बिहार के बेतिया में कांग्रेसियों ने ऐसा सीन कर दिया, जो हाईकमान ने सपने में भी नहीं सोचा होगा. हाल ही में किशनगंज के कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद का स्वागत करने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने उन्हें अनजाने में 'टोपी पहना दी'. ये व्यंग्य एक तथ्य भी है. एमपी साहब को सच में टोपी ही पहनाई गई. इसका पता उन्हें तब चला जब कार्यकर्ताओं ने उनके सिर से टोपी खींच ली. दरअसल, ये कोई आम टोपी नहीं थी, इस पर कई 'कमल' एक साथ छपे थे. और ‘कमल’ बोले तो…सही पकड़े हैं!
बिहार में कांग्रेसियों ने अपने ही सांसद को पहना दी 'कमल' वाली टोपी, वीडियो वायरल
पहले तो जोश-जोश में सांसद मोहम्मद जावेद को टोपी पहनाई गई. लेकिन जब गौर से देखा तो टोपी अच्छे से चेक न करने का एहसास हुआ. जब गलती पकड़ी, तो जल्दबाजी में सांसद के सिर से टोपी खींच ली. कार्यकर्ताओं की इस हरकत सेसांसद साहब का चेहरा हक्का-बक्का रह गया. अब उन्हें थोड़ी इल्म था कि टोपी पर कमल है.

वही 'कमल' जो भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आन-बान-शान और चुनावी निशान है. भाजपा वाले भी ये सीन देखकर सोच में डूब गए होंगे कि जो हम नहीं कर पाए वो कांग्रेसियों ने कर दिया. अब आप ही बताएं- कार्यक्रम कांग्रेस का, सांसद कांग्रेस के, कार्यकर्ता सांसद के, लेकिन टोपी भाजपा टाइप 'कमल' की. अब भाजपा खुद कहां इस तरह 'कमल' खिला सकती थी.
इस 'टोपी कांड' का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. पहले तो जोश-जोश में सांसद मोहम्मद जावेद को टोपी पहनाई गई. लेकिन जब गौर से देखा तो टोपी अच्छे से चेक न करने का एहसास हुआ. जब गलती पकड़ी, तो जल्दबाजी में सांसद के सिर से टोपी खींच ली. कार्यकर्ताओं की इस हरकत सेसांसद साहब का चेहरा हक्का-बक्का रह गया. अब उन्हें थोड़ी इल्म था कि टोपी पर कमल है.
दरअसल, राजनीति में टोपी सिर्फ सिर की शोभा नहीं, बल्कि सियासी रंग का झंडा है. भाजपा की भगवा टोपी और गमछा अपने आप पार्टी का प्रचार करते हैं. दूसरी तरफ, सपा की लाल टोपी अखिलेश यादव का स्टाइल स्टेटमेंट है. मायावती वाली बसपा की पहचान नीली टोपी अब चंद्रशेखर आजाद के चुनावी आंगन में भी दिख रही है.
किसानों की हरी टोपी को आप कैसे भूल सकते हैं. सियासी ‘टोपी’ का रंग फीका करना हो तो किसान की टोपी आगे कर दीजिए.
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