खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) का संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) भारत के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा है. साथ ही यूरोपीय देशों, कनाडा और अमेरिका का दौरा करने वाले भारत के महत्वपूर्ण लोगों के खिलाफ आधारहीन अदालती मामले दर्ज करवा रहा है. ये आरोप केंद्र सरकार ने लगाए हैं. इंडियन एक्सप्रेस से जुड़े महेंद्र सिंह मनराल ने इस मामले को रिपोर्ट किया है.
पन्नू ने फोन पर दी थी राजनाथ सिंह को धमकी, बाकी सांसदों को भी बहुत कुछ कहा था
Gurpatwant Singh Pannun के नाम से Rajnath Singh के आवास पर एक वॉयस नोट भेजा गया था. इसमें कहा गया था कि भारत सरकार से सिखों के अस्तित्व को खतरा है.

गृह मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल 22 जुलाई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास के लैंडलाइन पर एक रिकॉर्डेड वॉयस नोट आया था. ये वॉयस नोट पन्नू के नाम से भेजा गया था. इसमें कहा गया था कि भारत सरकार से सिखों के अस्तित्व को खतरा है. और सांसदों को चेतावनी दी गई कि अगर वो खालिस्तानी विरोध प्रदर्शन का निशाना नहीं बनना चाहते, तो उन्हें अपने घर में ही रहना चाहिए. गृह मंत्रालय ने बताया कि ये नोट एक अंतरराष्ट्रीय नंबर से भेजा गया है. इंटरपोल की सहायता से इसके मालिक की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है.
सरकार ने ये बातें UAPA न्यायाधिकरण को सौंपे हलफनामे में कही हैं. केंद्र सरकार ने SFJ को अगले 5 सालों तक के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित किया था. इस महीने की शुरुआत में UAPA न्यायाधिकरण ने इस फैसले को बरकरार रखा.
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Ajit Doval को समन मिला थापन्नू की ओर से दायर किए गए एक दीवानी मुकदमे में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल और पूर्व रॉ प्रमुख सामंत गोयल सहित कुछ अन्य लोगों को समन जारी किया गया था. पिछले साल ये समन एक अमेरिकी जिला अदालत की ओर से था. इस मुकदमे में पन्नू ने अपनी हत्या की कथित साजिश के लिए हर्जाने की मांग की थी. पिछले साल 10 जुलाई को गृह मंत्रालय ने भारत विरोधी गतिविधियों के लिए पन्नू पर 5 साल का प्रतिबंध बढ़ा दिया था.
UAPA न्यायाधिकरण के मुताबिक, SFJ की ये गतिविधियां आमतौर पर न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया में पन्नू के ऑफिस से की जाती हैं. इसमें उसके कानूनी सलाहकार उसकी मदद करते हैं. गृह मंत्रालय ने कहा,
पन्नू ने भारतीय किसानों को हथियार लेकर भारतीय सेना से लड़ने के लिए उकसाया था. और कहा था कि सीमा पार से उन तक हथियार पहुंचाए जाएंगे. SFJ ने ये भी दावा किया है कि उसने पुलिस अधिकारियों और राजनेताओं के बच्चों की एक सूची तैयार की है जो विदेशों में पढ़ रहे हैं, ताकि वो बदला लेने के लिए उनको निशाना बना सकें.
UAPA न्यायाधिकरण के जस्टिस अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने अपने आदेश में कहा कि उस संगठन के लिए कोई जगह नहीं हो सकती, जो खुले तौर पर अलगाववाद की वकालत करता हो. और भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करता है. उन्होंने कहा कि UAPA की धारा 3 की उप-धारा (1) के तहत SFJ को गैरकानूनी संगठन घोषित करने के लिए मजबूत आधार हैं.
SFJ के खिलाफ कुल 104 मामले दर्ज हैं. इसमें 96 मामले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की पुलिस की ओर से हैं और 8 मामले राष्ट्रीय जांच एजेंसी द्वारा दर्ज किए गए हैं.
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