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'रेप करते वक्त वीडियो बनाया, बोले- सबको दिखा देंगे', कोलकाता गैंगरेप पीड़िता का बयान झकझोर देगा!

पुलिस को लिखी शिकायत में पीड़िता ने कहा- 'मैंने उनके पैर छुए, लेकिन फिर भी वो नहीं माने. गार्ड भी असहाय था, उन्होंने भी मेरी मदद नहीं की.'

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पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों ने उसे बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर बने गार्ड रूम में जबरन ले जाकर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया. (फोटो- इंडिया टुडे)

कोलकाता के कस्बा लॉ कॉलेज में पढ़ने वाली एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप के मामले में थर्रा देने वाले खुलासे हुए हैं (Kolkata Gangrape Case). रेप की इस घटना के बाद पीड़िता ने पुलिस को दर्ज की गई शिकायत में बताया कि वो आरोपियों के पैर छूने तक को राजी हो गई थी, लेकिन फिर भी आरोपियों ने उसे नहीं जाने दिया. पीड़िता ने बताया है कि आरोपियों ने उसके बॉयफ्रेंड को मारने की धमकी भी दी. साथ ही पीड़िता के माता-पिता को परेशान करने और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर डालने की धमकी देकर ब्लैकमेल भी किया.

पीड़िता ने पुलिस में दी गई शिकायत में कहा कि

“आरोपियों ने कॉलेज का मेन गेट बंद कर दिया था. गार्ड भी असहाय था, उन्होंने भी मेरी मदद नहीं की. वो मुझे फिर से कमरे में ले गए. मैंने उनके पैर छुए, लेकिन फिर भी वो नहीं माने. वो मुझे जबरदस्ती गार्ड रूम में ले गए. जबरदस्ती मेरे साथ रेप किया. उन्होंने मुझे ब्लैकमेल किया, मुझे धमकी दी कि वो मेरे बॉयफ्रेंड को मार देंगे और मेरे माता-पिता को भी पकड़ लेंगे.”

अपनी शिकायत में पीड़िता ने बताया कि आरोपियों ने उनका वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया. उन्होंने बताया,

“जब आरोपी मेरा रेप कर रहे थे, तब उन्होंने वीडियो भी रिकॉर्ड किया. मुझे धमकाया कि अगर मैंने सहयोग नहीं किया तो वो वीडियो सबको दिखा देंगे. जब मैं कमरे से बाहर निकलने की कोशिश कर रही थी, तब उन्होंने मुझे हॉकी स्टिक से मारने की कोशिश भी की.”    

पीड़िता ने बताया कि वो 25 जून को दोपहर 12 बजे एग्जाम फॉर्म भरने के लिए कॉलेज कैंपस गई थी. वो पहले कॉलेज के यूनियन रूम में जाकर बैठी. बाद में उसे मुख्य आरोपी ने पकड़ लिया. उसी कॉलेज के मेन गेट को बंद करने को कहा था.

पुलिस ने क्या बताया?

मामले में पुलिस ने तीन संदिग्धों की पहचान कॉलेज कर्मचारी मोनोजीत मिश्रा, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी के रूप में की है. कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,

"पीड़िता द्वारा 26 जून को दर्ज कराई गई लिखित शिकायत के आधार पर तीनों लोगों को गिरफ्तार किया गया है."

पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों ने उसे बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर बने गार्ड रूम में जबरन ले जाकर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया. ये घटना शाम 7:30 बजे से 10:50 बजे के बीच हुई. 26 जून को कस्बा पुलिस थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक देर शाम पुलिस ने मोनोजीत और अहमद को तालबगान के एक पार्क के पास से गिरफ्तार कर लिया. तीसरे आरोपी मुखर्जी को आधी रात के आसपास उसके घर से गिरफ्तार किया गया.

तीनों को अलीपुर में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक जुलाई तक चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. मोनोजीत के वकील आजम खान ने कहा कि वो निर्दोष है. आजम ने बताया,

"मेरे मुवक्किल के खिलाफ आरोप बेबुनियाद हैं. राजनीतिक झगड़े के कारण उन्हें फंसाया जा रहा है."

मोनोजीत मिश्रा के सोशल मीडिया अकाउंट से पता चला है कि वो उसी कॉलेज में TMC की यूथ विंग का पूर्व अध्यक्ष है. उधर तृणमूल कांग्रेस ने मोनोजीत से दूरी बनाते हुए उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. तृणमूल छात्र परिषद (TMCP) के प्रदेश अध्यक्ष त्रिनंकुर भट्टाचार्य ने मीडिया से कहा,

"सबसे पहले, मैं दोषी पाए जाने वालों के लिए सख्त सजा की मांग करूंगा. आरोपी अतीत में TMC की छात्र शाखा से जुड़ा रहा होगा, लेकिन वो कभी किसी महत्वपूर्ण पद पर नहीं रहा."

उधर भाजपा ने TMC पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य में कुछ भी हो सकता है. पिछले साल आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. पार्टी ने कहा कि राज्य में महिलाओं के लिए कोई सुरक्षा नहीं है.

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