केरल में अपहरण और यौन उत्पीड़न के एक मामले में अदालत के फैसले के बाद पीड़ित अभिनेत्री का सोशल मीडिया पर दर्द छलका है. उन्होंने कहा है कि उनका अब कोर्ट से भरोसा उठ गया. उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं की गई. साथ ही कहा कि इस देश में हर नागरिक के साथ समान व्यवहार नहीं किया जाता.
'कोर्ट से भरोसा उठ गया', रेप केस में कोर्ट के फैसले पर अभिनेत्री का छलका दर्द
Kerala Actor Rape Case Verdict: ट्रायल कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाते हुए छह लोगों को दोषी ठहराया है. वहीं मलयालम एक्टर दिलीप को बरी कर दिया है. कहा कि उनके इस मामले में शामिल होने के सबूत नहीं है. पीड़िता ने कोर्ट के फैसलों पर सवाल उठाए हैं.
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मालूम हो कि हाल ही में 8 दिसंबर को केरल की एक ट्रायल कोर्ट ने अभिनेत्री के साथ अपहरण और यौन उत्पीड़न के मामले में फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अपने फैसले में एक्टर दिलीप को सभी मामलों से बरी कर दिया था. वहीं 6 अन्य लोगों को दोषी ठहराया था. कोर्ट ने फैसले में कहा था कि एक्टर दिलीप के खिलाफ मामले में शामिल होने के सबूत नहीं हैं.
कोर्ट के फैसले पर उठाए सवालअब पीड़ित अभिनेत्री ने कोर्ट के फैसले पर नाखुशी जाहिर करते हुए इंस्टाग्राम पर एक लंबी पोस्ट शेयर की है. अभिनेत्री ने लिखा,
12 दिसंबर, 2025. 8 साल, 9 महीने और 23 दिन बाद, आखिरकार मुझे एक बहुत लंबी और दर्दनाक यात्रा के आखिर में उम्मीद की एक छोटी सी किरण दिखी. छह आरोपियों को दोषी ठहराया गया है. इसके लिए मैं शुक्रगुजार हूं. यह पल उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने मेरे दर्द को झूठ और इस मामले को मनगढ़ंत कहानी कहा. मुझे उम्मीद है कि आज आप खुद से शांति महसूस कर रहे होंगे.
उन्होंने आगे लिखा,
और जो लोग अभी भी कह रहे हैं कि आरोपी नंबर 1 मेरा पर्सनल ड्राइवर था, यह पूरी तरह झूठ है. वह मेरा ड्राइवर नहीं था, मेरा कर्मचारी नहीं था, और न ही कोई ऐसा, जिसे मैं जानती थी. वह एक आम आदमी था, जिसे 2016 में एक फिल्म के लिए ड्राइवर के तौर पर रखा गया था, जिस पर मैंने काम किया था. मज़े की बात यह है कि मैं उस दौरान उससे सिर्फ़ एक या दो बार मिली थी, और उसके बाद कभी नहीं, जब तक यह अपराध नहीं हुआ. कृपया झूठी कहानियां फैलाना बंद करें. यह फैसला कई लोगों को हैरान कर सकता है, लेकिन मुझे हैरान नहीं किया. 2020 की शुरुआत में ही, मुझे लगने लगा था कि कुछ ठीक नहीं है. यहां तक कि प्रॉसिक्यूशन ने भी केस को हैंडल करने के तरीके में बदलाव देखे, खासकर जब एक खास आरोपी की बात आई.

इसके बाद अभिनेत्री ने सुनवाई की प्रक्रिया, ट्रायल कोर्ट के फैसले और जज पर सवाल उठाए. उन्होंने लिखा,
पिछले कुछ सालों में, मैंने कई बार हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से संपर्क किया, साफ तौर पर कहा कि मुझे इस कोर्ट पर भरोसा नहीं है. इस केस को उसी जज से हटाने की हर रिक्वेस्ट खारिज कर दी गई. सालों के दर्द, आंसू और इमोशनल संघर्ष के बाद, मुझे एक दर्दनाक एहसास हुआ है. इस देश में हर नागरिक के साथ कानून के सामने समान व्यवहार नहीं किया जाता है. आखिर में, इस फैसले ने मुझे एहसास कराया कि इंसानी फैसला किस तरह से कोर्ट के फैसलों को आकार दे सकता है. मुझे यह भी पता है कि हर कोर्ट एक जैसा काम नहीं करता. इस लंबी यात्रा में मेरे साथ खड़े रहने वाले सभी लोगों को मेरा दिल से धन्यवाद. और जो लोग मुझे गंदे कमेंट्स और पैसे लेकर लिखी गई कहानियों से मुझ पर हमला कर रहे हैं, आप वही करने के लिए आज़ाद हैं जिसके लिए आपको पैसे दिए जाते हैं.
अभिनेत्री ने आगे कहा कि उनका कोर्ट पर अब भरोसा नहीं रहा. उन्होंने कहा,
ये वे कारण हैं, जिनकी वजह से मेरा इस ट्रायल कोर्ट से विश्वास उठ गया. मेरे मौलिक अधिकारों की रक्षा नहीं की गई. इस केस का सबसे महत्वपूर्ण सबूत- मेमोरी कार्ड, कोर्ट की कस्टडी में रहते हुए तीन बार गैर-कानूनी तरीके से एक्सेस किया गया. दो पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने इस केस से इस्तीफा दे दिया. साफ तौर पर कहा कि कोर्ट का माहौल प्रॉसिक्यूशन के लिए खराब हो गया था. उन दोनों ने मुझे पर्सनली बताया कि इस कोर्ट से न्याय की उम्मीद न करूं, क्योंकि उन्हें लगा कि यह पक्षपाती है. मैंने मेमोरी कार्ड से छेड़छाड़ की ठीक से जांच करने के लिए बार-बार रिक्वेस्ट की. हालांकि, जब तक मैं बार-बार पूछता रहा, तब तक मुझे जांच रिपोर्ट नहीं दी गई. जब मैं निष्पक्ष सुनवाई के लिए लड़ रहा था, तो आरोपी ने एक याचिका दायर करके रिक्वेस्ट की कि वही जज इस मामले की सुनवाई जारी रखें. इससे मेरे मन में और भी गंभीर शक पैदा हो गए.

अभिनेत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी चिंताओं को बताते हुए और दखल देने का अनुरोध करते हुए भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को चिट्ठियां भी लिखीं. कोर्ट से ओपन कोर्ट में कार्यवाही करने की रिक्वेस्ट की, ताकि जनता और मीडिया मौजूद रह सकें और खुद देख सकें कि क्या हो रहा है. लेकिन उनकी यह रिक्वेस्ट ठुकरा दी गई.
क्या है मामला?दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार यह मामला 17 फरवरी 2017 का है. एक फिल्म की शूटिंग के दौरान एक मलयालम अभिनेत्री को कुछ लोगों ने किडनैप कर लिया था. फिर उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया. कुछ लोगों ने अभिनेत्री को ब्लैकमेल करने के लिए घटना का वीडियो भी बना लिया था. इस मामले में अभिनेता दिलीप पर भी साजिश रचने का आरोप था. हालांकि ट्रायल कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया.
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