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चूक या टेरर एंगल... श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में कैसे हुआ ब्लास्ट? 9 लोगों की मौत

Nowgam blast: इस ब्लास्ट में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लोग घायल हुए हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है. कैसे हुआ यह ब्लास्ट?

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बचावकर्मी मलबे में फंसे लोगों की तलाश कर रहे हैं. (फोटो: इंडिया टुडे)

दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट (Delhi Blast) के जख्म अभी भरे भी नहीं थे कि देश में एक और ब्लास्ट की खबर सामने आ गई. श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में शुक्रवार, 14 नवंबर देर रात एक बड़ा धमाका हुआ. इस ब्लास्ट में कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई और करीब 30 लोग घायल हुए हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है (Kashmir Nowgam Blast).

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इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि धमाका तब हुआ, जब पुलिस और फोरेंसिक टीमें फरीदाबाद से लाए गए एक्सप्लोसिव मैटेरियल को मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में सील कर रही थीं. फरीदाबाद आतंकी मॉड्यूल मामले में, जो 360 किलो एक्सप्लोसिव (अमोनियम नाइट्रेट) बरामद हुआ था, उसका ज्यादातर हिस्सा इसी पुलिस स्टेशन में रखा गया था. यहां इस केस की पहली FIR दर्ज हुई थी. 

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बरामद किए गए कुछ केमिकल को पुलिस ने फोरेंसिक लैब में भेज दिया है, लेकिन ज्यादातर केमिकल थाने में ही रह गए थे. प्रत्यक्षदर्शियों और CCTV वीडियो में देखा जा सकता है कि धमाके के बाद पूरी इमारत में आग लग गई, थाने की इमारत का बड़ा हिस्सा ढह गया और आसपास के इलाके में घना धुआं फैल गया.

300 फीट दूर मिले मानव अंग

मृतकों के शव को श्रीनगर के पुलिस कंट्रोल रूम ले जाया गया है. कई घायलों की हालत गंभीर है और बचावकर्मी मलबे में फंसे लोगों को तलाश कर रहे हैं. धमाके की तीव्रता का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि घटनास्थल से 300 फीट दूर तक मानव अंग मिले हैं.

जांच के दो एंगल- लापरवाही या आतंकी साजिश?

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसिया दो पहलुओं पर इस मामले की जांच कर रही हैं. एक आशंका यह है कि मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में सीलिंग के दौरान अमोनियम नाइट्रेट में आग लग गई.

जबकि, दूसरा संकेत एक आतंकी हमले की ओर इशारा करता है. अधिकारियों को शक है कि पुलिस स्टेशन में खड़ी एक जब्त कार में आईईडी (IED) लगाया गया था, जिससे बड़ा धमाका हुआ. जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी संगठन, पीएएफएफ (PAFF) ने कथित तौर पर इसकी जिम्मेदारी ली है, हालांकि अधिकारियों का कहना है कि इसकी पुष्टि अभी की जा रही है.

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दिल्ली ब्लास्ट से कनेक्शन?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 360 किलो एक्सप्लोसिव सबसे पहले फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल शकील गनई के किराए के घर से मिला था. वह इस केस में गिरफ्तार किए गए 8 आरोपियों में से एक है. जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने शुक्रवार शाम पूरे प्रदेश की सुरक्षा की समीक्षा की.

सुरक्षा एजेंसियां पहले से ही सतर्क थीं, क्योंकि इसी हफ्ते लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में कम से कम 13 लोगों की मौत हुई थी. अब नौगाम में हुए धमाके के बाद जांच टीमें यह देखने में जुट गई हैं कि कहीं दोनों धमाके किसी बड़ी, एक जैसी साजिश का हिस्सा तो नहीं. यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा.

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