरा क्षेत्र में ‘उग्रवादियों’ ने एक ही परिवार को 6 लोगों को किडनैप कर लिया था. बाद में उनकी हत्या कर दी गई थी. 27 नवंबर को मणिपुर के इस परिवार के सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक हुई. रिपोर्ट में चौंकाने वाली बातें सामने आईं.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10 महीने के बच्चे और तेलेम थोइबी की आंखें गायब थीं. और 8 साल की बच्ची के शरीर पर गोलियों के कई निशान थे. उसके पेट में भी चोटें आई थीं. इसके अलावा, तेलेम थोइबी को गोली लगने से उनके सिर की हड्डियां क्षतिग्रस्त हो गई थीं और झिल्ली गायब थी.
परिवार के बाकी के 3 सदस्यों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट इससे कुछ रोज पहले जारी की गई थी. उनके शव बराक नदी से बरामद किए गए थे, जो मणिपुर के जिरीबाम जिले से दक्षिण असम के कछार तक बहती है. इन तीनों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, 3 साल के चिंगखेंगनबा सिंह, एल हेतोनबी देवी (25 साल) और वाई रानी देवी (60 साल) को भी गंभीर चोटें आई थीं. चिंगखेंगनबा सिंह की दाहिनी आंख गायब थी और उसके सिर में गोली लगने से बना घाव था.
अधिकारियों के अनुसार, रिपोर्ट में उनके हाथ की बांह और शरीर के अन्य हिस्सों पर कटे हुए घाव, छाती में फ्रैक्चर और घाव के निशान भी थे.
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