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सरकारी जगहों पर निजी इवेंट्स पर रोक नहीं लगेगी, कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार की अपील ठुकराई

हाईकोर्ट ने सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखा है. इसमें सरकार के कदम को असंवैधानिक करार दिया गया था. कहा गया था कि सरकारी आदेश संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को नहीं छीन सकता.

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बीते दिनों कोर्ट ने सरकार के आदेश पर लगाई थी रोक. (फाइल फोटो)
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सगाय राज

कर्नाटक सरकार को गुरुवार 6 नवंबर को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. मामला निजी संगठनों को सरकारी संपत्तियों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने से जुड़ा है. हाईकोर्ट ने बीते दिनों कर्नाटक सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी थी. सरकार रोक लगाने के आदेश को चुनौती थी. अब हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की इस अपील को खारिज कर दिया है.

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इंडिया टुडे से जुड़े सगाय राज के इनपुट के मुताबिक, हाईकोर्ट ने जस्टिस नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखा है. इसमें सरकार के कदम को असंवैधानिक करार दिया गया था. कहा गया था कि सरकारी आदेश संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को नहीं छीन सकता. लेकिन अदालत ने सरकार को यह अनुमति दी कि वह सिंगल जज की बेंच के सामने एक अर्जी दायर कर सके ताकि रोक को हटाया जा सके.

क्या था कर्नाटक सरकार के ऑर्डर में

बता दें कि बीत दिनों कर्नाटक सरकार ने आदेश जारी किया था कि निजी संगठनों को सरकारी जगहों पर कार्यक्रम आयोजित करने से पहले सरकार की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा. ‘पुनश्चैतन्य सेवा संस्था’ नाम के संगठन ने इस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया. दलील दी कि सरकार का यह कदम निजी संगठनों के अधिकारों का उल्लंघन करता है. 

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मंगलवार 28 अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस नागप्रसन्ना की सिंगल बेंच ने सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इसी रोक के खिलाफ राज्य सरकार ने फिर अपील की. लेकिन अदालत ने राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया. 

सरकार पर क्या आरोप लगे

बता दें कि राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए इस आदेश को लेकर आरोप लगे कि यह आदेश RSS की गतिविधियों को कंट्रोल करने के लिए जारी किया गया था. लेकिन इन आरोपों पर कर्नाटक के सूचना प्रौद्योगिकी और जैव प्रौद्योगिकी (IT-BT) मंत्री प्रियांक खरगे ने बताया था कि सरकार किसी भी संगठन को नियंत्रित नहीं कर सकती. लेकिन अब से सार्वजनिक जगहों या सड़कों पर मनमर्जी नहीं कर सकते. जो भी करना है, सरकार की अनुमति लेकर ही करना होगा.

मंत्री की सफाई

प्रियांक खरगे ने कहा कि यह सरकार के विवेक पर छोड़ दिया गया है कि वह ऐसी गतिविधियों की अनुमति दे या नहीं. मंजूरी देने के लिए कुछ नियमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि सिर्फ अधिकारियों को सूचना देकर सड़क पर लाठी लहराते हुए नहीं चल सकते. इससे पहले कर्नाटक के संसदीय कार्य मंत्री एच.के. पाटिल ने भी साफ किया था कि सरकार का यह कदम किसी खास संगठन के खिलाफ नहीं है.

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