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समंदर की गहराईयों में खोजकर बर्बाद कर दी जाएंगी दुश्मन की सबमरीन, नौसेना को ये 'ब्रह्मास्त्र' मिला है

Indian Navy भारत के आसपास Indian Ocean Region की निगरानी के लिए P8i का इस्तेमाल करती है. अमेरिका ने इस विमान को Poseidon नाम दिया है.

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इंडियन नेवी का P8i विमान (PHOTO-Indian Navy/Wikipedia)

भारत पर 50% टैरिफ (US Tariff) और डगमगाते रिश्तों के बीच अमेरिका से एक प्रतिनिधिमंडल भारत आया है. ये अमेरिका के रक्षा अधिकारियों (US Defence Delegation) का दल है जो इंडियन नेवी (Indian Navy) के लिए 6, P8i मैरीटाइम सर्विलांस एयरक्राफ्ट (P8i-Poseidon Maritime Patrol Aircraft) की डील को फाइनल करेगा. इस डील की कीमत 4 बिलियन डॉलर (लगभग 33 हजार करोड़ रुपये) 16 सितंबर से 19 सितंबर तक इस डेलिगेशन की रक्षा मंत्रालय के साथ मीटिंग्स होंगी. इस मीटिंग में अमेरिकी रक्षा विभाग के अलावा P8i बनाने वाली कंपनी बोइंग के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. तो समझते हैं क्या है इस डील का तिया-पांचा, और क्या है इस विमान की खासियत जिसे 'सबमरीन हंटर' नाम से भी जाना जाता है.

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Poseidon: नाम की कहानी दिलचस्प है

इंडियन नेवी भारत के आसपास के समुद्री एरिया (Indian Ocean Region) की निगरानी के लिए P8i का इस्तेमाल करती है. इस विमान को Poseidon नाम दिया है. ग्रीक माइथोलॉजी में Poseidon को ‘समुद्र का देवता’ माना जाता है. मान्यता है कि Poseidon समुद्र पर राज करते हैं. इसी तर्ज पर बोइंग ने बनाया है P8i-Poseidon. समुद्र में निगरानी के लिए वर्तमान में ये इंडियन नेवी का सबसे भरोसेमंद विमान है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद DGMO द्वारा दी गई ब्रीफिंग में भी बताया गया कि इस विमान ने पूरे संघर्ष के दौरान पाकिस्तानी नौसैना के अड्डों की लगातार मॉनिटरिंग की थी. तो अब ये समझते हैं कि क्या है इस विमान में और क्यों इसे Poseidon यानी ‘समुद्र का देवता’ कहा जाता है.

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हवा में गश्त लगाता इंडियन नेवी का P8i-Poseidon (PHOTO-X)
‘सबमरीन हंटर’ के नाम से मशहूर है P8i

P8i बोइंग द्वारा बनाए गए P8 का इंडियन वेरिएंट है. असल में ये एक बोइंग 737-800 विमान है जिसमें तमाम तरह के उपकरण और तामझाम लगा हुआ है. रोल यानी काम की बात करें तो ये समुद्र में गश्त करना, निगरानी करना और मुख्य तौर पर पानी की गहराई में घूम रही दुश्मन की सबमरीन को ढूंढने का काम करता है. क्या है इस विमान के फीचर्स, उन पर भी नजर डाल लेते हैं.

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  • लंबाई: 37.64 मीटर 
  • ऊंचाई: 12.83 मीटर 
  • विंगस्पैन: 37.64 मीटर
  • क्रू: 9 
  • इंजन: CFM-56-7BE मॉडल के 2 इंजन. हर इंजन 121.4 किलोन्यूटन का थ्रस्ट पैदा करते हैं. 
  • अधिकतम स्पीड: 907 किलोमीटर प्रति घंटा 
  • मैक्सिमम टेक-ऑफ वजन की क्षमता: 85,820 किलोग्राम 
  • रेंज: फुल टैंक पर 2,225 किलोमीटर से अधिक की रेंज
How do aircraft detect submarines? | by Naval Post | Medium
विमान से Sonobuoys ड्रॉप करता P8i (PHOTO-X)

ये विमान भले एक निगरानी विमान हो, लेकिन इसमें कुछ चीजें ऐसी हैं जो इसे बाकी निगरानी विमानों से अलग बनाती हैं. जैसे इसमें एक उपकरण लगा है जिसका नाम 'A Size Sonobuoys' है. P8i में ऐसे 129 Sonobuoys लगाए जा सकते हैं. ये एक तरह का सेंसर है जिसे विमान से पानी में गिराया जाता है. Sonobuoys पानी में तैरते रहते हैं और लगातार किसी सबमरीन या जहाज की तलाश में रहते हैं. पानी में तैरते रहने के दौरान ये हवा में उड़ रहे जहाज के साथ भी कॉन्टैक्ट में रहते हैं. इस तरह से हवा और पानी को मिलाकर P8i एक ऐसा अदृश्य जाल बनाता है जो सबमरीन को ट्रैप कर लेता है.

Defence Decode® on X: "Indian Navy P-8i Neptune test firing AGM-84 Harpoon  Anti Ship Missile. https://t.co/iHhA7Dd2vp" / X
हार्पून से हमला करता P8i (PHOTO-X)

अब मान लीजिए P8i को कोई दुश्मन का जहाज मिल गया और तत्काल हमला करने के लिए आसपास अपना कोई जहाज नहीं है. ऐसी स्थिति में P8i एक हथियार से हमला करता है जिसका नाम 'AGM-84 Harpoon Anti-Ship Missile' है. ये हथियार 1160 से 636 किलोग्राम तक के वजन वाले हथियार ले जाता है. ये हथियार रडार से बचने में माहिर है. साथ ही इसमें लगे गाइडेंस सिस्टम की वजह से इसकी सटीकता बहुत ही बेहतर है. इसके अलावा P8i में Mark-54 तॉरपीडो भी लगे हैं जो सबमरीन से लेकर किसी भी जहाज को नेस्तनाबूद कर सकते हैं.

इसके अलावा इस विमान पर सर्वाइवल किट भी होती है. इसे भी विमान से ही ड्रॉप किया जाता है. ये किट एक ऐसे पैकेट में होती है जो पानी के ऊपर तैरता है. इससे पानी में रेस्क्यू ऑपरेशंस और मार्कोस कमांडोज के मिशंस के दौरान भी ये विमान अहम रोल निभाता है. 

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आधुनिक सेंसर्स से लैस 

P8i में 9 लोगों का क्रू सवार होता है जो मिशन के दौरान अलग-अलग कामों को अंजाम देते हैं. इसके कॉकपिट में Identification of Friend or Foe (IFF) सिस्टम लगा है. कई बार जंग के दौरान हवा में कई विमान होते हैं. ऐसे में ये सिस्टम ये पता लगाता है कि कौन सा विमान दोस्त यानी अपना है, और कौन सा दुश्मन.

साथ ही इस विमान में APY-10 रडार लगा है जो हर मौसम में, दिन और रात, दोनों के समय सटीक जानकारी देता है. इंडियन नेवी ने अपने P8i में स्वदेशी कंपनी इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा बनाया हुआ Avantel Mobile Satellite System लगाया है.

कुल मिलाकर देखें तो P8i एक शानदार विमान है. समुद्र में ये विमान निगरानी के साथ-साथ जरूरत पड़ने पर हमले भी कर सकता है. आज जब नेवल वॉरफेयर का पूरा इकोसिस्टम सबमरीन वॉरफेयर की तरफ शिफ्ट हो रहा है, ऐसे में ये विमान भविष्य में भी कारगर साबित होगा. फिलहाल इंडियन नेवी के बेड़े में 12 P8i ऑपरेट कर रहे हैं. दिल्ली में चल रही 6 विमानों की डील पूरी होते ही इंडियन नेवी की फ्लीट में ऐसे 18 विमान हो जाएंगे. लेकिन ऐसा नहीं है कि निगरानी के लिए ये बस समुद्री क्षेत्र में ऑपरेट कर सकता है. डोकलाम और लद्दाख जैसे क्षेत्रों में चीन से तनाव के दौरान भी P-8i को तैनात किया गया था.

यह रक्षा डील Quad संगठन (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) में सहयोग को बढ़ावा देगी और आने वाले समय में भारत को मिलने वाले MQ-9B Predator ड्रोन के साथ मिलकर रीयल-टाइम मॉनिटरिंग में ये एक अहम रोल निभाएगी. साथ ही यह डील भारत की रूसी हथियारों पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ अमेरिका से साझेदारी मजबूत करने में भी महत्वपूर्ण रोल अदा करेगी. 

वीडियो: रखवाले: P8I - वो जहाज़, जिसपर भारतीय नेवी सबसे ज़्यादा भरोसा करती है

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