The Lallantop

जैश के महिला संगठन में 5,000 महिलाओं की भर्ती, 500 रुपये फीस में फिदायीन बनने की मिल रही ट्रेनिंग

एक सोशल मीडिया पोस्ट में Jaish-e-Mohammed के सरगना Masood Azhar ने कहा है कि संगठन के महिला विंग में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ रही है. अब हर जिले में इनकी यूनिट बनाने की जरूरत है.

Advertisement
post-main-image
हाल ही में शुरू की थी महिला विंग. (फाइल फोटो)
author-image
अरविंद ओझा

भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के बहनोई को मार दिया था. इसी के बाद उसने ‘जमात-उल-मोमिनात’ नाम की महिला विंग बनाई. इसकी कमान अपनी विधवा बहन सादिया को सौंपी. मामले में ताजा अपडेट यह है कि इस संगठन से अब तक 5,000 महिलाएं जुड़ चुकी हैं. इनकी भर्ती सोशल मीडिया व अन्य तरीकों से की गई है.

Add Lallantop as a Trusted Sourcegoogle-icon
Advertisement

आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, संगठन में शामिल इन महिलाओं को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश की जा रही है. एक सोशल मीडिया पोस्ट में मसूद अजहर ने कहा है कि संगठन के महिला विंग में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ रही है. अब हर जिले में इनकी यूनिट बनाने की जरूरत है. हर जिले में एक मुंतजिमा (मैनेजर) होगी और काम बांटा जाएगा. दावा है कि इन महिलाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें फिदायीन कामों में शामिल होने के लिए तैयार किया जा रहा है.

Azhar Post
मसूद अजहर का पोस्ट. (फोटो- ITG)

बताते चलें कि मसूद की दूसरी बहन इस महिला विंग में बतौर टीचर जुड़ी है. वह संगठन में शामिल होने वाली महिलाओं की ट्रेनिंग आदि जैसे कामों को देखती है. मसूद अजहर का कहना है कि PoK के हर जिले में ‘जमात-उल-मोमीनात’ का अलग दफ्तर बनाया जाएगा. यहां भर्ती से लेकर कथित आतंकी ट्रेनिंग तक की प्रक्रिया पूरी होगी. विंग में शामिल कुछ महिलाओं ने चिट्ठी लिखकर बताया है कि जमात से जुड़ने के बाद उन्हें अपनी जिंदगी का मकसद मिल गया है.

Advertisement

NDTV की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया कि महिलाओं को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जा रही है. ये ऑनलाइन क्लासेज 40 मिनट की होती हैं. क्लास जॉइन करने के लिए 500 रुपये पर पर्सन की फीस देनी होती है. इनका मकसद प्लान महिलाओं को कट्टरपंथी बनाना और ISIS, हमास और LTTE जैसे फिदायीन हमले करने के लिए आतंकी ब्रिगेड बनाना है.

यह भी पढ़ेंः मसूद अजहर ने आतंक की नई ब्रांच खोली, विधवा बहन को बनाया लीडर

गौरतलब है कि पिछले महीने दिल्ली कार ब्लास्ट के बाद भी ‘जमात-उल-मोमिनात’ सुर्खियों में आया था. इन धमाकों की जांच के दौरान एजेंसियों ने डॉ. शाहीन सईद को गिरफ्तार किया था. दावा था कि शाहीन जैश के इसी मॉड्यूल का हिस्सा थी.

Advertisement

वीडियो: ऑपरेशन सिंदूर के बाद मसूद अजहर और ‘जैश-ए-मोहम्मद’ का क्या होगा? एक्सपर्ट ने बताया

Advertisement