इंडिगो संकट की वजह से कई यात्रियों के जरूरी काम उड़ानों के कैंसिल होने की वजह से रह गए. कोई खुद के रिसेप्शन में नहीं जा पाया. तो कोई अपने घर नहीं जा पाया. इस संकट की वजह से एक बच्चे का प्री-बोर्ड एग्जाम तक छूटने वाला था. लेकिन 'वालिद के साये का कोई सानी नहीं होता मियां'. जो काम एयरलाइन न कर पाई वो बाप ने कर दिया. 800 किमी गाड़ी दौड़ाकर बेटे को सीधा एग्जाम सेंटर के सामने उतारा.
इंडिगो फ्लाइट कैंसिल, बेटे का एग्जाम सेंटर 800 किमी दूर, बाप ने गजब कर दिया!
राजनारायण ने बताया कि जब वह एयरपोर्ट पहुंचे, तो उन्हें पता लगा कि इंदौर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल हो गई हैं. रद्द होने का मतलब था कि आशीष अवॉर्ड सेरेमनी भी मिस कर जाता. उसके प्री-बोर्ड एग्जाम भी छूट सकते थे. इतने कम समय में इंदौर के लिए ट्रेन में भी सीट बुक करना मुश्किल था.
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पेशे से वकील राजनारायण पंघाल के बेटे का 8 दिसंबर को इंदौर में एग्जाम था. लेकिन जब वह एयरपोर्ट पहुंचे, तो पता चला कि उनके बेटे की फ्लाइट कैंसिल हो गई है. Tribune India की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने बताया,
“मेरा बेटा आशीष चौधरी पंघाल (17) एक शूटिंग खिलाड़ी है. इंदौर के एक कॉलेज में 12वीं क्लास में पढ़ता है. वह छुट्टी पर घर आया था. और 8 दिसंबर को उसका एग्जाम था. उससे पहले 6 दिसंबर की शाम इंदौर के कॉलेज में उसको अवॉर्ड सेरेमनी में सम्मान मिलना था. दिल्ली से इंदौर की उसकी फ्लाइट पहले से बुक थी. मैं उसे दिल्ली एयरपोर्ट छोड़ने गया था.”
राजनारायण ने बताया कि जब वह एयरपोर्ट पहुंचे, तो उन्हें पता लगा कि इंदौर जाने वाली इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल हो गई हैं. रद्द होने का मतलब था कि आशीष अवॉर्ड सेरेमनी भी मिस कर जाता. उसके प्री-बोर्ड एग्जाम भी छूट सकते थे. इतने कम समय में इंदौर के लिए ट्रेन में भी सीट बुक करना मुश्किल था. ऐसे में पिता ने तय किया कि वे खुद कार चलाकर बेटे को मंजिल तक पहुंचाएंगे. राजनारायण ने दिल्ली से इंदौर तक रातभर गाड़ी चलाई. अगले दिन वह शहर में थे. बेटा समय पर पहुंच गया और अपना एग्जाम भी दे पाया.
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