चुनाव हो और गठबंधन वाले नेताजी लोग मुंह न फुलाएं ऐसा हो सकता है? महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना सत्ताधारी भाजपा के साथ गठबधंन सरकार चला रही है. लेकिन इसी बीच प्रदेश के निकाय चुनाव आ गए हैं. खबर है कि मंगलवार, 18 नवंबर को शिवसेना (एकनाथ) के कुछ मंंत्री गुस्से में देवेंद्र फडणवीस सरकार की कैबिनेट मीटिंग में गई ही नहीं. क्योंकि कथित तौर पर उन्हें लगता है कि भाजपा के लोग उनकी पार्टी के नेताओं को तोड़ रहे हैं. खबर फैल गई कि नाराज शिवसेना के मंत्री लोग कैबिनेट मीटिंग का बायकॉट कर रहे हैं.
महाराष्ट्र सरकार में संकट? कैबिनेट मीटिंग में शिंदे खेमे का कोई मंत्री नहीं गया, BJP पर आरोप लगा
महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना के बीच खटपट की खबर है. सूत्रों के मुताबिक, शिवसेना के कई मंत्री देवेंद्र फडणवीस सरकार की कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे क्योंकि उनका आरोप है कि भाजपा के लोग शिवसेना के स्थानीय नेताओं को तोड़ रहे हैं.
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भाजपा ने इससे इनकार किया है. लेकिन खबर है कि सीएम फडणवीस ने उनके पास शिकायत लेकर गए शिवसेना के मंत्रियों को ‘घुड़क’ दिया.
महाराष्ट्र सरकार में संकट?इंडिया टुडे से जुड़े ऋत्विक भालेकर की रिपोर्ट के मुताबिक, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के कई मंत्री मंगलवार को फडणवीस सरकार की कैबिनेट मीटिंग में नहीं पहुंचे थे. हालांकि, डिप्टी सीएम और पार्टी के मुखिया एकनाथ शिंदे मीटिंग में मौजूद थे. कहा गया कि शिवसेना वाले इस बात से नाराज हैं कि बीएमसी चुनाव के माहौल में बीजेपी उनकी पार्टी में ‘सेंधमारी’ कर रही है. मीटिंग के बाद पार्टी के कुछ मंत्रियों ने (जिनके नाम सामने नहीं आए हैं) देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात भी की. उन्होंने शिकायत की कि डोंबिवली में स्थानीय निकाय चुनाव से पहले बीजेपी उनके लोकल लीडर्स को तोड़ रही है.
सूत्रों के हवाले से ऋत्विक भालेकर की रिपोर्ट में बताया गया है कि सीएम फडणवीस इस शिकायत पर भड़क गए. उन्होंने पलटकर शिवसेना पर भी आरोप लगा दिया कि उसने भी उल्हासनगर में इसी तरह की राजनीतिक सेंध लगाई थी. इसके बाद सीएम ने दोनों पार्टियों (भाजपा और शिवसेना) से कहा कि अब तुरंत ये ‘पोचिंग’ यानी एक दूसरे के दलों में सेंधमारी बंद की जाए और गठबंधन के अनुशासन का पालन किया जाए.
उधर, भाजपा के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने किसी भी पार्टी की ओर से किसी भी तरह के बायकॉट की बात से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि शिवसेना के मंत्री मीटिंग में इसलिए नहीं आए क्योंकि वे चुनाव प्रचार में व्यस्त थे. वैसे ही जैसे कुछ बीजेपी के मंत्री भी मीटिंग में नहीं आ पाए थे. उन्होंने दावा किया कि गठबंधन बिल्कुल मजबूत है.
हालांकि, मंत्री ने ये बात मानी कि कई बार स्थानीय नेता टिकट न मिलने पर पार्टी बदल लेते हैं, लेकिन आगे ऐसी घटनाओं को रोका जाएगा.
आदित्य ठाकरे ने ली चुटकी
इसी बीच, विपक्ष के नेता आदित्य ठाकरे ने पूरी घटना को लेकर शिवसेना (शिंदे गुट) पर हमला बोला. उन्होंने ‘मिंदे टोली’ (गद्दार को मराठी में मिंदे कहते हैं) कहकर उन पर तंज कसा. कहा कि सीटों के बंटवारे और नेताओं की जोड़तोड़ को लेकर गुस्से में कैबिनेट मीटिंग का बायकॉट करना महाराष्ट्र और जनता का अपमान है. ठाकरे ने कहा कि कैबिनेट मीटिंग जनता के मुद्दों के लिए होती है, निजी शिकायतों के लिए नहीं.
आदित्य ने कहा,
मैंने सुना है कि आज कैबिनेट मीटिंग में गद्दारों की टोली (मिंदे टोली) के मंत्री नहीं आए. वे गए ही नहीं. क्यों? क्योंकि वे बहुत नाराज बताए जा रहे हैं. बेहद नाराज़. मुख्यमंत्री और बीजेपी से! चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर. और इस वजह से कि बीजेपी उनकी पार्टी तोड़ रही है. यानी सीधी बात. जो खुद ऐसा करते रहे, वही अब दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं. इसे ही कहते हैं- चोर मचाए शोर.
ठाकरे ने आगे कहा कि अपनी निजी नाराजगी के लिए राज्य की कैबिनेट मीटिंग का बायकॉट करना महाराष्ट्र और यहां के लोगों का अपमान है. कैबिनेट मीटिंग जनता की समस्याएं हल करने के लिए होती है. आपके गुस्से को शांत करने के लिए नहीं. उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर ये सरकार चल कैसे रही है.
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