महाराष्ट्र सरकार राज्य के सभी स्कूलों में कक्षा 1 से ही छात्रों को बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग देने की तैयारी में है. इसकी जानकारी राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने दी. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य छात्रों में देशभक्ति, अनुशासन और नियमित शारीरिक व्यायाम की आदत को बढ़ावा देना है. मंत्री ने बताया कि बच्चों को ट्रेनिंग देने के लिए रिटायर्ड सैनिकों की मदद ली जाएगी.
पहली क्लास से बच्चों को मिलिट्री ट्रेनिंग, मंत्री की योजना CM फडणवीस को भी पसंद
महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने कहा है कि छात्रों को पहली कक्षा से ही बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग देने का फैसला किया गया है. इससे उनके दिल में देश के लिए प्रेम की भावना पैदा होगी. एक्सरसाइज जैसी आदतें बनेंगी. उनमें अनुशासन का भाव उत्पन्न होगा.
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक दादा भुसे ने 2 जून को मीडिया से बात करते हुए कहा, “छात्रों को पहली कक्षा से ही बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग देने का फैसला किया गया है. इससे उनके दिल में देश के लिए प्रेम की भावना पैदा होगी. एक्सरसाइज जैसी आदतें बनेंगी. और उनमें अनुशासन का भाव उत्पन्न होगा. जो कि उनके लिए अच्छा रहेगा.”
स्कूल शिक्षा मंत्री ने बताया कि इस प्रस्ताव को लागू करने के लिए खेल शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी. इनमें नेशनल कैडेट कॉर्प्स (NCC), स्काउट और गाइड्स के अलावा 2.5 लाख रिटायर्ड सैनिकों की भी मदद ली जाएगी. मंत्री दादा भुसे ने आगे कहा कि इस योजना के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है.
भारत में पहला मिलिट्री स्कूल वर्ष 1925 में जालंधर छावनी में शुरू किया गया था. इसे बाद में हिमाचल प्रदेश स्थानांतरित कर दिया गया. यह स्कूल शिक्षा मंत्रालय के अधीन आता है. देश में फिलहाल कुल पांच मिलिट्री स्कूल मौजूद हैं- चेल (हिमाचल प्रदेश), बेंगलुरु (कर्नाटक), बेलगाम (कर्नाटक), धौलपुर (राजस्थान) और अजमेर (राजस्थान).
मिलिट्री स्कूल के अलावा देश में 33 सैनिक स्कूल हैं, जिनमें कक्षा 6 और 9 के छात्र दाखिला ले सकते हैं. कक्षा 6 में एडमिशन लेने के लिए उनकी उम्र 10 से 12 साल के बीच होनी चाहिए, जबकि कक्षा 9 में दाखिले के लिए उम्र 13 से 15 साल के बीच होनी चाहिए. इन स्कूलों का उद्देश्य राष्ट्रीय डिफेंस अकादमी (NDA) में दाखिला लेने के लिए मानसिक, शारीरिक और अकादमिक रूप से छात्रों को तैयार करना होता है.
हालांकि स्कूलों में पहली क्लास से मिलिट्री प्रशिक्षण देने का अभी तक कोई प्रावधान नहीं था. अगर ऐसा हुआ तो महाराष्ट्र ऐसा करने वाला पहला राज्य बन जाएगा.
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