The Lallantop

नितेश राणे को किसान ने पहनाई प्याज की माला, गिरफ्तार हो गया; आखिर माजरा क्या है?

Maharashtra के Nasik में एक किसान ने प्याज की गिरती कीमत के विरोध में मंत्री नितेश राणे को प्याज की माला पहनाई. वहीं उपमुख्यमंत्री Ajit Pawar ने इसको लेकर केंद्र सरकार को लेटर लिखा है.

Advertisement
post-main-image
नितेश राणे को एक किसान ने प्याज की माला पहना दी. (इंडिया टुडे)

महाराष्ट्र (Maharashtra) के मत्स्य पालन मंत्री नितेश राणे ( Nitesh Rane) 23 दिसंबर को नासिक के चिराई गांव पहुंचे थे. नितेश यहां एक धार्मिक आयोजन में भाग लेने पहुंचे थे. इस आयोजन में उनको किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा. एक किसान ने विरोध स्वरूप उनके गले में प्याज की माला डाल दी.  यह घटना संत निवृत्तिनाथ महाराज के पादुका दर्शन के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में हुई. जब राणे इस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. प्याज की माला पहनाने वाले किसान को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. किसान ने इस दौरान माइक पर बोलने की भी कोशिश की थी.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, प्याज की कीमतों में भारी गिरावट से राज्य में किसान नाराज हैं. पिछले 10 दिनों में प्याज की कीमतों में 2 हजार रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है. उनका मानना है कि प्याज पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क कीमतों को स्थिर करने में विफल रहा है. इससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है.

इससे पहले 19 दिसंबर को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने केंद्र सरकार से प्याज की गिरती कीमत से परेशान किसानों को राहत देने के लिए प्याज पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाने का आग्रह किया था. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को लिखे पत्र में पवार ने नासिक में प्याज उगाने वाले किसानों की परेशानी के बारे में बताया है. उन्होंने लिखा,

Advertisement

 नासिक प्याज उगाने वाला एक प्रमुख जिला है. नई फसल आने से कृषि बाजारों में प्याज की अधिकता हो गई है. जिसके चलते किसानों को अपनी फसल काफी कम कीमत पर बेचनी पड़ रही है. औसतन यह कीमत 2,400 रुपये प्रति क्विंटल है.

अजित पवार ने आगे लिखा कि गर्मियों की फसल खत्म हो गई है. और नई फसल महाराष्ट्र भर के बाजारों में पहुंच गई है. लेकिन किसान अब परेशान हैं. क्योंकि वे अपनी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) हासिल करने में असमर्थ हैं. NCP नेता ने चिट्ठी में यह भी बताया कि बेमौसम बारिश और जलवायु परिवर्तन के चलते प्याज उत्पादकों को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है. साथ ही उन्होंने किसानों के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों को दूर करने के तुरंत कार्रवाई करने पर जोर दिया.

ये भी पढ़ें - स्कूटी पर ले जा रहा था 'प्याज बम', गड्ढा आया और हुआ तेज धमाका, शख्स की मौके पर ही मौत

Advertisement

इस साल की शुरुआत में प्याज की घरेलू कीमतों को स्थिर करने के लिए एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी. जिसकी महराष्ट्र के किसानों और राजनीतिक नेताओं ने काफी आलोचना की है.

वीडियो: कर्ज़ में डूबे महाराष्ट्र के किसान ने दो लाख का प्याज़ मुफ्त में क्यों बांट दिया?

Advertisement